TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे (Photo: X/@Naveen_Odisha)

    कनाडा में हिंदू आस्था पर फिर हमला: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे, सख्त हुआ भारत

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे (Photo: X/@Naveen_Odisha)

    कनाडा में हिंदू आस्था पर फिर हमला: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर फेंके गए अंडे, सख्त हुआ भारत

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बिना पाखंड करे शादी भी नहीं कर सकी मलाला यूसुफजई!​

मलाला: गलती से गोली लगी और गलती से नोबेल मिला!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
12 November 2021
in मत
मलाला यूसुफजई नोबेल
Share on FacebookShare on X

“मौत के सौदागर की मृत्यु।” सुबह-सुबह एक स्वीडिश समाचार पत्र में इस खबर को पढ़कर डायनामाइट के आविष्कारक और एक धनाढ्य उद्यमी अल्फ्रेड नोबेल हतप्रभ रह गए। उनके आश्चर्य का कारण समाचार पत्र में छपी उनके मृत्यु की गलत खबर नहीं बल्कि उनके संबोधन में प्रयुक्त होने वाले शब्द थे। वह सोच में पड़ गए कि क्या दुनिया उन्हें ऐसे याद रखेगी? अतः, उन्होंने अपने वसीयतनामे में नोबेल पुरस्कार की नींव रखी।

नोबेल पुरस्कार विश्व का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। इसे डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामे के तहत साहित्य, भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट मानवीय योगदान के लिए स्वीडिश सरकार के नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है।

संबंधितपोस्ट

जापानी समूह को मिला नोबेल शांति पुरस्कार, परमाणु खतरे के खिलाफ चलाता है अभियान

काम करने वाले ट्रम्प को नहीं, अपने बयानबाजी के लिए मशहूर थनबर्ग को मिल सकता है नोबेल

खालिस्तान समर्थक एनजीओ खालसा ऐड नोबेल पुरस्कार के लिए नामित, अगला नंबर अलकायदा का

और लोड करें

नोबेल पुरस्कार का राजनीतिकरण

कालांतर में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का प्रयोग स्वीडिश सरकार द्वारा अपने राजनैतिक हित और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को साधने के लिए किया जाने लगा। 2014 में 17 साल की उम्र में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाकर पाकिस्तान की मलाला यूसफजई सबसे कम उम्र की नोबेल विजेता बनी। एक देश के तौर पर, अब्दुल सलाम के बाद यह पाकिस्तान का दूसरा नोबेल पुरस्कार था। वैसे भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी से अनभिज्ञ पाकिस्तान शांति के क्षेत्र में ही नोबेल प्राप्त करने का स्वप्न देख सकता था। धर्मांध और कट्टरपंथी मुल्लों से भरे इस दुष्ट राष्ट्र में शांति के संवाहक को ढूंढना असंभव था।

अयोग्य मलाला को मिला नोबेल

परंतु, भारत के योग्य उम्मीदवार कैलाश सत्यार्थी के चयन के पश्चात दक्षिण एशिया क्षेत्र में संबंध संतुलन स्थापना हेतु पाकिस्तानी नागरिक का चयन अनिवार्य हो गया। अतः, पाकिस्तान और यूरोपीय संघ के राष्ट्रों जैसे ब्रिटेन को खुश करने के लिए मलाला यूसुफजई जैसे अयोग्य, अक्षम और अनुभवहीन उम्मीदवार का नोबेल के लिए चयन किया गया। वैसे भी नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन और चयन प्रक्रिया अत्यंत जटिल,अपारदर्शी और पूर्ण रूप से स्वायत्त है। इतना जटिल कि इसमें नामांकन करने के लिए आपको किसी राष्ट्र, राष्ट्राध्यक्ष या राष्ट्र प्रतिनिधि जैसे लोगों और संस्थाओं की सहमति चाहिए। इतने अपारदर्शी और  शांति व्यक्तित्व धारण करने वाले महात्मा गांधी और दलाई लामा जैसे योग्य व्यक्तियों को छोड़कर बराक ओबामा और हेनरी किसिंगर जैसे लोगों को चयनित कर लिया गया जो स्वयं अपने चयन से आश्चर्यचकित थे। साहित्य का नोबेल पुरस्कार तो पूर्णतः यूरोप केंद्रित है और शांति हेतु नोबेल पुरस्कार के लिए कभी हिटलर भी नामांकित थे।

और पढ़े : अल गोर हो, मलाला हो या ग्रेटा, इन नोबल क्लब एक्टिविस्टों की हिपोक्रिसी का कोई जवाब नहीं!

मलाला की हिपोक्रेसी और गलती से मिला शांति का नोबेल

मलाला यूसुफजई का चयन इसी जटिलता, अपारदर्शीता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को साधने के परिणामस्वरुप हुआ है। स्वयं नोबेल समिति ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में यह स्वीकार किया कि कैलाश सत्यार्थी के साथ मलाला यूसुफजई को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना हिंदू-मुस्लिम और भारत-पाक के बीच संतुलन साधने का प्रयत्न है। दलाई लामा, एडवर्ड स्नोडेन और बान की मून के स्थान पर मलाला को वरीयता देना अत्यंत ही बेहूदा निर्णय था। मलाला यूसुफजई के चयन के पीछे तर्क दिया गया कि उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक कार्य किए हैं। परंतु, पाकिस्तान के स्वात प्रांत में उन्होंने लड़कियों के लिए कितने विद्यालय खोलें? विद्यालयों में लड़कियों की उपस्थिति में कितने प्रतिशत की वृद्धि की? उनके कार्यों के व्यापक प्रभाव और परिणाम क्या रहे? इन प्रश्नों पर सभी विद्वानजन आज तक निरुत्तर हैं।

मलाला यूसुफजई को नोबेल पुरस्कार वास्तव में तालिबानियों के कारण मिला। नोबेल पुरस्कार के इतिहास में मलाला का चयन योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि प्रतीक के आधार पर किया गया। एक सनकी तालिबानी मलाला के स्कूल बस में घुसा और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें से एक गोली मलाला को लग गई और यही गोली मलाला का दुर्भाग्य नहीं बल्कि उनके भाग्योदय का कारण बनी। वैश्विक मीडिया ने उन्हें  आतंक विरोधी और नारी शिक्षा के प्रतीक स्वरूप स्थापित कर दिया।  मलाला चिकित्सा हेतु ब्रिटेन चली गई और वहीं की नागरिकता ग्रहण कर ली।

हिप्पोक्रेसी अर्थात द्विचित प्रवृत्ति अर्थात दोगलेपन की सीमा देखिए। अपने देश का त्याग किया और नारी शिक्षा के प्रति उनका उत्तरदायित्व तेल लेने गया। ऑक्सफोर्ड जैसे शिक्षण संस्थान में अपने आगे की शिक्षा प्राप्त की। एक अच्छे संपन्न और समृद्ध जीवन को प्राप्त किया और कर्म के रूप में सिर्फ वैश्विक मंचों से ढ़ेर सारा ज्ञान दिया।

अगर गलती से किसी आतंकवादी के गोली का शिकार हो जाना ही नोबेल पुरस्कार के योग्यता का प्रमाण है तो माफ करिए! इस विश्व में प्रतिदिन सैकड़ों शांति हेतु नोबेल पुरस्कार के प्रतिस्पर्धी जन्मते हैं। इसके विपरीत कैलाश सत्यार्थी ने अपने संस्था के माध्यम से गरीब, निराश्रित और अनाथ बच्चों के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया। सतत और अनवरत रूप से अपने संघर्षों और उत्तरदायित्व के प्रति युद्धरत रहे। परंतु, अपने देश का त्याग कर दूसरे देश की नागरिकता लेने वाली, जिन्ना को अपना आदर्श मानने वाली और जमीनी स्तर पर नारी शिक्षा हेतु कुछ न कर पाने के बावजूद भी मलाला को नोबेल पुरस्कार भारत-पाक संबंध साधने, ब्रिटेन को खुश करने और तालिबान को आतंक के चेहरे के रूप में स्थापित करने के लिए दिया गया। अयोग्यता के बावजूद भी मलाला द्वारा नोबेल पुरस्कार को स्वीकार किया जाना उनके द्विचित्त प्रवृति के पराकाष्ठा को दर्शाता है।

और पढ़े : नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी, लॉकडाउन के बहाने भारत को वेनेजुएला या क्यूबा बनाना चाहते हैं

