TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

संसार के अधिकतम Gypsies भारत से उत्पन्न हुए हैं और अब उन्हें उनका उचित सम्मान मिलना ही चाहिए

जिन्होंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, उन्हीं से भेदभाव क्यों?

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
8 December 2021
in ज्ञान
जिप्सी

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

आपने अक्सर सुना होगा कि लोग ‘जिप्सी’ शब्द का इस्तेमाल खानाबदोशों के लिए करते हैं, जिनके पास कोई स्थायी घर नहीं है और जो लगातार गांव, कस्बों और शहरों को बदल रहे हैं। बदलते हुए समय के साथ इस शब्द का इस्तेमाल नस्लीय गाली के रूप में किया जाने लगा। पर क्या आपको पता है “जिप्सी” एक स्वदेशी भारतीय जातीय समूह हैं, जो लगभग 10वीं शताब्दी में उत्तरी भारत से निकलकर दुनिया भर में फैले और अलग-अलग नामों से जाने जाने लगे।

जिप्सी लोगों को यूरोप में रोमानी नाम से  जाना जाता है। वे बिखरे हुए हैं परंतु, यूरोप, विशेष रूप से मध्य, पूर्वी और दक्षिणी यूरोप में मुख्य रूप से उपस्थित हैं। लगभग हर वैज्ञानिक और प्रामाणिक शोध “जिप्सी” लोगों का मूल भारतीय उपमहाद्वीप को बताता है। परंतु, आज  “जिप्सी” शब्द पश्चिमी लोगों द्वारा दी जाने वाली एक गाली बन चुकी है। अतः, हम उन्हें यहां ‘रोमानियों’ के रूप में संदर्भित करेंगे।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

और पढ़ें: फ़िजी में सनातन धर्म : जानिए वहां हिंदू कैसे बसे और उनकी वर्तमान स्थिति कैसी है?

रोमनिस की उत्पत्ति

साइंटिफिक अमेरिकन की एक रिपोर्ट के अनुसार, रोमानियों अर्थात् “जिप्सियों” का प्रारंभिक संस्थापक समूह पंजाब राज्य से जाकर विदेश में बसा। वहां से उन्होंने मध्य एशिया और मध्य पूर्व की यात्रा की और वहां की स्थानीय आबादी के साथ घुलमिल गए हैं। उसके बाद वे बाल्कन क्षेत्र में बसे, जहां वे पूरे यूरोप में फैलने से पहले दो शताब्दियों तक बने रहें। उनके प्रवास का कारण अज्ञात है, पर ऐसा लगता है कि वे बस अपने घुमंतू स्वभाव के कारण घूमते रहें।

माना जाता है कि रोमानियों की उत्पत्ति भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बसे डोम, बंजारा, गुज्जर, सांसी, चौहान और सिकलीगर जैसे घुमंतू समुदायों से हुई है। उनकी भाषा पंजाबी और हिंदी के साथ कई शब्द साझा करती है, जबकि उनका उच्चारण मारवाड़ी के समान है। उनका व्याकरण बंगाली के करीब है, जबकि जड़ें संस्कृत में हैं।

और पढ़ें: Snake Charming क्रूर प्रथा है, जो प्राचीन भारत में नहीं थी और आधुनिक भारत में नहीं होनी चाहिए

स्थानीय विदेशी आबादी के साथ घुलमिल गए रोमन

जबकि कुछ लोग यह सवाल कर सकते हैं कि अगर रोमन वास्तव में भारतीय हैं, तो वे एक जैसे क्यों नहीं दिखते? उत्तर अपेक्षाकृत सरल है। जिप्सियों को देशों ने स्थानांतरित कर दिया, स्थानीय आबादी के साथ मिलकर वे संपर्क में आए। शोधकर्ताओं ने नोट किया है कि विभिन्न देशों के स्थानीय लोगों के साथ रोमन के अलग-अलग स्तर के अंतर्संबंध थे। Scientific American के शोध में उल्लेखित है कि “रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, बुल्गारिया और क्रोएशिया में रोमानी आबादी की आनुवंशिक पैटर्न दिखाती है। जबकि पुर्तगाल, स्पेन और लिथुआनिया के रोमानी आबादी में भी आनुवंशिक अनुक्रम हैं, जो इस बात का साक्ष्य है कि वे स्थानीय यूरोपीय आबादी के साथ मिश्रित हुए थे।”

