योगी आदित्यनाथ ने तय किया आज़मगढ़ अब होगा ‘आर्यमगढ़’

नाम में बहुत कुछ रखा है बेटा!

आर्यमगढ़

योगी आदित्यनाथ वो राजनीतिज्ञ हैं, जिनकी आप प्रशंसा करो या आलोचना, वो आपके ऊपर है, परन्तु आप उन्हें अस्वीकार नहीं कर सकते। जिस प्रकार से उन्होंने कई शहरों के पुराने नामों को बदलकर उनका वास्तविक रूप वापिस दिया है, वो अपने आप में प्रशंसनीय है। अब योगी आदित्यनाथ इस दिशा में एक कदम आगे बढ़कर आजमगढ़ जिले का नाम बदलकर आर्यमगढ़ करने जा रहे हैं। आर्यमगढ़, यह नाम तो सुना-सुना सा है। लगभग एक महीने पहले महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के शिलान्यास के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यदि सब कुछ सही रहा तो आज़मगढ़ को आर्यमगढ़ बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने तब सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “ महाराजा सुहेलदेव के नाम पर नया राज्य विश्वविद्यालय होगा, जो आजमगढ़ के पहचान के संकट को समाप्त करेगा”।

आज़मगढ़ कभी आतंक का गढ़ भी था

आज़मगढ़ के इतिहास को संक्षेप में बताते हुए योगी आदित्यनाथ ने तभी कहा था, “पहले पहचान का संकट था, जाति के नाम पर परिवार को भरने वाले थे, नौकरियां निकलती थीं तो पैसा लेने के लिए वसूली पर निकल जाते थे, लेकिन हमने आज कुल 7.50 लाख नौजवानों को नौकरी दी। यह नौकरी मेरे हिस्से नहीं, बल्कि नौजवानों के हिस्से में है।

प्रसन्नता होती है कि कोई सरकारी नौकरी पाया तो सही। आपके सांसद कोरोना काल में दर्शन देने नहीं आए। चुनाव की सुगबुगाहट हुई है, तो कभी-कभी आएंगे, फिर चले जाएंगे। आजमगढ़ हमारे कार्य क्षेत्र का पहले से हिस्सा रहा है। इसी जिले में 2007 में हमारे ऊपर हमला हुआ था। अजीत राय की हत्या विद्यार्थी परिषद का सदस्य होने के नाते हुई, क्योंकि उन्होंने अपने कालेज में गणतंत्र दिवस पर वंदेमातरम गान की बात कही थी। तब कालेज परिसर में हत्या कर दी गई और एक महीने तक FIR दर्ज नहीं की गई।”

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नाम परिवर्तन ‘सांस्कृतिक विरासत’ को वापस लाना है

आपको बताते चलें कि पिछले महीने अमित शाह आजमगढ़ पहुंचे थे, जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि, “जिस आजमगढ़ को दुनियाभर के अंदर, सपा शासन में कट्टरवादी सोच और आतंकवाद की पनाहगाह के रूप में जाना जाता था, उसी भूमि पर आज मां सरस्वती जी का धाम बनाने का काम हम लोग कर रहे हैं।

अब इसी शैली में योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, “एक समय हुआ करता था, जब आजमगढ़ आतंक का गढ़ हुआ करता था। आज़मगढ़ पर पूर्ववर्ती सरकार ने आतंकगढ़ का ठप्पा लगा दिया था। लोग आजमगढ़ का नाम सुनते ही होटलों में एंट्री रोक देते थे परन्तु अब ऐसा नहीं होता। अब आज़मगढ़ वास्तव में आर्यमगढ़ बनने योग्य है।

गौरतलब है कि जब योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया, तो सभी ने उनका उपहास उड़ाया और कई लोगों ने विरोध भी किया परन्तु उनका ध्येय स्पष्ट था – संस्कृति से कोई समझौता नहीं योगी आदित्यनाथ ने अपने कटिबद्धता से सिद्ध करके भी दिखाया कि वे सांस्कृतिक उत्थान के लिए किस स्तर तक जा सकते हैं। ऐसे में, यह कहना उचित होगा कि उत्तर प्रदेश में कई जिलों के नाम में परिवर्तन सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने का सराहनीय प्रयास है, जो कि एक समय में मुगलों द्वारा अवकीर्ण कर दिया गया था।

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