शशि थरूर अब भक्त बन गये हैं

शशि थरूर भक्त

PC: Hindustan Times

प्रत्येक राजनीतिक पार्टी में कुछ ऐसे नेता होते हैं, जो कि सत्य को बिना लाग-लपेट के स्वीकारते हैं। कांग्रेस में भी कुछ ऐसे ही नेता हैं, जो विचारधारा के मुद्दे पर भले ही भाजपा शासित मोदी सरकार को घेरते हों, किन्तु कुछ जनहित के मुद्दों पर ये मोदी सरकार के साथ खड़े दिखाई देते हैं। केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर की नीतियां भी ऐसी ही हैं, जिन्होंने अनेक मुद्दों पर मोदी सरकार का समर्थन करके पार्टी लाइन और नियमों को धज्जियां उड़ाई हैं। ऐसे में जब देश में वैक्सीनेशन का 100 करोड़ का रिकॉर्ड आंकड़ा पार हो चुका है, तो एक तरफ जहां कांग्रेस इस मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों को कोसने में समय बिता रही है, तो दूसरी तरफ शशि थरूर ने इस रिकॉर्ड के मोदी सरकार की जमकर प्रशंसा की है। शशि थरूर के इस रवैए को देखकर यदि ये कहा जाए कि वो मोदी सरकार के भक्त हो गए हैं, तो संभवतः इसमें कुछ ग़लत नहीं होगा।

मोदी भक्त बन गए शशि थरूर?

रिकॉर्ड वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर थरूर ने बिना किसी हिचक या पार्टी लाइन की सोच के सारा श्रेय मोदी सरकार को दिया है। उन्होंने कहा, “100 करोड़ टीके लगाया जाना एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय सरकार को दिया जाना चाहिए।” निश्चित तौर थरूर का इशारा इस ओर था कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और कर्मठता के बिना देश ऐसे ऐतिहासिक कार्य कभी कर ही नहीं पाता। ऐसे में उन्होंने कहा, “ये सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है। इसका श्रेय सरकार को दिया जाना चाहिए।” थरूर द्वारा मोदी सरकार की ये तारीफ कांग्रेस को खूब चुभने वाली है, क्योंकि नए भक्त शशि थरूर भी बगावती जी-23 के नेताओं की लिस्ट में शामिल हैं।

कांग्रेस कर रही है आलोचना

एक तरफ कांग्रेस में लोकसभा स्तर का नेता मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता इस मुद्दे पर राजनीति करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।  पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा को शशि थरूर के शब्द रास नहीं आए हैं। ऐसे में पवन खेड़ा ने ट्वीट कर अपने ही नेता की बातों पर कटाक्ष किया है। पवन खेड़ा ने कहा, “सरकार को श्रेय देना उन लाखों परिवारों का अपमान है, जिन्हें कोविड महामारी के कुप्रबंधन के कारण पीड़ा झेलनी पड़ी और इसके असर के चलते वो अब भी पीड़ा बर्दाश्त रहे हैं। श्रेय लेने से पहले प्रधानमंत्री को इन परिवारों से माफी मांगनी चाहिए। इसका श्रेय वैज्ञानिकों और चिकित्सा बिरादरी को जाता है।” 

पवन खेड़ा इतने पर ही नहीं रुके, बल्कि इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहर के मुद्दों को उठाया है। उन्होंने कहा, “कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान भीषण कुप्रबंधन और टीकों का ऑर्डर देने में विलंब के बाद सरकार अब आंशिक रूप से क्षतिपूर्ति कर पाई है। वह अपनी पहले की विफलताओं के लिए जवाबदेह है।” 

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वैक्सीनेशन पर वैश्विक प्रशंसा

कोरोनावायरस जैसी महामारी के बाद भारत के लिए पूर्वानुमान लगाने वालों ने यही कहा था कि देश कम से कम बीस वर्ष पीछे चला जाएगा, और वैक्सीनेशन का बिन्दु भारत के लिए दूर की कौड़ी होगा। वहीं, मोदी सरकार ने पूर्वानुमान लगाने वालों की सोच पर पड़े पत्थरों के टुकड़े कर दिए हैं। भारत ने न केवल वैश्विक स्तर की वैक्सीन की खोज कर युद्धस्तर पर उसका उत्पादन किया, अपितु 9 महीनों के अंदर देश में 100 वैक्सीन की डोज लगाने का रिकॉर्ड भी बना लिया है।

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ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी अधिकारियों से लेकर मोदी सरकार की नीतियों तक की प्रशंसा की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन तक भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार पर मोदी सरकार की पीठ ठोक चुका है। ऐसे में कांग्रेस को ये बात पच नहीं रही है और पार्टी अलग-अलग मुद्दों के जरिए मोदी सरकार की अनुचित आलोचनाओं में व्यस्त है, लेकिन पार्टी को सबसे बड़ा झटका कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिया है, क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार की ही भक्ति करना शुरू कर दिया है।

स्पष्ट है कि कांग्रेस वैक्सीनेशन के मुद्दे पर पूरी तरह बंट गई है, और थरूर जैसे बगावती नेता अब देशहित से जुड़े मामलों पर मोदी सरकार की प्रशंसा करने से तनिक भी बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं, ये इस बात का भी संकेत है कि जी-23 गुट के नेता अब गांधी परिवार के साथ उन मुद्दों पर नहीं खड़ें होंगे, जिनमें गांधी परिवार मोदी सरकार पर ऊल-जलूल हमले कर रहा होगा।

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