पूर्वोत्तर जो शांत माना जाता है, अब उसे भी अराजकता में झोंकने की तैयारी हो चुकी है। कभी त्रिपुरा में दंगे, तो कभी असम के साथ सीमा विवाद शुरू होना एक बड़ी मुसीबत बनते जा रहा है। इसी बीच अब नया मामला असम राइफल्स पर हमले का है। इस हमले में असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा शुक्ला और बेटे आशीष त्रिपाठी की मौत हो गई है। वहीं, इस मामले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आहत हैं, उन्होंने इस पर शोक जाहिर किया है। शांत पूर्वोत्तर में इस हिंसा के लिए चाइनीज पीएलए की भूमिका मानी जा रही है, क्योंकि गुरिल्ला वॉर के लिए PLA सदैव आक्रामक रहा है।
मणिपुर में आतंकी हमला
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वोत्तर में वर्षों बाद इतना घातक हमला हुआ है, जो कि एक बड़ी अराजकता का प्रतीक दिखता है। मणिपुर में असम राइफल्स के सुरक्षा बलों के काफिले पर हुए हमले में कमांडर समेत 5 जवान शहीद हुए हैं। इस हमले को आतंकी हमला माना जा रहा है। खबरों के अनुसार, उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर IED अटैक कर दिया। अलगाववादी संगठन मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसके खिलाफ लंबे वक्त से सुरक्षा बल कार्रवाई करते रहे हैं।
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द्रवित पीएम और जारी सर्च ऑपरेशन
एक तरफ जहां इतना भीषण हमला हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर सेना ने आतंकियों के खिलाफ सघन सर्च अभियान चलाते हुए उनके खात्मे की शुरुआत कर दी है। इस मुद्दे पर सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवने को जानकारी दे दी गई है और साथ ही आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए म्यांमार बॉर्डर को भी सील कर, वहां कड़ी नजर रखी जा रही है। आर्मी हेडक्वार्टर स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है, जिसे सेना प्रमुख भी सख्ती के साथ मॉनिटर कर रहे हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए ट्वीट किया, “मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं उन सैनिकों और परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं, जो आज शहीद हुए हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।”
Strongly condemn the attack on the Assam Rifles convoy in Manipur. I pay homage to those soldiers and family members who have been martyred today. Their sacrifice will never be forgotten. My thoughts are with the bereaved families in this hour of sadness.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2021
PLA की हो सकती है भूमिका
एक तरफ भारतीय सेना इस मुद्दे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, तो दूसरी ओर इस हमले में PLA की भूमिका भी सामने आ रही है, क्योंकि गुरिल्ला वॉर की तकनीक पीएलए द्वारा इस इलाके में सदैव अपनाई जाती रही है। फ्री प्रेस जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की स्थापना 25 सितंबर, 1978 को एन बिशेश्वर सिंह के नेतृत्व में की गई थी। संगठन का उद्देश्य मणिपुर को “मुक्त” करना और भारत से “अलगाव” की मांग करना था।
पीएलए भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ गुरिल्ला-आधारित युद्ध के साथ-साथ भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस बल को निशाना बनाता रहा है। हालांकि, नब्बे के दशक के दौरान, कथित तौर पर मणिपुर पुलिस को निशाना न बनाने के एकतरफा फैसले की घोषणा की। दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) के अनुसार, आरपीएफ बांग्लादेश में एक निर्वासित सरकार चलाता है। कथित तौर पर इरेंगबाम चौरेन आरपीएफ के ‘अध्यक्ष’ हैं। इसमें एक उपाध्यक्ष, एक महासचिव, गृह, वित्त, विदेश मामलों, प्रचार और संचार, समाज कल्याण, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रभारी सचिव हैं, ये सभी पीएलए से भी संबंधित हैं।
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1000 रंगरुटों ने हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है
बताते चलें कि विद्रोही समूह में अब चार डिवीजन शामिल हैं- मणिपुर की घाटी के सदर हिल पश्चिम क्षेत्र, पूर्वी घाटी में सदर पहाड़ी क्षेत्र, मणिपुर में संपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र और संपूर्ण इंफाल क्षेत्र। प्रत्येक डिवीजन में अपने रैंकों में एक कमांडर, लेफ्टिनेंट, सार्जेंट और लांस कॉर्पोरल होते हैं। इसके कैडर अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। कथित तौर पर, PLA ने बांग्लादेश के सिलहट जिले में कई ठिकाने बनाए हैं। एसएटीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में दो शिविर और बांग्लादेश में पांच शिविर वर्तमान में मौजूद हैं, जहां लगभग 1,000 रंगरूटों ने हथियारों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
ऐसे में संभावनाएं है कि इन्हीं आतंकी कैंपों में रहते हुए भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए पीएलए लगातार पूर्वोत्तर में हमले की प्लानिंग कर रहा हो, जिसका मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर को अस्थिर करना हो। खास बात यह भी है कि पूर्वोत्तर भारत सदैव ही चीन की विस्तार वादी नीति के चलते सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है।