Ludhiana court Blast: जर्मन पुलिस ने SFJ आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को किया गिरफ्तार

गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी रहा है मुल्तानी!

जसविंदर सिंह मुल्तानी

Source- TFIPOST

पंजाब चुनाव से ठीक पहले हुए लुधियाना ब्लास्ट मामले में मोदी सरकार के कारण एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। केंद्र सरकार के आग्रह पर जर्मन सरकार ने इस हमले के मास्टर माइंड और आतंकी संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुल्तानी दिल्ली और मुंबई सहित भारत के अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों में बम ब्लास्ट की तैयारी कर रहा था। 45 वर्षीय मुल्तानी SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी रहा है और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहा है।

बॉन और नई दिल्ली में स्थित राजनयिकों के अनुसार, भारत सरकार द्वारा जर्मन अधिकारियों से खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी को गिरफ्तार करने का अनुरोध करने के बाद, मुल्तानी को संघीय पुलिस द्वारा मध्य जर्मनी में एरफर्ट से गिरफ्तार किया गया। मुल्तानी का संबंध पंजाब में सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद की तस्करी से भी है।

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पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था मुल्तानी

मूलतः पंजाब के होशियारपुर का रहने वाला आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर तब आया, जब इसका नाम हथियार की तस्करी से जुड़ा था। इसके संबंध पाकिस्तान में भी हैं और यह वहां आता-जाता रहता है। इसको पकड़ने के लिए सरकार ने उच्चतम स्तर के अधिकारियों को जर्मनी के उच्च अधिकारियों से संपर्क का आदेश दिया था। इसकी इतनी जल्द गिरफ्तारी भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है।

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान की मदद से मुल्तानी सीमा पार से विस्फोटक, हथगोले, पिस्तौल व अन्य हथियारों की तस्करी को अंजाम दे रहा था, जिसके चलते पिछले कई दिनों से वह सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। अधिकारियों का कहना है कि मुल्तानी इन हथियारों के जरिए पंजाब में बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था।

गौरतलब है कि 7 फरवरी को पंजाब पुलिस ने 8 हथियारों के साथ 4 व्यक्तियों को पकड़ा था। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने जीवन सिंह का नाम बताया था, जिसने इन हथियारों की तस्करी कराई थी और साथ ही स्थानीय स्तर पर हथियार खरीदने के लिए इन्हें फंडिंग भी की थी। जीवन सिंह के जरिए मुल्तानी का पता मिला, क्योंकि जीवन सिंह को सोशल मीडिया कैंपेन चलाने के लिए मुल्तानी ही फंड मुहैया कराता था। मुल्तानी के अलावा पंजाब पुलिस के निलंबित कॉन्स्टेबल गगनदीप सिंह का नाम भी खालिस्तानी संगठनों से जुड़ा हुआ है। गगनदीप लुधियाना ब्लास्ट में मारा गया था।

सरकार को काटनी होंगी खालिस्तानियों की जड़ें

आतंकी जसविंदर सिंह मुल्तानी की गिरफ्तारी के साथ ही पंजाब में एक के बाद एक मिल रहे हथियारों के कंसाइनमेंट भारत के लिए अच्छे संकेत नही हैं। यह सब वर्ष 1980 के उस दौर की तरह बनता जा रहा है, जब खालिस्तानी आतंकवादियों ने पूरे पंजाब को अपने कब्जे में ले लिया था। सरकार को खालिस्तानियों की जड़ें काटनी होंगी, अन्यथा भारत को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। पिछले 1 वर्ष से लगातार चले किसान आंदोलन ने पहले ही पंजाब के भीतर एक व्यापक असंतोष भर रखा है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी आंतरिक रुप से कमजोर है और इसका प्रभाव पंजाब की आंतरिक सुरक्षा पर भी पड़ सकता है।

बताते चलें कि लुधियाना कोर्ट में 23 दिसंबर को हुए ब्लास्ट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हो गए थे। हमलावरों का इरादा कोर्ट में बड़ा धमाका करने और ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का था, लेकिन जब हमलावर बम को सक्रिय कर रहा था, उसी समय धमाका हो गया।

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