हाल ही में लखीमपुर खीरी में जो हिंसा हुई, उससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन उसकी आड़ में जो गिद्ध राजनीति हो रही है, उसे भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। महाराष्ट्र में तो आधिकारिक तौर पर ‘किसानों की हत्या’ के विरोध स्वरूप पूरे के पूरे राज्य को जबरदस्ती बंद कराया जा रहा है, जबकि तमिलनाडु में इसकी आड़ में ब्राह्मणों के विरुद्ध विष उगला जा रहा है। असल में लखीमपुर खीरी में आरोपों के घेरे में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी हैं, जिन्हे फिलहाल के लिए न्यायिक हिरासत में लिया गया है। अब इसी की आड़ में तमिलनाडु में एक बार फिर ब्राह्मण विरोधी अनर्गल प्रलाप प्रारंभ हो चुका है।
तमिलनाडु में ब्राह्मणों के विरुद्ध विष उगलना कोई नई बात नहीं है। विभाजन प्रेमी एवं विशुद्ध वामपंथी ईवी पेरियार रामास्वामी के समय से ही ब्राह्मणों के विरुद्ध ‘सामाजिक न्याय’ के नाम पर तमिलनाडु में एक सुनियोजित अभियान चलाया जाता है, जिसमें दिन रात उनका शोषण किया जयाता है, उन्हे अपमानित किया जाता है और उनका उपहास उड़ाया जाता है। इसी बीच में एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जहां सत्ताधारी डीएमके कांग्रेस गठबंधन से संबंधित एक सांसद ब्राह्मणों के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप करते हुए पाया गया है –
"Brahmins are the rowdies in Uttar Pradesh" TN, MP. pic.twitter.com/eK9K9yATw1
— Vishwatma 🇮🇳 ( மோடியின் குடும்பம் ) (@HLKodo) October 10, 2021
इस सांसद का नाम नहीं बताया गया, परंतु इसके भाषण से स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध के नाम पर ब्राह्मणों के विरुद्ध विष उगल रहा है, क्योंकि वह बोल रहा है कि उत्तर प्रदेश में ‘ब्राह्मणों का आतंक व्याप्त है’। इसी पर टिप्पणी करते हुए सुमंत रमन नामक यूजर ने ट्वीट किया, “इसीलिए शेष भारत और तमिलनाडु के राजनीतिक समीकरण अलग अलग है। ऐसे भाषण आपको और कहीं सुनने को नहीं मिलेंगे। यहाँ तमिलनाडु में ब्राह्मणों को अपमानित करना आम बात है। ये तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी का सहयोगी सांसद है” –
This is why the political dynamics of the rest of India and Tamil Nadu are different. You won't hear such speeches often in the rest of the country. In TN,Brahmin bashing is routine. "Rowdies in UP means Brahmins" says this Member of Parliament and ally of ruling party in TN. https://t.co/LpduXFY3vc
— Sumanth Raman (@sumanthraman) October 10, 2021
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लेकिन ये बात यहीं तक सीमित नहीं है। इस ट्वीट को ध्यान से पढिए –
Do you want to know what Tamil Nadu did right?
"Agraharams, the traditional enclaves of Brahmins, are getting transformed across the state as INCLUSIVE living spaces."
And this isn't enough. Hope Dalit Adivasi leaders n parties rise up n take their rightful place at the top. pic.twitter.com/5a8gqMU8n2
— BG 🖤 (@joBeeGeorgeous) September 20, 2021
ये एक अलगाववादी यूजर का ट्विटर अकाउंट, जो द्रविड़नाडु जैसे विषैले विचारधारा में विश्वास रखता है। ब्राह्मणों से इसकी घृणा इस स्तर तक है कि ये उनके गृहों पर नियंत्रण को सामाजिक न्याय की विजय का प्रतीक मानता है। इस यूजर के ट्वीट के अनुसार, “आपको पता है तमिलनाडु ने क्या सही किया? ब्राह्मणों के पारंपरिक घरों यानि अग्रहम को अब सार्वजनिक धर्मशालाओं में परिवर्तित किया जा रहा है। आशा करते हैं ऐसे ही दलित आदिवासी नेता भी अपने उचित स्थान जल्द ही शीर्ष पर लें” –
Do you want to know what Tamil Nadu did right?
"Agraharams, the traditional enclaves of Brahmins, are getting transformed across the state as INCLUSIVE living spaces."
And this isn't enough. Hope Dalit Adivasi leaders n parties rise up n take their rightful place at the top. pic.twitter.com/5a8gqMU8n2
— BG 🖤 (@joBeeGeorgeous) September 20, 2021
सच कहें तो ब्राह्मण विरोध तो तमिलनाडु के लिए कोई नई बात नहीं है। परंतु जिस प्रकार से लखीमपुर खीरी की आड़ में वे हिन्दू समाज को बांटने में जुटे हुए हैं, और ब्राह्मणों को नीचा दिखाने पर तुले हुए हैं, इससे सिद्ध होता है कि तुष्टीकरण के लिए सत्ताधारी डीएमके किस स्तर तक जा सकती है। परंतु जब पाप का घड़ा भर जाता है, तो विनाश भी निश्चित हो जाता है, और ऐसे में ब्राह्मणों और सनातन संस्कृति के विरुद्ध निरंतर विष उगलने वाले इन पार्टियों का भी भविष्य अधिक उज्ज्वल नहीं है।