सीएम उद्धव का आमची मुंबई को सन्देश – खूब पियो, बस गाड़ी मत चलाओ!

लोगों को शराबी बनाने पर तुले हैं उद्धव ठाकरे!

महाराष्ट्र सरकार शराब टैक्स

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महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार आये दिन अपने नए-नए कारनामों की वजह से चर्चा में बनी रहती है। सरकार में शामिल मंत्री और गठबंधन के नेता भी अपने अजीबोगरीब बयानों के कारण खबरों में बने रहते हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने जनता को राहत देते हुए डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कटौती की, जिसके बाद बीजेपी शासित राज्यों ने भी ऐसा कदम उठाया लेकिन महाराष्ट्र सहित गैर बीजेपी राज्यों की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली। वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करने के बजाए, शराब के दामों को कम करने की घोषणा की है। महाराष्ट्र सरकार ने शराब का सेवन करने वालों के लिए इम्पोर्टेड स्कॉच व्हिस्की पर उत्पाद शुल्क में 50 प्रतिशत की कमी की है, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है।

महाराष्ट्र में कम हुई शराब की कीमत

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने इम्पोर्टेड स्कॉच व्हिस्की पर उत्पाद शुल्क के विनिर्माण लागत को 300 प्रतिशत से घटाकर 150 प्रतिशत कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि “इम्पोर्टेड स्कॉच की बिक्री से सालाना 100 करोड़ रुपये का राजस्व अब से 250 करोड़ रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि बिक्री एक लाख बोतलों से बढ़कर 2.5 लाख बोतलों तक जाने की उम्मीद है।”

सरकार ने आगे कहा कि “शुल्क में कमी से तस्करी पर भी अंकुश लगेगा और दूसरे राज्यों से आने वाली स्कॉच और नकली शराब की बिक्री पर भी नकेल कसी जा सकेगी।” हालांकि, शराब निर्माता कुछ दिनों के भीतर अपनी संशोधित लागत की घोषणा करेंगे। इसके आधार पर (MRP) तय की जाएगी।

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इस मुद्दे पर इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने कहा कि “इस फैसले से महाराष्ट्र में कीमतें गोवा जैसे अन्य राज्यों के अनुकूल हो जाएंगी, क्योंकि वास्तविक कमी लगभग 35 से 40% होगी। नई अधिसूचना से इम्पोर्टेड व्हिस्की पर MRP लगभग 1500-2000 रुपये कम हो जाएगी। यह शराब की दरों को अन्य राज्यों के बराबर कर देगा और महाराष्ट्र में उनके अवैध प्रवेश को समाप्त कर देगा। हम गैर-शुल्क भुगतान वाली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम होंगे।”

लोगों को शराबी बनाने पर तुली है उद्धव सरकार!

आपको बता दें कि कोविड-19 प्रतिबंध के अतिरिक्त, महाराष्ट्र में 2020-21 में उत्पाद शुल्क संग्रह में बहुत अधिक गिरावट नहीं आई थी और महाराष्ट्र सरकार ने अधिक राजस्व मुनाफा कमाया था। वहीं, पिछले साल एक सर्वे के अनुसार, महाराष्ट्र में 15 साल और उससे अधिक उम्र के 13.9 फीसदी पुरुष शराब का सेवन करते हैं। राज्य के शहरी क्षेत्रों में ऐसी आबादी का 13% हिस्सा शराब पीता है, जबकि ग्रामीण महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 14.7 % है।

अब सरकार के इम्पोर्टेड शराब पर 50 प्रतिशत की टैक्स छूट से महाराष्ट्र में शराब का सेवन अधिक हो जाएगा और बहुत सारे युवाओं की सेहत पर भी बुरा असर पड़ेगा। शराब से राजस्व कमाने के लिए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अब खुद राज्य के लोगों को शराबी बनाने में जुट गई है! ठाकरे सरकार के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र, देश में अधिक शराब का सेवन करने वाला राज्य बन सकता है।

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उद्धव सरकार ने ईंधन टैक्स में नहीं की थी कटौती

गौरतलब है कि एक तरफ देश में भाजपा अपने राज्यों में पेट्रोल और डीजल को सस्ता कर रही है और जनहित में काम कर रही है। वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार अपने राज्य के लोगों को शराबी बनाने पर तुली हुई है। जब ईंधन पर टैक्स हटाने की बात सामने आई थी, तब उद्धव सरकार ने ईंधन पर वैट में कटौती नहीं करने का कदम उठाया था, जिसकी जमकर आलोचना की गई थी। लेकिन अब शराब पर टैक्स कम करके उद्धव सरकार ने अपनी मिट्टी पलीद करा ली है। इस बात से ये स्पष्ट होता है कि ठाकरे सरकार का ध्यान ईंधन के टैक्स में कमी करने की बजाए शराब पर टैक्स हटाने को लेकर है!

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