सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो बिल पेश करने जा रही है। इस सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का विनियमन भी शामिल है, जो सभी निजी क्रिप्टोकरेंसियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करता है। सरकार पिछले साल इसी तरह का एक विधेयक लेकर आई थी, लेकिन उद्योग के विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ चर्चा के कारण इसे रोक दिया गया था। मामले पर आगे की सिफारिशें देने के लिए एक समिति भी बनाई गई थी। सभी संकेतों से ज्ञात होता है की सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध तो नहीं लगायेगी, लेकिन उन्हें विनियमित करने की कोशिश अवश्य करेगी।
हालाँकि, नया मसौदा पुष्टि करता है कि रुख पूरी तरह से नहीं बदला है। एकमात्र संभावित राहत क्रिप्टोकरेंसी की अंतर्निहित तकनीक ब्लॉकचेन को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों का उल्लेख है। फिर भी, इस बिल का विवरण निजी क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित नहीं करता और ना ही उल्लिखित अपवादों के बारे में कोई स्पष्टता प्रदान करता है। इससे निवेशकों में दहशत पैदा हो गई है, जिनमें से कई ने पिछले 48 घंटों में अपने क्रिप्टो निवेश को बेच दिया है।
निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि यह सिर्फ एक प्रस्ताव है। संसद में पेश किए जाने के बाद इस विधेयक पर चर्चा होगी और अंतिम मसौदा पूरी तरह से अलग हो सकता है। वर्तमान मसौदे को पूरी तरह से रद्द किए जाने के संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों की राय
मुड्रेक्स के CEO और सह-संस्थापक एडुल पटेल ने समझाया कि “वर्तमान में बाजार में 11,000 से अधिक क्रिप्टो मुद्राएं हैं। निजी क्रिप्टोकरेंसी का वर्गीकरण अभी स्पष्ट नहीं है। 99.9% क्रिप्टोकरेंसी को निजी डेवलपर्स, कंपनियों या व्यक्तियों द्वारा बनाया गया है, न कि सरकार द्वारा। इसलिए ये स्वाभाविक रूप से सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी होनी चाहिए। हालाँकि, बिटकॉइन, ईथर, आदि जैसे क्रिप्टो किसी भी टीम या कंपनी के स्वामित्व में नहीं हैं। इसलिए उन्हें सीधे तौर पर निजी क्रिप्टोकरेंसी नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, बिटकॉइन या ईथर में किसी भी बदलाव को लागू करने की नियंत्रण शक्ति डेवलपर्स और खनिकों के पास ही है। अगर हम इस पहलू पर विचार करें, तो न तो बिटकॉइन और ना ही ईथर को पूरी तरह से सार्वजनिक क्रिप्टो कहा जा सकता है।”
वहीं ब्लॉकचैन डॉट कॉम के संस्थापक हितेश मालवीय ने अलग राय रखते हुआ कहा “मेरी समझ में बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी किसी भी निजी संस्थाओं द्वारा नियंत्रित या प्रबंधित नहीं की जाती हैं। लेनदेन सार्वजनिक खाता बही पर होते हैं और उन्हें हर प्रमुख अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पहचाना जाता है। लेकिन दूसरी ओर, उन देशों में निजी कंपनियों द्वारा अच्छी संख्या में क्रिप्टो को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसलिए यदि सरकार ऐसी निजी स्वामित्व वाली क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना चाहती है तो यह एक अच्छा कदम है।”
भारत जैसी अर्थव्यवस्था में, बिटकॉइन या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी feat करेंसी की जगह नहीं ले पाएगी। और ये भी एक समान्य सी बात है कि कोई भी सरकार अपप्ने साथ एक parallel इकॉनमी क्यों चलने देगी?
RBI समर्थित क्रिप्टो को सरकार का बढ़ावा
निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रस्तावित प्रतिबंध RBI समर्थित क्रिप्टो को बढ़ावा देने के लिए भी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार केवल सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म और एक्सचेंजों के माध्यम से क्रिप्टो एक्सचेंज की अनुमति दे सकती है। यहां तक कि एक नया नियामक निकाय भी हो सकता है या क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दायरे में लाया जा सकता है।
पिछले 24 घंटों में ऐसी कई रिपोर्टें आई हैं जो बताती हैं कि सरकार बिल पेश करने के बावजूद क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है पर प्रतिबंध लगाने पर विचार अवश्य करेगी। परंतु, निवेशकों को अभी शांत रहने की जरूरत है। बिल पर और स्पष्टता की प्रतीक्षा करें और फिर तय करें कि उन्हें अपने निवेश के साथ क्या करना है।