पाकिस्तान के कराची से चीन के शंघाई की ओर जा रहे जहाज में मिला Radioactive मैटेरियल, सतर्क हुआ भारत

भारत को अस्थिर करने की नापाक कोशिश में चीन और पाकिस्तान!

पीएम मोदी

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कच्छ के मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त किए जाने के बाद अब एक बार फिस से यह बंदरगाह चर्चा में है। गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर पाकिस्तान से चीन जाने वाले पोत से रेडियोएक्टिव मैटेरियल जब्त किया गया है। रेडियोएक्टिव मैटेरियल से लदा हुआ विदेशी पोत, आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के कराची से चीन के शंघाई की ओर जा रहा था। इसे सीमा शुल्क और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा रोक दिया गया और मुंद्रा पोर्ट पर जांच के लिए लाया गया था।

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन ने एक बयान में कहा, “18 नवंबर, 2021 को, एक संयुक्त सीमा शुल्क और DRI टीम ने मुंद्रा पोर्ट पर एक विदेशी पोत से कई कंटेनर जब्त किए, जिसमें खतरनाक मैटेरियल था।”

इसमें कहा गया है कि “मैटेरियल को Non-Hazardous के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जबकि जब्त किए गए कंटेनरों में Hazard Class 7 के मार्किंग थे।” हालांकि, कंटेनर मुंद्रा पोर्ट या भारत में किसी अन्य बंदरगाह के लिए नहीं थे, उसे कराची से शंघाई ले जाया जा रहा था। अडानी पोर्ट्स के बयान में यह भी कहा गया है कि “APSEZ ने इस ऑपरेशन के लिए हरसंभव सहायता प्रदान की और सीमा शुल्क और DRI के कर्मचारियों को उनकी त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद दिया।”

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भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं चीन और पाक

इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान और चीन, भारत के खिलाफ कुछ बड़ा करने की साजिश कर रहे हैं, जिससे भारत अस्थिर हो जाए और उन्हें भारत के खिलाफ फोर्स इस्तेमाल करने का मौका मिले। पाकिस्तान से चीन जाने वाले एक जहाज से रेडियोएक्टिव पदार्थों की जब्ती बताती है कि बड़े स्तर पर कुछ तो तैयारी की जा रही है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह जहाज उसी रास्ते पर मिला, जिस रास्ते ड्रग्स की सप्लाई भी होती है और कुछ दिनों पहले ही उसी पोर्ट पर 3000 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ा गया था।

रेडियोएक्टिव पदार्थ और ड्रग्स दोनों पाकिस्तान और चीन के मिलीभगत की ओर ही इशारा करते हैं। तालिबान की चीन और पाकिस्तान के साथ बेहतर होते रिश्ते किसी से भी छिपे नहीं हैं और ड्रग्स में अफ़ग़ानिस्तान की भूमिका भी किसी से छिपी नहीं है। चीन और पाकिस्तान, तालिबान के साथ मिलकर भारत में बड़ी मात्रा में ड्रग्स की तस्करी करने की कोशिश कर रहे थे। परंतु, भारत की पैनी नजर से नहीं बच पाये और उनकी चाल तब विफल हो गयी जब ड्रग्स को सीज कर लिया गया था।

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अधिकारियों की पैनी नजर ने एक राष्ट्रीय आपदा को टाल दिया

बताते चलें कि जब से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन दोबारा स्थापित हुआ है, तब से ही अफगानिस्तान के रास्ते भारत में नशीली दवाओं के व्यापार खतरा बढ़ गया है और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने भी इस पर अपनी नजरें टिकाई हुई है। मुंद्रा बंदरगाह पर जब्त की गई हेरोइन अफगानिस्तान में उत्पन्न हुई और ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से मुंद्रा भेजी गई थी। अफगानिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा अवैध अफीम आपूर्तिकर्ता है और नशीली दवाओं का व्यापार, तालिबान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान भी पंजाब और राजस्थान राज्यों में सीमा पार से ड्रग्स के धंधे को बढ़ाने की कोशिश में लगा है। ऐसा प्रतीत होता है कि नशीले पदार्थों का मिशन फेल होने के बाद अब पाकिस्तान, चीन के साथ मिलकर भारत में अराजकता फैलाने के नए तरीके अपना रहा है और रेडियोएक्टिव सामग्री की तस्करी इसी बात की ओर संकेत देती है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों की पैनी नजर तथा सक्रियता ने एक राष्ट्रीय आपदा को टाल दिया।

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