एक ब्रिटिश नागरिक ने एक सुसाइड बॉम्बर को अपने ही टैक्सी में बंद कर उड़ा दिया!

आतंकवाद से कहीं भी कोई समझौता नहीं!

लिवरपूल

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सम्पूर्ण संसार इस समय दो गंभीर महामारियों का एक साथ सामना कर रहा है. एक तरफ है कोविड-19 तो दूसरी ओर है इस्लामिक आतंकवाद. कोविड-19 को हम वैक्सीन के बल पर नियंत्रित कर भी सकते  हैं, पर आतंकवाद को नियंत्रित करना इतना भी सरल नहीं है और ब्रिटेन में इस समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है. वर्तमान प्रशासन के अनेक प्रयासों के बावजूद वहां उपस्थित ब्रिटिश मुसलमानों, और विपक्षी राजनीतिक दल लेबर पार्टी के तुष्टिकरण नीतियों की कृपा से यूके आतंकवाद के लिए अब प्लेग्राउंड समान बन रहा है. कट्टरपंथी मुसलमान नाम बदलकर ब्रिटेन में रह रहे हैं और ब्रिटेन को ही दहलाने की कोशिशों में लगे हैं! हाल ही ब्रिटेन में हुई यह घटना इसका जीता जागता प्रमाण है.

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दरअसल, एक आतंकवादी जो काफी लंबे समय से ब्रिटेन में नाम और धर्म बदलकर रह रहा था, उसने एक बड़ी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग की थी, लेकिन ब्रिटिश टैक्सी ड्राइवर डेविड पेरी की सूझबूझ ने न सिर्फ उस आतंकी की बाट लगा दी, बल्कि एक बड़े आतंकी हमले को भी टाल दिया. डेविड ने आतंकी की भावनाओं को भांपते हुए उसे अपनी टैक्सी में लॉक कर, उसे टैक्सी उड़ाने पर विवश कर दिया. उस आतंकी की पहचान इमाद अल-स्वैलमिन के रुप में हुई है.

लेकिन ये इमाद अल-स्वैलमिन आखिर था कौन? दरअसल, इमाद अल-स्वैलमिन को इंग्लैंड में उसके दोस्त और जान-पहचान वाले ‘एंज़ो अल्मेनी’ के रूप में जानते थे. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार उसने साल 2017 में कहने को इस्लाम त्याग दिया था, परन्तु वह मात्र दिखावा था, क्योंकि साल 2014 में शरणार्थी बनने का उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया था. ऐसे में नाम और धर्म बदलकर उसने 2017 में आखिरकार इंग्लैंड में शरण ले ही ली.

लिवरपूल में थी हमले की प्लानिंग

गौरतलब है कि लिवरपूल में हाल ही में एक आत्मघाती हमलावर इमाद अल स्वैलमिन ने चर्च के बाहर विस्फोट करने की पूरी प्लानिंग कर ली थी। परन्तु, इसे ईश्वर का न्याय कहें या इमाद का दुर्भाग्य, टैक्सी ड्राइवर डेविड को उसकी एक-एक बात समझ में आ गई और वह जैसे ही अस्पताल से टैक्सी में अपने कार्य को अंजाम देने के लिए निकला, वैसे ही डेविड ने तुरंत आत्मरक्षा में वार करते हुए उसे नियंत्रित किया और अपनी ही टैक्सी में लॉक कर दिया, जिससे इमाद के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. इस प्रकरण में डेविड को चोटें भी आई है.

डेलीमेल के रिपोर्ट के अनुसार, डेविड से आतंकी ने लीवरपूल की पॉपी डे परेड में ले जाने को कहा था, लेकिन उन्होंने जब आतंकी के पास विस्फोटक देखा, तो उसे कार में ही बंद कर दिया. इस हमले में डेविड पेरी घायल हो गए, लेकिन चंद टांकों के बाद अब वो सुरक्षित अपने घर पर हैं. सूत्रों के अनुसार, डेविड को पहले लीवरपूल के बड़े चर्च में चलने को कहा गया, लेकिन बाद में मूड बदला तो आतंकी ने लीवरपूल के महिला अस्पताल के पास गाड़ी रोकने को कहा. इसके बाद जब आत्मघाती हमलावर गाड़ी से उतरने लगा, तो डेविड ने उसके कपड़ों पर विस्फोटक बंधा हुआ देखा और तुरंत समझ गया कि आखिर ये शख्स कौन है. उसने आतंकी को कार में बंद किया, जिसके बाद कार के भीतर ही जोरदार विस्फोट हुआ.

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पुलिस कर रही है मामले की जांच

बताया जा रहा है कि आत्मघाती हमलावर एक ऐसे समारोह में हमला करने की फिराक में था, जहां 2000 से अधिक सैन्य कर्मी, दिग्गज नागरिक और गणमान्य इकट्ठा होने वाले थे. ये समारोह चर्च में था, लेकिन टैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ के कारण एक बड़ी घटना होने से टल गई. अब पुलिस ने जिन संदिग्धों को पकड़ा है, वो 21 से 29 साल के लड़के हैं. स्थानीय पुलिस आवश्यक पूछताछ कर मामले की जांच में लग गई है. सच कहें तो जहां एक तरफ यूके में तुष्टिकरण में अंधे कुछ राजनीतिज्ञ स्वीडन और अमेरिका की भांति अपने ही देश को भस्म करने पर तुले हैं, तो वहीं डेविड पेरी जैसे नागरिक भी हैं, जो अपने ही शैली में देश को एक स्पष्ट सन्देश दे रहे हैं – आतंकवाद से कोई समझौता नहीं!

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