भारत में जब कोरोना लोगों को लील रहा था, ठीक उसी समय विदेशी मीडिया खासकर Bloomberg पूरे विश्व में भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान, पश्चिमी मीडिया ने पक्षपातपूर्ण तरीके से भारत सरकार पर कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसी क्रम में कोरोना महामारी की एकतरफा रिपोर्टिंग को लेकर Bloomberg ने अपना एजेंडा बहुत तेज़ पूरे विश्व भर में चलाया। Bloomberg कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत पर हमला करने से नहीं चूका।
Bloomberg ने भारत की छवि को नकारात्मक दिखाया
दरअसल, कोरोना के मामले बढ़ने से जिस उत्साह के साथ पश्चिमी मीडिया भारत के शवगृहों की फोटो के साथ लेख प्रकाशित कर रही है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि वे इसी मौके की तलाश में थी। वही, Bloomberg ने न केवल कोरोना महामारी के प्रति भारत की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े किए अपितु देश के आंतरिक मुद्दों पर भी अपनी विषैली टिपण्णी की थी। अपनी ख़बर को सनसनीखेज बनाने के लिए लिबरल मीडिया अपने लेखों के साथ ऐसी फोटो शेयर कर रही थी, जिससे लोगों में भारत के प्रति एक नकारात्मक छवि बन सके।
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बता दें कि विकसित हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देश भी कोरोना के आगे असहाय दिखाई दे रहे थे फिर भी पश्चिमी मीडिया Bloomberg ने कोरोना को भारत के खिलाफ वैश्विक प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया। यह सर्विदित है कि कोरोना वायरस चीन से निकला था लेकिन चीन के खिलाफ इन वामपंथी मीडिया संस्थानों ने चुप्पी साध ली थी।
Bloomberg की एकतरफा रिपोर्टिंग
वहीं, इस मामले को लेकर IIMC द्वारा आयोजित एक सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें 82 प्रतिशत भारतीय मीडिया व्यक्तियों का मानना था कि पश्चिमी मीडिया द्वारा भारत में चल रहे COVID -19 महामारी की रिपोर्टिंग एजेंडा से प्रेरित थी। साथ ही, 69 प्रतिशत मीडिया व्यक्तियों का मानना है कि इस अवांछित कवरेज ने वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को खराब कर दिया, जबकि 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि इस तरह के कवरेज ने विदेशों में बसने वाले विदेशी भारतीयों के दिमाग में अपने देश के बारे में नकारात्मक राय बनाई है।
हाल ही में, जब से अमेरिका में कोरोना के सक्रिय मामले 10,0000 के पार हुए हैं और ICU बेड की कमी हुई है तब से CNN, Bloomberg, न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे सभी बड़े मीडिया संस्थानों ने कोरोना की विभीषिका को लेकर जो रिपोर्टिंग की है, वह उस रिपोर्टिंग से बहुत अलग है, जो भारत में आई वुहान वायरस की दूसरी लहर के समय की गई थी।
Bloomberg के कुकृत्य को भारतीय अब समझ चुके हैं
इस अध्ययन ने भारत में महामारी के पश्चिमी मीडिया के पक्षपातपूर्ण कवरेज के पीछे संभावित कारणों को जानने की भी कोशिश की। उत्तरदाताओं द्वारा कई कारणों का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उनके द्वारा सुझाए गए कुछ मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय राजनीति (51 प्रतिशत), भारत में आंतरिक राजनीति (47 प्रतिशत), फार्मा कंपनियों (34 प्रतिशत) के हित, और एशियाई क्षेत्र की क्षेत्रीय राजनीति (21 प्रतिशत) शामिल थे। वहीं, इस समय सभी मीडिया संस्थान केवल सामान्य खबरें छाप रहे हैं पर अमेरिका में किस राज्य में कोरोना के कैसे हालात हैं, इसपर कोई भी चर्चा नहीं हो रही है। बता दें कि इस समय अमेरिका की हालत पिछले वर्ष की तुलना में बहुत अधिक खराब हो चुकी है।
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ऐसे में, अमेरिका में Omicron स्ट्रेन बढ़ते जा रहा है पर Bloomberg जैसे वामपंथी विचारधारा वाले लोगों की चुप्पी इस बात का इशारा करती है कि लिब्रल मीडिया भारत जैसे विकासशील देश को दबाने की साजिश कर रहा था और आज के परिदृश्य की बात करें तो Bloomberg के कुकृत्य को अब भारतीय समझने लगे हैं और अब इस दोगली मानसिकता के लिए वामपंथी मीडिया Bloomberg की किरकिरी होने लगी है!