किसी भी आधुनिक राष्ट्र के लक्षण क्या होते हैं? आर्थिक शक्ति और एक सम्मानित सैन्य संस्थान है? पहले सैनिकों और सैन्य अधिकारियों को शासक के गुंडों के रूप में देखा जाता था! हालांकि, अभी ऐसा नहीं है। दुनिया भर में अब यह सर्वविदित है कि सैनिकों की सच्ची वफादारी देश के साथ होती है, न कि शासक के साथ। लेकिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के मामले में यह सच नहीं है। स्वतंत्र दुनिया की सेनाओं के विपरीत, PLA चीनी देश की सैन्य शक्ति नहीं है, बल्कि यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और इसके महासचिव शी जिनपिंग के सशस्त्र विंग के रूप में कार्य करता है। इसलिए CCP महासचिव PLA सैनिकों की परवाह नहीं करते हैं और उनकी मृत्यु से भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी किस तरह PLA के जवानों के परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सहायता की घोषणा कर सीमा पर उनकी कत्ल कराने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, चीनी मीडिया के अनुसार चीनी प्रशासन अब सैन्य परिवारों के लिए एक बड़ी घोषणा कर रहा है। अगले साल से सैन्य परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सहायता के लिए चीनी सैन्य खर्च का विस्तार किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि इसे बीजिंग के “युद्ध की तैयारी करने” और “सैनिकों की एकजुटता तथा युद्ध शक्ति को मजबूत करने“ के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में वर्णित किया जा रहा है। CCP के इस घोषणा को इस तरह देखा जाना चाहिए कि बॉर्डर पर जाओ, अपनी जान की चिंता मत करो और अपना Slaughter करवाओ तथा साथ ही अपने परिवारों की भी चिंता मत करो। यही कारण है कि सैन्य परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सहायता की तैयारी को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
सैनिकों को लुभाने की कोशिश में जिनपिंग
यानी स्पष्ट है कि शी जिनपिंग अपने निजी युद्धों के लिए PLA सैनिकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की मिलिट्री डेली ने कहा कि सैन्य परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सहायता देने वाला नया नियम शी जिनपिंग की मंजूरी से लागू होने जा रहा है। सीसीपी सचमुच एक सैन्य अधिकारी के परिवार में सभी को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं देने जा रहा है, जिसमें पति या पत्नी और नाबालिग बच्चों को मुफ्त चिकित्सा सहायता, माता-पिता और पति या पत्नी के माता-पिता के भी उपचार शामिल है।
हालांकि, अमेरिका स्थित चीनी राजनीतिक कमेंटेटर Chen Pokong का मानना है कि नवीनतम घोषणा सेना के दिल और दिमाग को खरीदने के लिए सीसीपी द्वारा एक रणनीतिक कदम है। यानी शी जिनपिंग सैनिकों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। चेन ने कहा, “सैन्य कर्मियों के परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सहायता मिलती है। सीसीपी अग्रिम पंक्ति में जाने वाले परिवार के सदस्यों के मरने के बदले में परिवारों को मुफ्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।”
अमेरिका स्थित कमेंटेटर ने कहा, “इन सैनिकों और अधिकारियों में से 70 प्रतिशत परिवार में इकलौते बच्चे हैं। वे न तो युद्ध में मारे जाना चाहते हैं और न ही अपने माता-पिता चाहते हैं कि उनका इकलौता संतान बार्डर पर मारा जाए।”
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चीन की मुश्किलें बढ़ा रही है वन चाइल्ड पॉलिसी
