1 Shlok Ramayan- एक श्लोक रामायण में समाहित है रामायण का सार

श्री राम अवतार

1 Shlok Ramayan Meaning and Significance in Hindi

रामायण के हर श्लोक में प्रभू राम के जीवन की व्याख्या है। इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे रामायण के ऐसे श्लोक के बारे में जिसमें पूरी राम कथा का वर्णन है। वैसे तो रामायण का पाठ काफी बड़ा है इसलिए इसे एक दिन में पूरा कर पाना मुश्किल है। इसलिए आज हम आपको एक श्लोक रामायण (1 Shlok Ramayan) के बारे में बताएंगे जिसमे रामायण का सार समाहित है।

आज हर घर में हमें रामायण देखने को मिलेगी। हिंदू धर्म में रामायण का पाठ करने के अनेकों लाभ बताए गए हैं। कहा जाता जो भी व्यक्ति रामायण का पाठ करता है, वो जीवन में कभी भी गलत मार्ग में नहीं चलता है। रामायण में बताया गया है, कैसे प्रत्येक व्यक्ति को धर्म के अनुसार ही कर्म करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में समय-समय पर इस बात का वर्णन मिलता है कि अधर्म के मार्ग में चलने वाले की कभी भी विजय नहीं होती।

एक श्लोक रामायण – 1 Shlok Ramayan

आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

एक श्लोक रामायण अर्थ – 1 Shlok Ramayan meaning

इस श्लोकी रामायण का अर्थ है कि – भगवान राम वनवास गए. उन्होंने सोने के हिरन का वध किया. माता सीता जिनका एक नाम वैदेही है उनका रावण ने हरण कर लिया. सीता को हरण कर लंका ले जाते समय रावण के हाथों से जटायु ने प्राण गंवाएं. भगवान राम और सुग्रीव में मित्रता हुई. बालि का वध कर समुद्र पार किया. लंका का दहन हुआ. बाद में रावण और कुंभकर्ण का राम के हाथों से वध हुआ. 1 Shlok Ramayan ही रामायण की संक्षिप्त कथा है.

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भगवान श्री राम की गाथा, रामायण हिंदू धर्म के मूलभूत स्तंभों में से एक हैं. हिंदू धर्म में रामायण पाठ को बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यता है कि रामायण के पाठ को करने से जीवन में सुख, शांति और पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। कहा जाता है नित्य नियम से इस एक श्लोक रामायण (1 Shlok Ramayan) का मंत्र जाप भी किया जा सकता है, वैसे 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए मगर संभव न हो तो इस एक श्लोकी रामायण का 7, 14 या 21 बार भी इसका पाठ किया जा सकता है।

रामायण भारतीयता की सुंदर और सुस्पष्ट अभिव्यक्ति है। जिसमें आदर्शवाद की बुनियाद पर मानव चरित्र की शुभ और अशुभ वृत्तियों का संघर्ष दिखाया गया है। महर्षि वाल्मीकी द्वारा रचित रामायण के दोहे जीवन में ना सिर्फ आपको धर्म के रास्ते पर चलने की सीख देते है।बल्कि जीवन के हर मोड़ पर आपको लाभ भी देते हैं।वहीं तुलसीदास जी ने मानव जीवन के कल्याण के लिए रामायण का पाठ बहुत जरुरी बताया है।

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रामायण का जीवन पर प्रभाव

रामायण के पाठ में हम देखते हैं कि राम के कर्म, सीता के पत्नी धर्मं और भाईयों के लिए प्यार और स्नेह लोगों के बीच आदर्श जीवन को प्रेरित करते हैं, जबकि सीता को आत्म-बलिदान, शुद्धता के रूप में देखा जाता है. राम के भाई लक्ष्मण, जिन्होंने अपने भाई-बहनों के साथ निर्वासित होने का फैसला किया. लक्ष्मण ने पारिवारिक निष्ठा का परिचय दिया, जबकि युद्ध के मैदान में हनुमान का प्रदर्शन बहादुरी और कुलीनता का प्रतीक है.

राम और सीता की कहानी सुनाने वाली लोक नाटक रामलीला, त्यौहार के दौरान अक्सर निभाई जाती है,वहीं दशहरे पर रावण के पुतले जलाए जाते हैं. रामायण भारत में फिल्मों और टीवी सीरीज का लगातार विषय रहा है, साथ ही साथ प्राचीन से समकालीन समय के कलाकारों के लिए एक प्रेरणा भी रहा है.

24,000 से अधिक छंदों और 50 अध्यायों के साथ, रामायण को पढ़ना कोई सरल काम नहीं है। लेकिन हिंदू आस्था और गैर-हिंदुओं के लिए समान रूप से एक महान शास्त्रीय ग्रन्थ है.

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