Paparazzi और Bollywood : ये रिश्ता क्या कहलाता है?

ये 'प्रेम' सच में सरल नहीं!

Paparazzi

बॉलीवुड, भारत में मनोरंजन का सबसे प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म है, जो इन दिनों अपने ग्लैमर को सार्वजानिक रूप से दिखाने का प्लेटफॉर्म बन गया है। नब्बे के दशक में बॉलीवुड हस्तियों द्वारा निजता को सार्वजानिक करने का प्रचलन ना के बराबर था किन्तु पिछले कुछ वर्षों से बॉलीवुड इंडस्ट्री के पॉपुलर हस्ती अपनी निजता को लेकर ‘Cool’ रहने लगे हैं, जो की एक नकारात्मक प्रचलन है। दरअसल, यह सबकुछ Paparazzi का किया-धरा है। Paparazzi एक सार्वजानिक व्यवसाय के तौर पर इन हस्तियों की गोपनीयता पर आक्रमण करते हैं। स्थिति ऐसी हो गयी है कि Paparazzi के बगैर बॉलीवुड को अधूरा कहा जाने लगा है। आखिर यह Paparazzi क्या है और इसे बोललयवूड में इतनी महत्ता क्यों दी जाती है। आइए जानते हैं?

Paparazzi संस्कृति और बॉलीवुड में इसका प्रवेश

सन् 1960 में प्रदर्शित फिल्म La Dolce Vita में एक फोटोग्राफर था, जिसका नाम था Paparazzo।  यह एक फ्रीलांस फोटोग्राफर था, जो हॉलीवुड के सितारों की निजी जिन्‍दगी के फोटो खींचने के लिए किसी भी हद तक जा सकता था। वहीं से Paparazzi शब्द की उत्पत्ति हुई और इटली से ही ये संस्कृति फलते-फूलते हुए भारत पहुंची। Paparazzi मूलरूप से स्वतंत्र पत्रकार / फोटोग्राफर होते हैं, जो प्रसिद्ध सेलेब्रिटी / अभिनेता के निजी जीवन पर विशेष नज़र रखते हैं। तड़क-भड़क वाली खबरें जुटा कर ही ये अपना जीवनयापन करते हैं। वहीं, बॉलीवुड में Paparazzi की एंट्री तब हुई, जब मुम्‍बई के अंग्रेजी टैब्‍लॉयड ‘मिडडे’ ने फिल्‍म कलाकार शाहिद और करीना कपूर के प्रगाढ़ चुम्‍बन की फोटो को छापकर Paparazzi पत्रकारिता को बहस के केन्‍द्र में लाकर खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं अपितु इस फोटो को कुछ नामी मीडिया घरानों ने अपने प्रचार-प्रसार के लिए जमकर उपयोग किया।

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Paparazzi पत्रकारिता की नैतिकता

बता दें कि Paparazzi पत्रकारिता नैतिक रुप से इस स्तर पर पहुंच चुकी है कि हाल ही में संपन्न हुए विकी कौशल के विवाह में उपयोग हुए डीजे गीतों की जानकारी से लेकर ‘बचपन का प्यार’ गाने वाले बालक के नए कपड़ों तक पर इनकी रिपोर्ट देखते ही बनती है। वहीं, इस विषय पर यूट्यूबर महेश केशवाला उर्फ Thugesh से लेकर सम्राट भाई, Lakshay Chaudhary इत्यादि ने अपने अपने वीडियो के माध्यम से प्रकाश भी डाला है।

प्रारंभ में Paparazzi का उद्देश्य जनता को सेलेब्रिटी के कार्यों पर पल-पल की जानकारी देनी थी, परंतु अब उनका ध्येय कुछ और हो चुका है। अगर मीडिया घरानों की बात करें तो क्या वायर, क्या रिपब्लिक, सभी मीडिया पोर्टल इस बात के लिए बराबर दोषी हैं। हर खबर को पहले पहुंचाने की अंधी दौड़ में ये लोग कब अपनी सीमाएं लांघने लगते हैं, इन्हे खुद नहीं पता होता। वैसे भी, हम किनसे नैतिकता की आशा कर रहे हैं, उनसे जो सुशांत सिंह राजपूत के मृत्यु पर उनके पार्थिव शरीर की फोटो को बिना किसी शर्म के अपने चैनलों पर प्रदर्शित कर रहे थे?

बॉलीवुड और Paparazzi : एक ही सिक्के के दो पहलु हैं

हालांकि, बॉलीवुड अभिनेता Paparazzi के इतने बड़े फैन हो चुके हैं कि वे जिम, एयरपोर्ट, पार्टी और यहां तक ​​कि किराने की खरीदारी की ओर जाते समय भी Paparazzi फोटोग्राफर से तस्वीर खींचने के लिए कहते हैं। Paparazzi संस्कृति, कई मामलों में मशहूर हस्तियों के लिए एक वरदान है और उनके दिनचर्या की सबसे बड़ी साथी भी। लेकिन कहीं न कहीं इन सब के लिए स्वयं बॉलीवुड भी कुछ हद तक दोषी है, क्योंकि ताली एक हाथ से तो नहीं बजती। उदाहरण के लिए हम भले ही विकी कौशल और कटरीना कैफ के विवाह से पूर्व अनावश्यक मीडिया कवरेज से त्रस्त हो, परंतु जब उन्हें खुद आपत्ति नहीं हो, तो हम और आप कौन हैं? स्वयं कटरीना ने एक बार कहा था, “जब वे (Paparazzi) मेरी फोटो लेते हैं, तो कभी-कभी ऐसी फोटो लेते हैं, जिसमें हम कुछ ज्यादा ही बुरे दिखते हैं? क्या हमने ऐसा जानबूझकर किया?”

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अंततः बॉलीवुड और Paparazzi एक ही सिक्के के दो पहलु जैसे हैं और दोनों में मजबूत रिश्ता है। बॉलीवुड, सुविधाजनक रूप से, PR के लिए इसको प्रोत्साहित करता है और जब यह उनकी गोपनीयता पर आक्रमण करने लगते हैं और उन्हें नीचा दिखाने लगते हैं तब बॉलीवुड के पॉपुलर हस्तियों द्वारा इसका कुछ समय के लिए विरोध किया जाता है। सच कहें तो Paparazzi और बॉलीवुड का एक अजब ही नाता है ‘न तो स्वयं एक दूसरे को गले लगाएंगे और न ही एक दूसरे के बिना इनका काम चलेगा।’

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