ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की साख और विश्वसनीयता दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। अब इस कंपनी का नाम गांजे की अवैध खरीद-बिक्री के मामले में सामने आया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने अवैध गांजे के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अमेज़न के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भिंड पुलिस ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, 1985 की धारा 38 के तहत अमेज़न के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उक्त अधिनियम मादक पदार्थों के व्यापार में शामिल कंपनियों से संबंधित है। कंपनी पर यह भी आरोप है कि उसने पुलिस से झूठ बोला और उनकी जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, जब गांजे की सप्लाई के मामले में पुलिस जांच के लिए ग्वालियर स्थित अमेजन के आफिस में पहुंची, तब वहां के टीम लीडर ने जानकारी देने में आनाकानी की। हालांकि, इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए स्टेशन मैनेजर प्रशांत सिसौदिया के नाम से ही सीआरपीसी 91 के तहत नोटिस निकाल दिया। साथ ही पुलिस ने कढ़ी पत्ते मंगवाने वाले आर्डर की डिटेल सहित अन्य जानकारी भी मांगी है।
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अमेजन से मादक पदार्थ की सोर्सिंग
दरअसल, अमेजन कंपनी पिछले एक हफ्ते से मध्यप्रदेश पुलिस के रडार पर थी। यह कहानी शुरु होती है 13 नवंबर 2021 से भिंड पुलिस द्वारा 20 किलो गांजे के साथ दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ। उन्हें आंध्र प्रदेश के विशाखापत्ट्टनम से मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी करने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। गिरफ्तार किए गए दो लोगों में एक ग्वालियर का रहने वाला सूरज उर्फ कल्लू पवैया और दूसरा भिंड जिले का एक ढाबा मालिक पिंटू उर्फ बिजेंद्र सिंह तोमर था।
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— Zee MP-Chhattisgarh (@ZeeMPCG) November 20, 2021
न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, भिंड जिले के अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि “गिरफ्तार दोनों की व्यक्तियों से पूछताछ के बाद की जांच से पता चला है कि वे पिछले चार महीनों से प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेज़न का उपयोग कर प्रतिबंधित मादक पदार्थ की सोर्सिंग कर रहे थे।”
4 महीने में 1.10 करोड़ रुपये का लेनदेन
रिपोर्ट के अनुसार पिछले चार महीनों में उनके द्वारा अमेजन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लगभग एक टन गांजा पहले ही प्राप्त किया जा चुका है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि पिछले चार महीनों के दौरान 1.10 करोड़ रुपये का मौद्रिक लेनदेन हुआ था। दोनों गिरफ्तार आरोपियों ने ‘Babu Tex’ नाम से एक कंपनी बनाई थी और इसे एक विक्रेता के रूप में अमेज़न पर पंजीकृत किया था। साथ ही कंपनी के माध्यम से दावा करते थे कि उनकी कंपनी हर्बल उत्पाद और कड़ी पत्ते बेच रही है। लेकिन वे इस प्लेटफॉर्म का उपयोग स्टीविया नामक कृत्रिम मिठास बेचने की आड़ में गांजा का व्यापार करने में करते थे। इससे होने वाले डील का 66 प्रतिशत से अधिक अमेज़ॅन को मिलता था।
भिंड पुलिस प्रमुख ने बताया कि “हम जल्द ही अमेज़न को नोटिस भेजने जा रहे हैं, क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल मादक पदार्थ की इस नापाक ऑनलाइन तस्करी को रोकने के लिए कई मामलों में विफल रहा है।” यदि आगे की जांच में यह साबित हो जाता है कि यह ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म की गलती है और वो भी अपराध में हिस्सेदार है, तो उस पर 29 NDPS अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। दरअसल, Amazon ने एक बयान जारी कर दावा किया था कि कंपनी भारत में प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद और बिक्री की अनुमति नहीं देती है, लेकिन पुलिस जांच में कुछ और ही निकला।
भारत में कई अवैध गतिविधियों में अमेजन की संलिप्तता
बताते चलें कि हाल ही में अमेज़न की संलिप्तता भारत में कई अवैध गतिविधियों में सामने आई है। कंपनी प्राइवेसी बेच रही है और अपने मुनाफाखोरी के मकसद से भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दे रही है। यही नहीं भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करने के लिए यह कंपनी रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के साथ एक कानूनी लड़ाई में भी उलझी हुई है। NDPS अधिनियम के तहत अमेज़न के अधिकारियों पर कार्रवाई कंपनी के लिए सबसे बुरे समय पर आई है। आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद से देश में नशीली दवाओं के सेवन को लेकर माहौल बेहद गंभीर है। अब जिस तरह से अमेज़न की संलिप्तता गांजे के व्यापार में सामने आई है, वह इस कंपनी की साख को और नुकसान पहुंचाएगी।