बॉलीवुड-NCP-शिवसेना का गठजोड़ जितना NCB को पीछे धकेलेगा, वह उतना ही मजबूत होगा: मोदी सरकार

मोदी सरकार एनसीबी

एलोपैथी मरीज़ का रोग नहीं खत्म करती, बल्कि उसे दबा देती है, जबकि होम्योपैथी रोग को जड़ से खत्म करती है। मोदी सरकार की नीति भी कुछ वैसी ही है, जिसने देश की समस्याओं को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठा रखा है। इसमें कोई शक नहीं है कि बॉलीवुड समेत पंजाब और देश के कुछ इलाकों में नशे का कारोबार धड़ल्ले से चलता है। ऐसे में पिछले वर्ष सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लगातार एनसीबी द्वारा बॉलीवुड के अनेक सितारों पर कार्रवाई हुई है। हाल-फिलहाल में आर्यन खान और अनन्या पांडे एनसीबी के लपेटे में हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार एनसीबी का विस्तार करने की तैयारी कर रही है।

 एनसीबी की बड़ी कामयाबी

बॉलीवुड जिस तरह से नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है, वो किसी से छिपा नहीं है। इसके विपरीत एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे को लपेटे में लेकर बॉलीवुड की सबसे बड़ी मछली पकड़ ली है। बड़ी बात ये है कि उन्हें इस बात से कोई फर्क पड़ा कि आर्यन कौन है? किसके बेटे हैं। उन्होंने केवल‌ कानून के अनुरूप काम किया। इसका नतीजा ये है कि अब उन्हें महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों द्वारा निशाने पर लिया जा रहा है। इतना ही नहीं, समीर वानखेड़े के परिजनों पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इसी से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टियों का बॉलीवुड से गठजोड़ किताना मजबूत है कि एक-दूसरे को बचाने के लिए ये किसी भी हद तक चले जाते हैं। इन लोगों का नशे से कनेक्शन भी काफी मजबूत है तभी तो नवाब मलिक का दामाद जब पकड़ा गया वो उसे बचाने के लिए दरवाजे के पीछे से हाथ-पांव मार रहे हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार एनसीबी की ताकत बढ़ाने की ओर ध्यान दे रही है जोकि बॉलीवुड समेत नशे के कारोबारियों के लिए सबसे बड़ा खतरा हो सकता है।

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विस्तार करने की कोशिश में गृह मंत्रालय 

 एनसीबी भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है और सीधे गृह मंत्री को रिपोर्ट करते हैं। वर्तमान हकीकत ये भी है कि देश में कुछ राज्यों को छोड़ दें तो एनसीबी का संगठन कई राज्यों में स्थापित नहीं है। इसी के चलते धड़ल्ले से नशे का कारोबार होता रहता है, लेकिन अब मोदी सरकार इसे जड़ से खत्म करने के लिए तैयारियां कर चुकी है। खबरें बताती हैं कि एनसीबी के लिए गृह मंत्रालय 3000 से अधिक पदों के लिए एनसीबी के अधिकारियों की नियुक्ति करवाना चाहती है, जिससे जांच एजेंसी की ताकत में विस्तार और महत्वपूर्ण मामलों को जल्दी से जल्दी निपटाया जा सके।

 प्रोफेशनल तरीके से हो काम

आज की स्थिति ये है कि किसी भी केस को लेकर संस्थाओं पर राजनीतिक और VVIP दबाव भारी पड़ता है। ऐसे में गृह मंत्रालय विभिन्न राज्यों में एनसीबी एजेंसी के अधिकारियों की संख्या बढ़ाना चाहता है, जिससे ये ड्रग्स से संबंधित मामलों पर प्रोफेशनल तरीके से नियंत्रण रखा जा सके और जांच के काम को तेजी से निपटाया जा सके। वर्तमान में कई राज्यों में इसका मजबूत संगठन तक नहीं है। इसके चलते अभी उसे दूसरी एजेंसियों से मदद लेनी पड़ती है, जो नशीली दवाओं के मामलों में केस की छानबीन में पारंगत नहीं हैं, जिससे जांच की गुणवत्ता प्रभावित होती है, और जांच में देरी और सबूतों की कमी के आधार पर आरोपी छूट जाते हैं। यही कारण है कि गृह मंत्रालय एनसीबी को प्रोफेशनल बनाना चाहती है।

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भेज दिया गया है प्रस्ताव

 गृह मंत्रालय के इस एक्शन प्लान के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है। गृह मंत्रालय का उद्देश्य आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों में भी एनसीबी के सेटअप को मजबूत करना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे पर बताया, “वर्कफोर्स की कमी के चलते हमें दूसरी एजेंसियों और राज्य पुलिस के भरोसे रहना पड़ता है, जिसके चलते समय पर जांच की गुणवत्ता प्रभावित होती है, क्योंकि नशीली दवा के मामले की जांच के लिए सभी एजेंसियां ट्रेंड नहीं होतीं।”

 बढ़ेगी कार्रवाई की गुणवत्ता 

सर्वविदित है कि पाकिस्तान के जरिए पंजाब में नशे का कारोबार युद्ध स्तर पर किया जाता है जिसे रोकने में कई बार बीएसएफ और पंजाब पुलिस भी नाकाम हो जाती है। इसी का नतीजा है कि पंजाब में नशा आज भी एक बड़ा मुद्दा है। पंजाब की तरह ही देश के अन्य इलाकों और बॉलीवुड में नशे का कारोबार हो रहा है, लेकिन कार्रवाई करने वाली एनसीबी के पास पर्याप्त लोग नहीं हैं। गृह मंत्रालय एनसीबी में विस्तार करने के प्रयास कर रही है जिसका नतीजा ये हो सकता है कि आर्यन खान जैसी बॉलीवुड की बड़ी मछली एनसीबी के हाथ लगे।

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