हिमंता ने नजरूल इस्लाम को पकड़ कर असम में भू-माफियाओं को बड़ा झटका दिया

हिमंता ने बता दिया- सुधर जाओ, वरना सुधार देंगे!

Himanta Biswa Sharma vs नजरूल इस्लाम

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पिछले कुछ समय से असम, लुमडिंग रिजर्व वन भूमि अतिक्रमण के कारण चर्चा में है। अब इसी क्रम में यह खबर सामने आई है कि लुमडिंग रिजर्व वन भूमि अतिक्रमण मामले का मुख्य आरोपी भू-माफिया बाबर उर्फ नजरूल इस्लाम शुक्रवार की रात असम पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हो गया है। देखा जाए तो इस भू-माफिया के खिलाफ एक्शन लेकर असम पुलिस ने सीएम हिमंता के नेतृत्व में  भूृ-माफियायों की कमर तोड़ दी है।

दरअसल, नज़रूल इस्लाम के रूप में पहचाने जाने वाले भू-माफिया 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को लुमडिंग रिजर्व फॉरेस्ट में ले जाने के दौरान उसे पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में लुमडिंग पुलिस ने उसे गोली मार घायल कर दिया।  

भू-माफिया को ट्रैक करने के लिए रिजर्व फॉरेस्ट ले गई थी पुलिस

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नजरूल को पुलिस उसके साथ जुड़े एक अन्य भू-माफिया को ट्रैक करने के लिए रिजर्व फॉरेस्ट ले गई थी। जंगल में पहुंचकर नजरूल ने पुलिस से पिस्टल खींचकर फिल्मी स्टाइल में गोली मारकर पुलिस हिरासत से भागने का प्रयास किया। जब वह भागने की कोशिश कर रहा था, तब पुलिस ने उसके पैर पर गोलियां चलाईं। इससे पहले नजरूल इस्लाम को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और वह 3 दिन की पुलिस हिरासत में था।

बता दें कि जमीन के अतिक्रमण पर विवाद के बाद राज्य सरकार ने 1000 से अधिक प्रवासी मुस्लिम परिवारों को लुमडिंग जंगल से बेदखल कर दिया गया था। इन सभी को भू-माफिया नजरूल द्वारा ही 2007 के बाद से हल्दी की खेती के लिए लाया गया था। इससे पहले, होजई पुलिस ने नज़रूल के लिए सर्च अभियान चलाया था। इस अभियान में शामिल लोगों ने नजरूल इस्लाम के साथ-साथ जनक अनुवर नाम के एक व्यक्ति के नाम का भी खुलासा किया था, जो नज़रूल और अन्य द्वारा किए गए लोगों के अवैध बंदोबस्त के लिए समान रूप से जिम्मेदार था।

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उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद चलाया था अभियान

गौरतलब है कि असम सरकार ने 8 नवंबर को होजई जिले के लुमडिंग आरक्षित वन में अतिक्रमणकारियों को वन भूमि से बेदखल करने के लिए एक अभियान चलाया था। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद असम सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया था। इस अभियान के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए लुमडिंग आरक्षित वन क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और असम पुलिस सहित 1000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। इस अभियान के बाद सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कहा था कि “कई लोगों ने आरक्षित वन की भूमि पर कब्जा कर लिया था। आज का निष्कासन अभियान बहुत शांतिपूर्ण रहा। आज से, लुमडिंग रिजर्व वन अतिक्रमण मुक्त हो गया है। आज, हमने लगभग 555 घरों, अवैध संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया है। वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले अधिकांश लोगों ने हमारा सहयोग किया और वे वन भूमि से चले गए।”

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1410 हेक्टेयर पर था घुसपैठियों का कब्जा

यही नहीं असम को बांग्लादेशी घुसपैठियों के नियंत्रण से छुड़ाने के लिए हिमंता बिस्वा सरमा एड़ी चोटी का ज़ोर लगाने को तैयार हैं। जब Darrang क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने असम पुलिस पर घातक हमला किया था, तब भी हिमंता अपने कर्तव्य पथ से टस से मस नहीं हुए, और प्राचीन शिव मंदिर सहित 5000 एकड़ के महत्वपूर्ण भूमि क्षेत्र को उन घुसपैठियों के नियंत्रण से स्वतंत्र करा कर ही दम लिया।

बता दें कि आरक्षित वन 22,403 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है, जिसमें से वर्तमान में 1410 हेक्टेयर पर कब्जा था। इस कब्जे में नजरूल इस्लाम की भूमिका सबसे प्रमुख थी। अब हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में इस किंगपिन माफिया गिरफ्तारी से वहां के लैंड माफियायों की कमर टूट गयी है। जिस प्रकार से योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को सुरक्षित प्रदेश बना दिया है, उसी तरह हिमंता भी असम को अपराधी मुक्त करने के लिए लगातार कड़े एक्शन ले रहे हैं। 

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