अपने ही जीपीएस ‘BeiDou’ को चीन ने कहा गुडबाय, उसे डर है कि भारत सेंध लगा सकता है!

LAC पर भारतीय सेना की निगरानी ग्रिड बढ़ते ही छटपटाने लगा चीन!

BeiDou

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चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑफ आर्मी (PLA) ने एक साल तक सेवा लेने के बाद अपने नेविगेशन सिस्टम BeiDou का इस्तेमाल बंद कर दिया है। चीन का यह कदम भारतीय सेना द्वारा बढ़ाए गए निगरानी के बाद आया है। इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें इस बात का दावा किया गया है। वहीं, PLA के इस कदम को भारत से लगे सीमावर्ती इलाकों में अपनी गतिविधियों को छिपाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, भारतीय सेना ने उत्तरी और पूर्वी सीमाओं की निगरानी ग्रिड को बढ़ा दिया है। अपनी उन्नत निगरानी प्रणालियों के साथ भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर PLA गतिविधियों के बारे में स्पष्ट तस्वीरें और वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम है। ऐसे में चीन को लगता है कि भारतीय सेना चीनी नेवीगेशन BeiDou को हैक कर चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रख रही है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन के कदम को ध्यान में रखते हुए, भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी तंत्र को बढ़ा दिया है।

आईएएनएस ने एक सूत्र के हवाले से कहा, “यह उत्तरी सीमा पर अपनी महत्वपूर्ण गतिविधियों या तैयारियों को छिपाने के लिए पीएलए द्वारा जानबूझकर किया गया प्रयास हो सकता है।” ध्यान देने वाली बात यह है कि BeiDou प्रणाली दुनिया की चौथी वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जिसे चीन द्वारा विकसित किया गया था। इसका उद्देश्य अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम पर निर्भरता को समाप्त करना था। IANS ने खुफिया रिपोर्टों के अनुसार बताया है कि पिछले एक महीने में उत्तरी सीमाओं पर BeiDou प्रणाली का उपयोग कम किया गया है।

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निगरानी बढ़ते ही छटपटाने लगा चीन

चीन को नेविगेशन सिस्टम के अपने उपयोग को बंद करना पड़ा है, जिसे उसने जून 2020 में तैनात किया था। इसके कारण कुछ और नहीं बल्कि, भारत द्वारा लंबी दूरी के निगरानी ड्रोन, रडार और नाइट विजन क्षमताओं को मजबूत करना है। सशस्त्र बल न केवल एलएसी के साथ, बल्कि चीनी पक्ष के गहराई वाले क्षेत्रों में भी अपनी स्थिति को मजबूत करने और सटीक आकलन के लिए यूएवी, सैटेलाइट इमेजरी, रडार और ग्राउंड कैमरों से फीड का आकलन करने के लिए एकीकृत तरीके से काम कर रहे हैं।

अरुणाचल प्रदेश के रूपा में दिल्ली के पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि एलएसी के करीब निगरानी बढ़ाई जा रही है और कुछ क्षेत्रों में तैनाती बढ़ाई गई है।

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लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि भारतीय सेना ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों के स्तर और अपनी क्षमता को बढ़ाया है।  उन्होंने आगे कहा कि सेना ने नाइट विजन क्षमताओं के लिए नए रडार, लंबी दूरी की निगरानी ड्रोन और प्लेटफॉर्म शामिल किए हैं। चीन के अलावा, पाकिस्तान भी हथियार प्रणालियों को तैनात करने के लिए BeiDou उपग्रह प्रणाली का उपयोग कर रहा है।

घटिया BeiDou नेविगेशन सिस्टम को चीन ने बताया था सबसे बेहतर

भारत ने पिछले 18 महीने से चीन की नाक में दम कर रखा है। हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि Covid-19 वास्तव में एक जैव हथियार था। इसके अतिरिक्त तिब्बत सीमा पर भारत, नन्हें मुन्ने चीनी सैनिकों को कई बार सबक सीखा चुका है। अगर यह कहा जाए कि चीन पिछले कुछ समय से भारत के हाथों ऐसा अपमान सह रहा है, जो उसे कभी नहीं मिला तो यह गलत नहीं होगा।

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अब भारत द्वारा निगरानी बढ़ाए जाने से चीन इनता डर गया है कि वो अपने स्वनिर्मित नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करना बंद कर रहा है। ध्यान रहे कि चीन ने BeiDou को अमेरिकी GPS के अंतिम विकल्प के रूप में विपणन करने की कोशिश की थी, उसने अपने घटिया उपग्रह-निर्भर पोजिशनिंग सिस्टम को सबसे बेहतर बताया था। आज चीन को डर है कि भारत BeiDou में सेंध लगा सकता है और सभी PLA के सभी चालों के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त कर सकता है। शायद यही कारण है कि उसने BeiDou के उपयोग पर रोक लगा दी है।

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