भारत सरकार जल्द ही अपनी क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मार्केट में उतारने वाली है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब केंद्रीय उपनिदेशक (मुद्रा)/ ‛यूनियन डिप्टी डायरेक्टर’ (करेंसी) संजू यादव ने विश्व हिंदू परिषद के नेता गिरीश भारद्वाज के पत्र का उत्तर देते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार जल्द ही सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा सकती है।
संजू यादव ने लिखा, “वर्चुअल करेंसी के मामले में अध्ययन के लिए और इस मामले में भावी निर्णय लेने के लिए, आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर मंत्रालयी समिति ने अपमी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि, भारत सरकार द्वारा जारी की गई क्रिप्टोकरेंसी के अतिरिक्त सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित कर दी जानी चाहिए।”
उन्होंने पत्र में आगे बताया “समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को भारत की आधिकारिक डिजिटलकरेंसी जारी करने में खुले मस्तिष्क से विचार करना चाहिए। भारत सरकार आईएमसी की सिफारिश पर निर्णय लेगी और विधायी प्रस्ताव, यदि कोई हो तो प्रक्रिया के बाद संसद में पेश किया जाएगा।”
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शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है बिल
हाल में ही भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के नेतृत्व में कार्य कर रही एक पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की पहली बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग में पैनल ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए तय किया है कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। हालांकि, इसे लेनदेन का सुरक्षित माध्यम बनाने और किसी भी प्रकार के घोटाले से बचने के लिए नियम तय करने आवश्यकता है।
स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग प्रधानमंत्री द्वारा इस इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के साथ हुई मीटिंग के एक सप्ताह बाद हुई है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि डिजिटलकरेंसी से संबंधित कोई बिल अगले शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है, जो 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। नई बिल में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर, उसके स्थान पर भारत सरकार द्वारा आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी शुरू करने के लिए नियमों को प्रस्तुत किया जा सकता है। हालांकि, सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध से पूर्व 3 से 6 महीने का समय दिया जा सकता है। DLT (Distributed Ledger Technology) का प्रयोग करके भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी निकालने की योजना बना रहा है।
चीन ने पहले ही जारी कर दिया है अपनी क्रिप्टोकरेंसी
इसी वर्ष बजट सत्र के दौरान भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल, “The Cryptocurrency and Regulation of official digital currency Bill 2021”, पारित किया था, तो सरकार ने संसद में कहा था कि उसका उद्देश्य “रिजर्व बैंक द्वारा जारी होने वाले ऑफिशियलडिजिटलकरेंसी के लिए सहायक फ्रेमवर्क तैयार करना है।” इस बिल में भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की बात की गई थी।
प्रधानमंत्री की बैठक, पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट और मुद्रा के मामले से जुड़े केंद्रीय उपनिदेशक संजू यादव के पत्र के बाद यह बात तय है कि भारत में जल्द ही आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी शुरू होने वाली है। यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि चीन ने पहले ही अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी कर रखी है।
वैश्विक स्तर पर डिजिटलीकरण जिस तेजी से बढ़ रहा है, उस स्थिति में क्रिप्टोकरेंसी भविष्य में आर्थिक लेनदेन में डॉलर के विकल्प के रूप में सामने आ सकती है। ऐसे में यह आवश्यक था कि सरकार इसे नियमित करे और अपना नियंत्रण स्थापित करे, जिससे व्यापक राष्ट्रीय हित सुरक्षित हो सके।