22 साल बाद रिकॉर्ड बराबर होने के पश्चात अनिल कुंबले के जादुई 10 विकेट की कहानी

वो दिन भी क्या दिन थे!

Anil Kumble

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भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे टेस्ट में, 4 दिसंबर को न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल ने एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया। इस पारी के दौरान उन्होंने जिम लेकर और अनिल कुंबले के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। न्यूजीलैंड के इस स्पिनर का आंकड़ा 10/119 रहा। उनके इस प्रदर्शन के बाद स्वयं अनिल कुंबले ने उनकी सराहना की। एजाज के इस प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को पाकिस्तान के खिलाफ जंबो की उस बेहतरीन गेंदबाजी की यादें ताज़ा हो गयी।

भारत की ओर से खेलने वाले महानतम स्पिनर अनिल कुंबले भले ही गेंद को अधिक फिरकी न देने के लिए जाने जाते हों, लेकिन उनकी सटीक लाइन लेंथ के चर्चे आज भी होते हैं। भारत के सबसे बड़े मैच विनर कुंबले ने जब 7 फरवरी 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ एक ही पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा किया था, तब पूरा स्टेडियम उन्हें सैल्युट करने के लिए खड़ा हो गया था।

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यह टेस्ट मैच फरवरी 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम (फिरोज शाह कोटला) में खेला गया था। यह सीरीज भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध से कुछ महीने पहले खेला गया था, यानी अक्टूबर 1998 में परवेज मुशर्रफ के सेनाध्यक्ष नियुक्त होने के साथ ही पाकिस्तान युद्ध की तैयारी करना आरंभ कर चुका था। पाकिस्तान के खिलाफ इस सीरीज का पहला मैच चेन्नई में खेला गया था, जिसमें भारतीय टीम को 12 रनों के अंतर से हार मिली थी। सीरीज में मेजबान टीम बैकफुट पर थी।

जब पाकिस्तानी टीम पर काल बनकर टूट पड़े थे कुंबले

जिसके बाद दिल्ली में हुए दूसरे टेस्ट में, भारत ने पहली पारी में 252 रनों के साथ काफी अच्छी शुरुआत की। उसके जवाब में पाकिस्तान की टीम मात्र 172 रन ही बना सकी। इसके बाद तीसरी पारी में भारत ने सदगोपन रमेश के 92 और सौरव गांगुली ने नाबाद 62 रनों के साथ विरोधी टीम को 420 रनों का लक्ष्य दिया। दिल्ली की पिच पर और चौथी पारी में यह काम पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं था। परंतु पाकिस्तान की शुरुआत बेहतरीन रही। शाहिद अफरीदी और सईद अनवर की सलामी जोड़ी ने भारतीय गेंदबाजों के धैर्य की परीक्षा लेते हुए 101 रनों की बेहतरीन साझेदारी की।

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पहले सत्र में पाकिस्तान ने एक भी विकेट नहीं गंवाया। मैच तब तक संतुलन में लग रहा था, जब तक कुंबले को आक्रमण पर नहीं लाया गया था। लंच के बाद जैसे ही कुंबले गेंदबाजी करने आए मैच की दशा और दिशा दोनों ही पलट गई। पाकिस्तानी बल्लेबाजी लाइन-अप पर उन्होंने ऐसा कहर बरपाया कि आज भी उस गेंदबाजी के जैसा कोई दूसरा नमूना नहीं है।

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पाकिस्तानी पारी के अंत का आरंभ 25वें ओवर में हुआ, जब कुंबले ने अफरीदी को 41 रन पर आउट कर दिया। उसके बाद कुंबले की गेंदबाजी के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाज एक-एक कर धराशायी होते गए। पाकिस्तान कुछ ही समय में 128/6 पर लड़खड़ा रहा था। उसके बाद भी जम्बो ने नियमित अंतराल पर विकेट लेना जारी रखा। जब उन्होंने सकलैन मुश्ताक के रूप में नौवाँ विकेट लिया, तब सभी के दिमाग में बस एक ही रिकॉर्ड की कहानी चल रही थी और वह थी परफेक्ट-10 की।

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चौथी पारी के 61वें ओवर में रच दिया इतिहास

पेसर जवागल श्रीनाथ, जो पारी के अंतिम चरण में दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहे थे, उन्होंने कुंबले के इस रिकॉर्ड के लिए वसीम अकरम और वकार यूनिस की आखिरी विकेट की जोड़ी को वाइड गेंदे फेंकनी आरंभ कर दी थी। अन्य भारतीय खिलाड़ी भी उनकी गेंदबाजी पर कैच लेने के मूड में नहीं थे। वसीम अकरम ने पारी के बाद के हिस्से में 38 रनों के साथ कुछ संघर्ष दिखाया, लेकिन कुंबले ने भारत के लिए 212 रन की जीत सुनिश्चित करने के लिए 207 रन पर पारी को साफ करने में ज्यादा समय नहीं लिया। 61 वें ओवर में कुंबले ने वसीम अकरम को शॉर्ट लेग पर कैच आउट कराकर इतिहास के पन्ने में अपना नाम दर्ज करा लिया।

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कुंबले लंच ब्रेक के दौरान संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने बाद में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि “मैं लंच ब्रेक के दौरान बिल्कुल भी खुश नहीं था। मुझे याद है कि हमारे कोच अंशुमान गायकवाड़ आए और हमसे कहा कि हम अपने खेल के स्तर को ऊपर उठाएं। मुझे पता था कि मुझे जिम्मेदारी लेनी होगी, क्योंकि मैं सीनियर स्पिनर था। मुझे लगा कि अगर मुझे उस चौथे दिन के पिच पर एक विकेट मिल जाए, तो मुझे अच्छी सफलता मिल सकती है।”

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वहीं, इंडिया टुडे माइंड रॉक्स-2015 में इंडिया टुडे के साथ एक्सक्लूसिव में अनिल कुंबले ने खुलासा किया कि उस दिन उनके दिमाग में क्या चल रहा था, जब वह इस इतिहास के करीब थे। उन्होंने बताया कि “जब मैंने अपने छह विकेट लिए, तो मैं चाय के ब्रेक के बाद वापस आया- जैसा कि मैंने दोपहर के भोजन से लेकर चाय तक लगातार गेंदबाजी की थी। ब्रेक पर मैं बैठ गया और अपने आप के बारे में सोचा, यहां मेरे लिए अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका है। मैं फिर से पिच पर गया और फिर मैंने सातवां विकेट लिया और फिर दो बार में आठवां और फिर नौवां विकेट लिया। तब मुझे और मेरे साथियों को यह लगा कि मेरे पास सभी 10 विकेट लेने का मौका है।”

अनिल कुंबले से पहले यह कारनामा केवल इंग्लिश गेंदबाज जिम लेकर ने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 1956 में किया था। अब पुनः 22 वर्षों के बाद न्यूज़ीलैंड के एजाज पटेल ने इस कारनामे को दोहराया है।

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