भारतीय वोक्स (Wokes) और अमेरिकन वोक्स की इस समय जलकर खाक हो गई है। जबसे ट्विटर CEO के रूप में पराग अग्रवाल का नाम सामने आया है, तब से भारत विरोधी गैंग, जो भारतीय उपलब्धियों पर खुश नहीं होता है, उसने विरोध करना शुरू कर दिया है। उनको खास बाट यह है कि विरोध करने के लिए इस गैंग ने पराग अग्रवाल की जाति तक देखने लगे और कुंठा व्यतीत कर रहे हैं।
वो अमेरिका जहां ग्लोबल डिसमेंटलिंग हिंदुत्व कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ था, उसी अमेरिका में एक भारतीय के CEO बनते ही प्रोग्रेसिव और उदारवादी अमेरिका से भी पराग की जाति ढूंढे जानी लगी है। खैर एक भारतीय होने के नाते, कीबोर्ड वारियर्स का ट्विटर युद्ध देखने लायक है।
दरअसल, हाल ही में ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोरसी के पद छोड़ने के बाद पराग अग्रवाल को नया CEO नियुक्त किया गया है। नई सदी के पहले दशक में सत्य नडेला और सुंदर पिचाई के माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के प्रमुख बनने के बाद, डोर्सी द्वारा माइक्रो-ब्लॉगिंग से अपने प्रस्थान की घोषणा के बाद पराग अग्रवाल को सबसे हाई-प्रोफाइल (और अक्सर, उच्च दबाव) भूमिकाओं में से एक मिला है। ट्विटर जैसे मंच ने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया है।
माइक्रोसॉफ्ट, याहू और AT&T लैब्स के पूर्व शोधकर्ता पराग अग्रवाल ने अक्टूबर 2011 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ट्विटर ज्वाइन किया था और नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन पर उनकी प्रोफाइल के अनुसार, अक्टूबर 2017 में उन्हें मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी नियुक्त किया गया था। पराग अग्रवाल के CEO बनते ही आपने आप को लिबरल कहने वाले हिन्दू विरोधी अमेरिकी से लेकर कुछ भारतीय जिन्हें हर चीज पर विरोध जताना होता है, इन सभी ने पराग की जाति ढूंढना शुरू कर दिया और जैसा कि होना था, पराग को ब्राह्मण घोषित कर दिया गया है। वोक्स गैंग के कुंठित मानसिकता को दर्शाते हुए Year of The Karken नामक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लेफ्ट लिबर्ल्स की भारत विरोधी कुंठा को बताया गया है।
यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “LMAO वेस्टर्न ऑल्ट-राइट सोचता है कि नया ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल ब्राह्मण हैं। हाहाहाहाहाहाहा यह बहुत मजेदार है।“
LMAO western Alt-Right thinks New Twitter CEO Parag Agrawal is a Brahmin
Hahaha hahahaha this is too funny pic.twitter.com/fqzQVytHqj— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) November 29, 2021
रही सही कसर भारतीय वोक्स ने पूरी कर दी, जब ट्वीट करते हुए लिखा गया, “इसलिए ट्विटर के भारतीय अमेरिकी सीटीओ को सीईओ स्लॉट में पदोन्नत किया गया और भारतीय अमेरिकी और अन्य अमेरिकी लोगों द्वारा ट्विटर पर उनकी जाति से संबंधित कचरा फैला रहे हैं।” इसके साथ ही उनके ब्राह्मण होने के कुछ दावों को भी उल्लेखित किया गया है। उन्होंने यह बताया कि कैसे कुछ भारतीय अमेरिकन पराग की जाति को पहचान भी नहीं पा रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें Cis Brahmin कह रहे हैं। कुछ लोग तो उन्हें तमिल ब्राह्मण और तमिल बनिया भी बता रहे थे।
Even the Indian American woke could not identify Parag Agrawal's caste correctly and called him a "Cis Brahmin". Another woke handle misidentified him twice "Tamil Brahmin" and "Tamil Bania" pic.twitter.com/Qm95hGaU8W
— American Desi Anonymous (@AmrikanDesiAnon) November 29, 2021
एलन मस्क को समझाने लगे ब्राह्मण का मतलब
एलन मस्क ने जब भारतीय प्रतिभा के लिए ट्वीट किया तो एक झल्लाये हुए क्रांतिकारी ने ट्वीट किया, “क्या आपने कभी उन भारतीयों के जातिगत विशेषाधिकार के बारे में सोचा है?”
Have you ever thought about Caste privilege of those Indians?
— Yash Meghwal (@YashMeghwal) November 29, 2021
यहां पर यूजर द्वारा यह बताने की कोशिश की गई कि जातीय लाभ की वजह से उनको यह मुकाम हासिल हुआ है। इसपर जवाब देते हुए Facts नामक यूजर ने लिखा, “अरे @elonmusk मुझे जाति विशेषाधिकार की व्याख्या करने दें: मान लीजिए 100 सीटें हैं, तब एससी को 22, एसटी को 6 और ओबीसी को 17 सीट उनके लिए आरक्षित होती है। अब अगर आवेदन शुल्क ₹100। सामान्य/ओबीसी छात्र को ₹100, एससी/एसटी को ₹50 का भुगतान। अब यदि कट ऑफ मार्क सामान्य के लिए 100 है तो एससी/एसटी के लिए 50 है।”
Hey @elonmusk let me explain CASTE PRIVILIGE:
Suppose there are 100 seats,
then SC gets 22 seat, ST 6 and OBC 17 seats reserved for them.Now if application fees ₹100.
General/OBC student pay ₹100, SC/ST pay ₹50.Now if cut off mark is 100 for general then for SC/ST its 50.
— Facts (@BefittingFacts) November 30, 2021
कुल मिला जुलाकर यह कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति के उपलब्धि से इतने लोगों को परेशानी पहली बार नहीं हुई है। इन लोगों की छोटी सोच एक बार फिर से सभी के सामने आ गई है और यही इनकी औकात है। निराशावाद की दुनिया में अपने आप से ही कुंठित रहने वाले व्यक्तियों से इससे अधिक की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। खैर जो भी हो, भारतीय माहौल जिस हिसाब से और पराग अग्रवाल देने के लिए तैयार है, उससे ऐसे कुंठित व्यक्तियों को बहुत काम मिलने वाला है।