उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद, विकास उन्मुखी परिवर्तन का दौर शुरू होता है। योगी सरकार ने प्रदेश के विकास को गति प्रदान की है आज यह विकास इस स्तर तक पहुंच चुका है कि अब नोएडा में दुनिया का सबसे बड़ा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे साल 2024 तक पूरी तरह से विकसित हो जाएगा। अगर देखा जाए तो दिल्ली का इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल हवाई अड्डा भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट में से एक है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर के हवाई यात्रा का बोझ उठता आ रहा है। दिल्ली से सटे राज्य और उसके कुछ जिले अपने हवाई यात्रा के लिए दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्भर हैं। इसी बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के जेवर में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का ‘भूमि पूजन’ (ग्राउंड ब्रेकिंग) समारोह में शिलान्यास किया।
नोएडा में बना जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश राज्य के लिए कई मायनों में अहम है। नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, मथुरा और मेरठ के लाखों लोग मोदी को यह कहते हुए सुनने के लिए एकत्र हुए कि यह हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी में रहने वाले लोगों की किस्मत बदल देगा।
जेवर हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी को पूरी दुनिया से जोड़ेगा : PM मोदी
गौरतलब है कि पिछली सरकारों ने उत्तर प्रदेश को विकास के पथ से बहुत दूर रखा। उन्होनें केवल अपनी सियासत का विकास किया, जिसे हम वंशवाद कह सकते हैं। आज किसान आंदोलन में शामिल किसानों का एक गुत्त्था पश्चिमी यूपी से भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “जेवर हवाई अड्डा आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र का भविष्य बदल देगा।” अगर बात करें हवाई अड्डे के निर्माण की तो पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर भूमि पर एक टर्मिनल और एक रनवे बनाया जाएगा और यह हवाई अड्डा पूरी तरह से साल 2024 तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद अलग-अलग चरणों में पांच और रनवे बनाए जाएंगे। केंद्र का लक्ष्य सितंबर 2024 तक नौ भारतीय शहरों के साथ-साथ दुबई के लिए उड़ान संचालन शुरू करना है। स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट AG इस हवाई अड्डे का विकास करेगी।
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इस एयरपोर्ट को लेकर PM मोदी ने कहा, जेवर हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी को पूरी दुनिया से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि, “यह हवाई अड्डा बहुत पहले बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन यूपी में पिछली सरकारें समय सीमा हासिल करने में विफल रहीं।” PM मोदी ने याद दिलाया कि कैसे यूपी के लोग अपनी गरीबी और पिछड़ेपन के कारण दूसरे राज्यों के लोगों के ताने सुनते थे। उन्होंने आगे कहा कि, “यूपी के लोग सोचते थे कि उनकी छवि कब बदलेगी। यह सच है कि जेवर हवाई अड्डा परियोजना 20 साल पुरानी है और पहली योजनाएं तब तैयार हुईं जब राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। मायावती, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की सरकारें आईं, लेकिन एयरपोर्ट के लिए एक भी ईंट नहीं रखी गई।”
यूपी अब विकास के पथ पर है अग्रसर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकारों ने काम में देरी की और केंद्र की पूर्व यूपीए सरकार ने भी इस परियोजना में देरी की। अब जब यूपी को केंद्र और राज्य दोनों में डबल इंजन की सरकार मिल गई है, तो परियोजना पर काम तेजी से आगे बढ़ा है।”
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 5,000 एकड़ के क्षेत्र में फैला होगा और इसे ज्यूरिख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा AG द्वारा 29,560 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जा रहा है। निर्माण का पहला चरण 2024 में पूरा होने की उम्मीद है। चरण 1 में 2 रनवे विकसित किए जाएंगे जबकि तीसरे रनवे को बाद के चरण में जोड़ा जाएगा। योजना में कुल 5 रनवे प्रस्तावित हैं। नोएडा, गाजियाबाद और विशेष रूप से पश्चिमी यूपी परियोजना की शुरुआत के साथ एक विकासात्मक उछाल के शिखर पर बैठे हैं क्योंकि हवाईअड्डे किसी भी शहर और उसकी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विकास कार्यों के बल पर चुनावी मैदान में उतरेगी भाजपा
इसके अलावा, नोएडा में विकसित यह हवाई अड्डा, हवाई यात्रा का लोकतंत्रीकरण करता है, जो कि मोदी सरकार का मुख्य उद्देश्य है। जब आम मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लोग ट्रेन की तरह ही आसानी से उड़ानें लेना कर देते हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि देश ने परिवहन क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है। जेवर हवाई अड्डा के भूमि पूजन से उत्तर प्रदेश के चुनाव में वहां की जनता का विश्वास जीतने में भाजपा कामयाब रही है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने विकास कार्यों के बल पर भाजपा आगमी उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरेगी।