हाल ही में लखीमपुर खीरी में एक मंत्री के सम्बोधन के पश्चात हिंसक उपद्रव हुआ, जिसमें 4 उपद्रवी और 2 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ 1 पत्रकार और एक ड्राइवर की भी मृत्यु हो गई। इस पूरे प्रकरण के बाद लखीमपुर में धारा 144 लगा दी गई है और किसी भी राजनीतिक नेता को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। कहने को वामपंथियों ने प्रारंभ में पूरा प्रयास किया कि किसी भी प्रकार से भाजपा के नेताओं, विशेषकर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरुद्ध आरोप सिद्ध कर लें, परंतु कुछ ऐसी हृदय विदारक वीडियो सामने आए हैं, जिनसे स्पष्ट होता है कि लखीमपुर हिंसा का उद्देश्य क्या था और किस लिए कुछ हिंसक उपद्रवियों ने एक निर्दोष कार ड्राइवर ओमप्रकाश मिश्रा की जान सिर्फ इसलिए ले ली, क्योंकि वह आत्मरक्षा में उन उपद्रवियों के बीच में से बिना देखे गाड़ी भगा रहा था –
https://twitter.com/go4avinash/status/1444724957687123969
इस वीडियो को ध्यान से देखिए। यहाँ पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि एक व्यक्ति खून से लथपथ है और उसकी बुरी तरह पिटाई हो रही है। शायद ये वही व्यक्ति उस कार में था, जिसे पलट दिया गया। भीड़ ने उसकी पिटाई की। वो बार-बार कह रहा है कि उसे मिश्रा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा था, लेकिन ‘किसान प्रदर्शनकारी’ उससे जबरन कबूलवाने चाह रहे हैं कि उसे किसानों को कुचलने के लिए भेजा गया है l
परंतु जो वीडियो में पिट रहा था, क्या वही वास्तव में ड्राइवर था? प्रारम्भिक जांच पड़ताल के बाद के बाद सामने आया है कि ड्राइवर की हत्या निस्संदेह हुई, परंतु जो पिटा, वो एक राहगीर श्याम सुंदर निषाद था, जिसके बारे में एक ट्विटर यूजर Hindu OSINT ने पोस्ट किया,
“जिस ड्राइवर की हत्या हुई, उसका नाम वास्तव में ओमप्रकाश मिश्रा था, परंतु वीडियो में जो व्यक्ति पिट रहा था, वह एक राहगीर श्याम सुंदर निषाद था, जिसको उस गाड़ी में होने के नाते पीट-पीटकर मार डाला गया”
https://twitter.com/Hindu_OSINT/status/1445083322732797959
परंतु बात यहीं पर नहीं रुकती। लखीमपुर खीरी हिंसा का एक नया वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक अनियंत्रित गाड़ी गुजरती दिखाई दे रही है और उसकी विंडशील्ड टूटी हुई है। ऐसे में अब प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या इस गाड़ी पर पहले ही ‘किसानों’ की भीड़ ने पत्थरों और लाठियों से हमला किया था, जिसकी वजह से घायल ड्राइवर ने गाड़ी से अपना नियंत्रण खो दिया होगा और दुर्घटना हो गई –
इससे दो बातें स्पष्ट है – उक्त ड्राइवर ने उपद्रवियों पर जानबूझकर नहीं बल्कि हड़बड़ाहट और आत्मरक्षा में गाड़ी चढ़ाई थी। अविनाश श्रीवास्तव नामक ट्विटर यूजर द्वारा शेयर किये गए वीडियो के शीर्षक के अनुसार, “इस निर्दोष को पकड़कर “नकली किसान” यह कहलवाना चाहते थे कि उनको मारने के लिए इस व्यक्ति को केन्द्रीय मंत्री श्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ ने भेजा है” –
https://twitter.com/go4avinash/status/1444724957687123969
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ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि जिस प्रकार से लखीमपुर में उपद्रवियों ने हमला किया था, ड्राइवर ओमप्रकाश और गाड़ी में बैठे श्यामसुंदर निषाद के पास आत्मरक्षा में ‘गाड़ी भगाने’ के अलावा कोई विकल्प नहीं था। भला हो कि सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो वायरल हुई हैं, जिनमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि किस प्रकार से गाड़ी की विंडशील्ड तोड़ी गई थी, और किस प्रकार से राजनीतिक लालसा के लिए एक परिवार के चिराग को बुझा दिया गया।