बता दें कि सीसीपी द्वारा 1980 के दशक में शुरू की गई वन चाइल्ड पॉलिसी के कारण अधिकांश चीनी परिवारों में केवल एक बच्चा है। हालांकि, हाल ही में इसमें ढील दी गई है और परिवारों को एक से अधिक बच्चों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अकेला बच्चा होने के कारण, एक औसत चीनी युवा अपने बूढ़े माता-पिता की देखभाल करता है या करना चाहता है। भाई-बहनों की कमी एक प्रमुख कारण है कि कोई भी पीएलए सैनिक सीमा पर मरना नहीं चाहेगा। यहां तक कि उनके माता-पिता भी लड़ाई में अपने इकलौते बच्चे को खोने के डर से उन्हें कहीं जाने नहीं देना चाहते हैं।
इसी ‘वन चाइल्ड पॉलिसी‘ के कारण ही पीएलए के अंदर अनुशासनहीनता भर चुकी है। चीनी सैन्य बल में करीब 70% में इकलौते-बच्चे शामिल हैं, जिनका कोई भाई-बहन नहीं है। इस प्रकार, उन्हें माता-पिता और दादा-दादी द्वारा लाड़-प्यार वाले “ढुलमुल प्यारे नन्हें राजकुमारों“ के रूप में पाला गया है। अकेले बड़े होने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव होने के कारण, चीन के अधिकारियों को डर है कि इन ढुलमुल राजकुमारों की नरमी चीन के विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं के लिए खतरा बन जाएगी।
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बिगड़ैल होते हैं PLA के सैनिक
वन-चाइल्ड पॉलिसी के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में चीनी प्रशासन ने पाया कि ये बच्चे तो बड़े ही बुझदिल, लाड़-प्यार से पाले हुए और “बिगड़ैल” थे। चीनी सेना PLA अपने “बिगड़ैल” सैनिकों को सही रास्ते पर लाने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाती है। चीन में एक सरकारी स्टडी ने चेतावनी दी थी, “one-child generations के सैनिक wimps होते हैं जिनमें लड़ने की भावना बिल्कुल नहीं होती है।”
वास्तव में, कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकांश उच्च पदस्थ अधिकारी यह चाहते हैं कि उनका अपना बच्चा बॉर्डर पर मौत के मुंह में न जाए। आखिरकार, सीसीपी का एक अत्यधिक शक्तिशाली अधिकारी भी अपने इकलौते बच्चे को खोना नहीं चाहेगा। चीन में इस तरह का माहौल और पीएलए में अनुचित पोस्टिंग ने चीनी सेना को एक हतोत्साहित संस्थान बना दिया है। यही कारण है कि सीसीपी उन्हें पैसे और प्रोपेगेंडे के साथ प्रेरित करने की कोशिश कर रही है।
द एपोक टाइम्स के अनुसार, एक विदेशी कमेंटेटर वांग हे ने बताया कि “सीसीपी PLA सैनिकों को बंदी बनाकर रखना चाहती है और उन्हें समाज से अलग करना चाहती है, ताकि उनके दिमाग और राजनीतिक विचारधारा पर कड़ा नियंत्रण हो सके। सैनिकों का ब्रेनवाश किया जाता ताकि उन्हें सीसीपी की सोच के अनुरूप लाया जा सके।”
वांग ने आगे कहा, “सीसीपी की आवश्यकता है कि वे [सेना] सीसीपी के आज्ञाकारी हों। सीसीपी पैसे का उपयोग कर उनके दिल और दिमाग को खरीदने का प्रयास करती है।”
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क्या युद्ध की योजना बना रहे हैं शी जिनपिंग?
देखा जाए तो शी जिनपिंग राजनीतिक रूप से नाजुक स्थिति में हैं और जनमत भी उनके खिलाफ बनता जा रहा है। किसी भी तानाशाह के लिए इस तरह का माहौल विचलित करने के लिए काफी है। ऐसे में उसके लिए युद्ध आखिरी हथियार होता है जिससे जनता को अपने पक्ष में किया जा सके। यही कारण है कि शी जिनपिंग युद्ध के लिए उन्माद पैदा करना चाहते हैं।
पिछले महीने बीजिंग में आयोजित एक सैन्य सम्मेलन में जिनपिंग ने घोषणा करते हुए कहा कि चीनी सेना अब “हथियारों और उपकरणों” को बढ़ाने पर ध्यान देगी। यही नहीं, चीनी सैन्य खर्च में भी भारी वृद्धि की गयी है। 2020 -2021 में 6.89 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह चीनी अर्थव्यवस्था के मंदी रहने के बावजूद बढ़ाया गया है। इससे समझा जा सकता है कि शी जिनपिंग अब कोई नई योजना बना रहे हैं। इस तरह के किसी भी योजना के लिए उन्हें PLA सैनिकों की कुर्बानी की आवश्यकता होगी। यही कारण है कि शी जिनपिंग सैनिकों के परिवारों के चिकित्सा खर्च का भुगतान करके, उन्हें बॉर्डर पर दर्दनाक मौत के लिए प्रेरित कर रहे हैं।