पश्चिम जब भी संघर्ष की ओर बढ़ता है, वह सनातन धर्म में अपनी शांति का अनुभव करता है। अब जैसे-जैसे पश्चिमी सभ्यता राजनीतिक रूप से ध्रुवीकृत होकर अपने मानवीय मूल्यों के पतन की ओर बढ़ रही है, वैसे-वैसे पश्चिम के कई लोग हिंदू मूल्यों की शिक्षा का सहारा ले रहे हैं। स्टार पॉडकास्टर जो रोगन ऐसे ही सेलिब्रेटी हैं जो आज की इस दुनिया के संघर्षों पर प्रकाश डालने के लिए हिंदू धर्म की बाते कर रहे हैं।
प्रति वर्ष 1 बिलियन से अधिक डाउनलोड के साथ दुनिया के सबसे बड़े पॉडकास्टर जो रोगन ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कलयुग में होने वाले संघर्ष का सनातन धर्म में वर्णन की ओर उल्लेख किया। अपने पोस्ट में, उन्होंने एक ग्राफ शेयर किया जो दर्शाता है कि विभिन्न राजनीतिक विचारधाराएं अलग-अलग समय पर सामाजिक संरचनाओं के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से कैसे जुड़ी हुई हैं। ग्राफ बताता है कि कठिन समय मजबूत व्यक्ति बनाता है और बदले में वह मजबूत व्यक्ति समाज में अच्छा समय लाता है। जब एक समाज संक्षेप में आराम से जीवन व्यतीत करता है (जैसे आज के पश्चिमी देशों के मध्यम वर्ग), तो मनुष्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है जिससे फिर से कठिन समय आता है, जो फिर से मजबूत पुरुषों का निर्माण करता है और यह चक्र जारी रहता है।
उस इंस्टाग्राम पोस्ट के कैप्शन में, उन्होंने बताया कि कैसे दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है वह हिंदुओं की भविष्यवाणियों के अनुसार है।
आज के Woke पीढ़ी को शांत करने के लिए उन्होंने समझाया कि हम कलयुग में हैं, जहां कमजोर पुरुष समाज पर हावी हो रहे हैं। लेकिन, यह चक्र का एक हिस्सा है और निकट भविष्य में, कमजोर मनुष्यों द्वारा लाया गया कठिन समय मजबूत मनुष्यों के उदय से समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने आगे लिखा कि “सभ्यताएं पूर्वानुमेय चक्रों में चलती हैं, और हम ग्राफ के निचले बाएं वर्ग में हैं। अपने आप को और अपने आस-पास की दुनिया को उस पागलपन से ऊपर उठाने की पूरी कोशिश करें जो चल रहा है, लेकिन यह समझ लें कि यह अराजकता एक अनंत प्रक्रिया का हिस्सा है।”
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देखा जाए तो डोनाल्ड ट्रम्प के बाद, जो रोगन दुनिया भर से विकास-विरोधी Wokes द्वारा लक्षित व्यक्तित्वों में से एक है। वह मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटर, कमेंटेटर, स्टैंड-अप कॉमेडियन, टेलीविज़न होस्ट रह चुके हैं और वर्तमान में दुनिया में नंबर एक पॉडकास्टर हैं। वह अपने विचारों के खुलेपन और जिज्ञासु दिमाग के लिए सबसे अधिक जाने जाते हैं।
रोगन ने सभी प्रकार के लोगों का साक्षात्कार लिया है, चाहे वे महान पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, राजनेता, व्यवसायी, टेक्नोक्रेट या खिलाड़ी हों। उनके खुलेपन वाले व्यक्तित्व के कारण वोक पीढ़ी अक्सर ही उन्हें निशाने पर लेती रहती है। उन्हें ‘कैंसल कल्चर’ के तहत कई बात Wokes द्वारा कैंसल भी किया गया। बावजूद इसके जो रोगन के पॉडकास्ट के लिए स्पॉटिफाई उन्हें 100 मिलियन डॉलर से अधिक दे चुका है।
डोनाल्ड ट्रम्प के बाद Woke लॉबी में वह शायद सबसे अधिक नफरत किए जाने वाले व्यक्ति हैं। बता दें कि पिछले वर्ष भी उन्होंने अपने स्टुडियो में जब भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की थी तो उन्होंने इन्स्टाग्राम पर पोस्ट किया था।
यही नहीं रोगन ने बाइडन की भी आलोचना की थी और उनकी तुलना समाप्त हो रहे बैटरी से की थी जिसके बाद Wokes और भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि “मेरे लिए बाइडन, एक मरती हुई बैटरी के साथ एक टॉर्च होने और जंगल में लंबी पैदल यात्रा के लिए जाने जैसा है, जो काम नहीं करने वाला है।” मूवऑन संस्था ने तो रोगन को ट्रांसफोबिया, होमोफोबिया, इस्लामोफोबिया, नस्लवाद और मिसोगिनी को बढ़ावा देने वाला बताया था।
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हिन्दू धर्म से उनके जुड़ाव के कारण ही अक्सर Wokes के निशाने पर रहते हैं
पिछले कुछ दशकों के दौरान, भारतीयों ने बताया कैसे पश्चिमी लोगों को यह एहसास हो रहा है कि हमारे मूल्य ही हैं जो दुनिया को बचाएंगे। वेद और उपनिषद के ज्ञान से प्रभावित् होकर गैर-हिंदू लोगों की भी आस्था इससे जुड़ती जा रही है। परमाणु बम के जनक रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने दुनिया को हिंसक संघर्षों से बचाने के लिए भगवद गीता के दार्शनिक मूल्य के उपयोग की ओर इशारा किया है। कार्ल सेगन हिंदुत्व और हिंदू कॉस्मिक दर्शन पर इतने मोहित थे कि स्पेस एक्सप्लोरेशन के उद्देश्य के लिए उनके द्वारा डिजाइन की गई एक टीवी श्रृंखला कॉसमोस, का एक हिस्सा भारत में फिल्माया, और कार्ल सेगन इस श्रृंखला के हिस्से को फिल्माने के लिए स्वयं भारत आये थे।
ह्यू जैकमैन, रसेल ब्रांड और जूलिया रॉबर्ट्स जैसे गैर-हिंदू धर्म के लोग वैदिक साहित्य और अन्य हिंदू ग्रंथों के महत्व को समझे और इस ओर आकर्षित हुए। मशहूर रॉक बैंड बीटल्स भी ऋषिकेश में महर्षि महेश योगी के आश्रम में रहने आये थे। इस बैंड ने भी हिंदू धर्म में अपनी रूचि दिखाई। उन्होंने आश्रम में 48 गाने लिखे और योग साधना की शिक्षा भी ग्रहण की। अब जो रोगन ने स्पष्ट तौर पर यह स्वीकार किया है कि सनातन धर्म में आज हो रहे संघर्षों के बारे में सदियों पहले बता दिया गया था। यह हिंदुओं के मनंका विषय भी है क्यों एक तरह पश्चिम सनातन मूल्यों को अपना रहा है तो वहम आज हमारे देश में ही आज की पीढ़ी पश्चिमी मूल्यों को अपनाने में व्यस्त है।