शादी के संबंध में उनका दोगलापन

हाल ही में उनके द्विचित्त प्रवृत्ति का एक और उदाहरण देखने को मिला है। कुछ दिनों पूर्व ही एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वो कभी शादी नहीं करेंगी ना ही बच्चे पैदा करेगी परन्तु, 9 नवंबर 2021 को मलाला यूसुफजई पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के जनरल मैनेजर असर मलिक के साथ परिणय सूत्र में बंधी। आपके स्मरण हेतु बता दें यह वही मलाला यूसुफजई है, जिन्होंने कुछ समय पूर्व विवाह जैसे पवित्र संस्थान को ढ़कोसला बताया था और विवाह को महज एक पृष्ठ पर उल्लेखित संविदा कहा था। परंतु, अब जब स्वयं की बात आई तब 24 वर्षीय मलाला ने असर मलिक जैसे एक धनाढ्य वर को खुद के लिए चुन लिया। अपने विवाह को वह जन्म-जन्म का बंधन और संगम मानती हैं और दूसरों के विवाह को महज ढकोसला व संविदा।

अफगानिस्तान में मौजूद है सैकड़ों नोबेल प्रतिद्वंदी

नोबेल पुरस्कार निश्चित ही विश्व का श्रेष्ठतम पुरस्कार है। परंतु, शांति और साहित्य के क्षेत्र में इस पुरस्कार का राजनीतिकरण हो गया है। मलाला यूसुफजई इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। नारी शिक्षा के लिए जमीनी स्तर पर उन्होंने कोई कार्य नहीं किया ना ही वह एक सच्चे राष्ट्रभक्त के रूप में स्वयं को स्थापित कर पाई। एक भगोड़े के रूप में डर के कारण उन्होंने देश छोड़ दिया। स्वयं मलाला ने भी सिर्फ स्नातक स्तर की ही शिक्षा प्राप्त की है। उन्हें नोबेल पुरस्कार तालिबान, ब्रिटेन, पाकिस्तान और वैश्विक मीडिया ने मिलकर दिलाया है ना की उनके कार्यों ने। ऊपर से विवाह के संबंध में उनके विचार उनके आचरणहीन नैतिक मूल्यों को दर्शाते हैं। माफ करिएगा, अगर आतंकी की गोली का शिकार होना ही नोबेल पुरस्कार जीतने का पैमाना है तो आज अफगानिस्तान में नोबेल पुरस्कार के सैकड़ों कद्दावर दावेदार हैं। जिन्होंने ना तो अपने देश को छोड़ा और ना ही अपने सनातन धर्म को इसके बावजूद कि तालिबान अब वहां सिर्फ एक आतंकी संगठन ही नहीं बल्कि शासन का केंद्र बन चुका है।

और पढ़े : पिता की गिरफ्तारी के बाद भारत की ग्रेटा “Licypriya Kangujam” अब 1 करोड़ के Oxygen Scam के लिए घेरे में

Tags: नोबेलमलाला युसुफ़ज़ई
शेयर1018ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

हार्दिक पांड्या और राजीव शुक्ला पर लगा गैंगस्टर की पत्नी के बलात्कार का आरोप

अगली पोस्ट

“भारत हिंदुओं का है, जब मर्ज़ी चाहे भारत आयें”, CM हिमन्ता ने साफ़ शब्दों में कही अपनी बात

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?
मत

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?

14 July 2025

भारत की सभ्यतागत या सांस्कृतिक विरासत के विशाल सागर में कुछ ग्रंथ ही ऐसे हैं जो ‘मनुस्मृति’ जितना उत्साह, विवाद और भ्रम उत्पन्न करते हैं।...

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है
मत

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है

12 July 2025

हिंदी फिल्म उद्योग, जिसे आमतौर पर बॉलीवुड कहा जाता है, भारत में हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह न केवल मनोरंजन का...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20

Stalin’s DMK Faces Heat Over Brutal Custodial Killings in Tamil Nadu

00:08:06

Hindu girl r@ped, burned with cigarettes and forced to convert to Islam

00:03:31

Delhi’s Trump Card: Kejriwal Wants a Nobel for Surviving Politics

00:05:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited