आपको वो हलाल वाला विवाद याद है? जी हां! वहीं, जिसमें BCCI ने हर क्रिकेटर के लिए एक हलाल भोजन योजना का आदेश दिया था और जिसके विरोध में सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ. अब ऐसा प्रतीत होता है कि ये सब फेक न्यूज़ का मायाजाल था, जिसके विरोध में BCCI को स्पष्टीकरण देने सामने आने पड़ा है.
BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने इस पूरे विवाद पर अपनी सफाई पेश करते हुए मीडिया एजेंसी IANS से बताया कि “BCCI ने किसी खिलाड़ी या टीम के स्टाफ़ को ऐसे कोई दिशानिर्देश नहीं दिए हैं. ये सब अफवाहें हैं. ऐसे किसी डायट प्लान के बारे में न चर्चा हुई है और न ही की जायेगी. खिलाड़ी क्या खा सकते हैं क्या नहीं, ये तय करना प्रशिक्षकों का काम है, बोर्ड का नहीं. वे अपनी इच्छानुसार कुछ भी खा सकते हैं.”
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परन्तु, आखिर ये विवाद किस बात पर उपजा? असल में BCCI ने कथित तौर पर एक डायट प्लान सार्वजानिक किया, जिसमें खिलाडियों को मांसाहारी व्यंजन के तौर पर केवल हलाल मांस उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई थी. TFI Post के एक विश्लेषणात्मक पोस्ट के अनुसार, क्रिकेट में खिलाड़ी अपने फिटनेस को लेकर सजग रहते हैं, वे विभिन्न प्रकार के आहार कासेवन करते हैं. विशेष तौर पर मांस का सेवन खिलाड़ियों द्वारा अधिक किया जाता है! ऐसे में, स्पोर्ट्स तक के हवाले से यह कहा गया था कि “BCCI ने अपने खिलाड़ियों को हलाल मांस खाने की अनुमति दी है।” जिसके बाद जमकर बवाल मचा था, लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास भी निकाली थी.
PTI की रिपोर्ट को बनाया गया था आधार
आखिर यह विवाद उपजा कहां से, इस बात को लेकर चर्चा छिड़ गई है? अधिकतम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस रिपोर्ट को सर्वप्रथम प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया (PTI) ने सार्वजनिक किया था. स्वयं स्पोर्ट्स तक और इंडिया टुडे ने PTI के ही रिपोर्ट को आधार बनाकर इस मामले को कवर किया था. परन्तु PTI ने किसी भी तथ्यात्मक डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक नहीं किया. तो प्रश्न यह उठता है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है? PTI या BCCI?
यदि BCCI झूठ बोल रही थी, तो वर्तमान निर्णय स्पष्ट करता है कि उसे जनविरोध के सामने झुकना पडा है और अपनी सफाई में स्पष्टीकरण पेश करना पडा है. परन्तु प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया भी कोई दूध की धुली नहीं है, यह एजेंसी फेक न्यूज़ फैलाने के लिए इससे पहले भी अनेक बार सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुकी है.
फेक न्यूज फैलाने में माहिर है PTI
वो कैसे? असल में फरवरी 2021 में असम के वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के हवाले से PTI ने ट्वीट किया और लिखा था कि “अगर आप भारत और गीता के बीच चल रही जंग में भारत के साथ खड़े हैं तो ही आप एक सच्चे हिंदू माने जाएंगे।” लेकिन वास्तव में हिमंता ने अपने कथन में कहा था कि “आज के दौर में तथाकथित सेक्युलर लोग भारत और कुरान के बीच प्राथमिकता किसे देंगे? मैं तो भारत को दूंगा, क्योंकि जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।”
उसके बाद स्वयं हिमंता बिस्वा सरमा ने PTI के इस काली करतूत को पुन: री-ट्वीट करते हुए अपनी कही हुई बात दोहराई और ये भी कहा कि “सभी को मेरा इंटरव्यू देखना चाहिए, क्योंकि पीटीआई ने उनकी कही हुई बात को गलत तरीके से ट्वीट किया है।”
PTI must put this tweet in proper context. My question was if there is a conflict between Quran and Bharat which side so called secular people will stand? For me it is
"Janani Janmabhumishcha Swargadapi Gariyasi. Watch my full interview tomorrow https://t.co/Gavbp8npgk— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) February 17, 2021
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ऐसे में यदि BCCI ने वास्तव में ऐसा कोई विवादित प्लान बनाया था, तो PTI को निस्संकोच अपना डॉक्यूमेंट सार्वजनिक करना चाहिए. लेकिन यदि PTI ने फेक न्यूज़ फैलाई है, तो उसके विरुद्ध BCCI को ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि वह सपने में भी दोबारा ऐसे घृणित कार्य करने से पहले हज़ार बार सोंचे!