रोमानियों के खिलाफ भेदभाव

रोमानियों के साथ जाति-आधारित भेदभाव अभी भी आधुनिक विश्व में किसी न किसी रूप में मौजूद है। अधिकांश श्वेत आबादी द्वारा उनका उपहास और बहिष्कार किया जाता है। लगभग 14 मिलियन आबादी के साथ यूरोप का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह होने के बावजूद, उनमें से 80% से अधिक गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। गोवा क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिप्सी समुदाय आधुनिक रोमानिया में लगभग 500 वर्षों से दासता के अधीन था। जर्मनी में नाजियों को खुद की श्रेष्ठता के प्रति इतना जुनून था कि वे रोमानियों को जर्मन जीन पूल के लिए एक खतरे के रूप में देखते थे। जबकि नाजियों द्वारा यहूदियों का प्रलय अच्छी तरह से प्रलेखित है, कई लोग इस तथ्य से बेखबर होंगे कि हिटलर ने अपनी राक्षसी शुद्धिकरण प्रक्रिया में 2 मिलियन से अधिक रोमानियों को मार डाला था।

रोमानी लोग चाहते हैं कि भारत उन्हें स्वीकार करे

वर्षों से, रोमवासियों ने भारत सरकार से उन्हें अल्पसंख्यक के रूप में स्वीकार करने का अनुरोध किया है, ताकि उनके रास्ते में आए भेदभाव को शुरुआत में ही समाप्त किया जा सके। Hindustan times के साथ एक साक्षात्कार में विश्व रोमा संगठन के अध्यक्ष जोवन दमजानोविक ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत रोमानियों को भारतीय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देगा। मानव शास्त्रीय और भौतिक प्रमाण है कि हम भारत के हैं। हम 12-15 मिलियन लोगों की उत्पत्ति को भारतीय मूल का स्वीकार करके भारत सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर जीत सकता है। दुनिया भर में सबसे प्रसिद्ध रोमा व्यक्तित्वों में से एक वर्तमान विश्व हैवीवेट चैंपियन टायसन फ्यूरी हैं।”

निष्कर्ष

अब समय आ चुका है जब दुनिया रोमानी लोगों को उनके योगदान के लिए पहचाने और सम्मान दे। हंगरी जैसी जगहों पर गिटार और वायलिन के प्रचालन से लेकर, स्पेन में फ्लेमेंको नृत्य और मिस्र में प्राच्य नृत्य तक सभी की उत्पत्ति उन्हीं से हुई है। उन्होंने विभिन्न कवियों, संगीतकारों और नाट्यकारों के कार्यों को अभूतपूर्व रूप से संजोया है। भारत सरकार को भी देश के कथित अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उन वास्तविक अल्पसंख्यकों को भी दर्जा देने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

और पढ़ें: वाराणसी में 17 हिंदू देवी-देवताओं को उनके ही मंदिरों में पुनः स्थापित किया जा रहा है

Tags: जिप्सीरोमानी
शेयर16ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मणिपुरी महिला के घर से जब्त हुई 500 करोड़ रुपये की ड्रग्स, महिला का पति निकला चीनी

अगली पोस्ट

योगी आदित्यनाथ ने तय किया आज़मगढ़ अब होगा ‘आर्यमगढ़’

संबंधित पोस्ट

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

बैटल ऑफ सारागढ़ी
इतिहास

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

12 September 2025

सैन्य शब्दकोश का एक शब्द है- ‘लास्ट स्टैंड’, यानी वो लड़ाई जहां एक पक्ष भले ही हार गया हो, लेकिन उसकी शूरवीरता, उसकी जांबाज़ी हार...

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता
इतिहास

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

12 September 2025

अपनी पुस्तक आर्य (श्रेष्ठ) भारत का प्राक्कथन लिखते समय जो जो विचार मन में आये उन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। किसी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited