देश की सुरक्षा के लिए हमेशा ही बांग्लादेश और म्यांमार से आने वाले रोहिंग्या मुस्लिम खतरा रहे हैं, जिसके चलते देश में आंतरिक सुरक्षा का खतरा भी लगा रहता है। सीमाओं के खुले और निर्बाध होने के चलते ही म्यामांर से बड़ी संख्या में लोग भारत में घुसपैठ करते हैं और उनमें से कुछ ही सेना के हत्थे चढ़ते हैं, जिसका एक बार फिर उदाहरण सामने आया है। म्यांमार से घुसपैठ करके 14 लोग इम्फाल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए यात्रा करने वाले थे, जिन्हें एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विपरीत चिंताजनक बात ये भी है कि इन अवैध लोगों के पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिले हैं, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्ती बढ़ा दी है, और ये दिखाता है कैसे बांग्लादेश से लेकर म्यांमार तक की सीमाएं पूर्वोत्तर से घुसपैठ की एक बड़ी वजह है, जो कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
म्यांमार में सेना का सत्ता पर कब्जा होने के बाद से ही वहां लगातार मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, इसका नतीजा ये है कि भारत में घुसपैठ बढ़ती जा रही है। ऑर्गनाइज़र की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में म्यांमार से रोहिंग्याओं ने घुसपैठ की है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इसी बीच इम्फाल हवाई अड्डे पर फर्जी आधार कार्ड के साथ दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे 14 म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग फ्लाइट में चढ़ने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसको लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। सीएम का कहना है कि बिना उचित दस्तावेजों के देश में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि मणिपुर में लगभग 6000 म्यांमार शरणार्थी बसे हुए हैं, जिसमें से रोहिंग्या ही बहुसंख्यक हैं।
और पढ़ें- मोदी सरकार अगर सत्ता में न होती तो म्यांमार और अफगानिस्तान संकट के बीच भारत डंपिंग ग्राउंड बन जाता
असम पुलिस ने इस साल जुलाई में दिल्ली और अगरतला की यात्रा के दौरान गुवाहाटी और बदरपुर रेलवे स्टेशन से 24 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने गिरफ्तार रोहिंग्याओं के 3 भारतीय मुस्लिम आकाओं को भी गिरफ्तार किया है। ये हैंडलर रोहिंग्याओं को बांग्लादेश की सीमा से असम, त्रिपुरा में और म्यांमार की सीमा से मणिपुर, मिजोरम में प्रवेश करने में मदद करते थे। नगरोटा से लेकर तक जम्मू काम करने वाले हैंडलर अमन उल्लाह को भी गुवाहाटी से महिलाओं और बच्चों सहित रोहिंग्याओं के एक समूह के साथ गिरफ्तार किया गया था।
रेलवे पुलिस के सामने अपने कबूलनामे में, अमन उल्लाह ने कहा कि वह असम और उत्तर पूर्व में अराकान रोहिंग्या सॉल्वेंसी आर्मी (एआरएसए) के लिए एक नेटवर्क बेस स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। उसके सनसनीखेज कबूलनामें के बाद, मामले को आगे की जांच के लिए एनआईए को दिया गया था। गुवाहाटी में खुफिया एजेंसी से यह पता चला है कि बांग्लादेश स्थित कुछ इस्लामिक आतंकवादी संगठन म्यांमार से विस्थापित रोहिंग्याओं को अपना कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन स्थापित करने में मदद कर रहे हैं। स्पष्ट है कि इस घुसपैठ के जरिए भारत के खिलाफ साजिश की जा रही है। वहीं रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि कैसे भारत के खिलाफ ये साजिश पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा ही रची जा रही है।
और पढ़ें- डेरा डालने के लिए गैर-इस्लामी मुल्क ही क्यों चुनते हैं मुस्लिम प्रवासी
ये दिखाता है कि म्यांमार से होने वाली घुसपैठ भारत के लिए खतरा है, जिसके पीछे दोनों देशों की सीमाओं में कोई निश्चित स्थान का न होना है। सीमा के आस पास के गांवों से बड़ी संख्या में होने वाली घुसपैठ को रोकना सेना के लिए भी मुश्किल होता है। वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो कि आता तो शरणार्थी की वेश में हैं, किन्तु वो शरणार्थी कैंपों से बाहर निकलने के बाद एक कट्टरपंथी संगठनों से जुड़कर भारत में अराजकता को विस्तार देने के काम में जुट जाते हैं, जिसके चलते ये कहा जा सकता है म्यामार से लेकर बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ी खतरा है, जिससे निपटना मोदी सरकार के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है।