Tesla इंकॉर्पोरेटेड अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन और संधारणीय ऊर्जा कंपनी है। यह कंपनी अपने कारोबार को लेकर ख़बरों में बनी हुई है। हाल ही में, Tesla में कार्यरत अथवा पूर्व में कार्य करने वाली छः महिला कर्मचारियों ने कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया शहर में स्थित कंपनी Tesla के विरुद्ध छह महिलाओं ने मुकदमा दायर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि साथी कर्मचारियों द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया गया था और कंपनी इस संदर्भ में कोई कार्रवाई करने में विफल रही थी।
Tesla पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप
दरअसल, अलमेडा के काउंटी सुपीरियर कोर्ट में बीते 14 दिसंबर को एक मुकदमा दायर किया गया था। इसके पूर्व नवंबर महीने में Tesla के विरुद्ध दो मामले और दिसंबर में एक मामला पहले से ही दायर हैं। इसके अलावा एलन मस्क की नेतृत्व वाली कंपनी स्पेस X में बतौर इंजीनियर कार्य कर चुकी एक महिला कर्मचारी ने एक ब्लॉग के माध्यम से अपने साथ कंपनी में हुए यौन उत्पीड़न के बारे में विस्तार पूर्वक लोगों को बताया था।
गौरतलब है कि कंपनी के सर्वेसर्वा एलन मस्क का व्यवहार और उनका वक्तव्य स्पष्ट करता है कि कंपनी में यौन उत्पीड़न की एक परिपाटी बन गई है, जिसे कंपनी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुखर रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। बता दें कि Tesla टेक्सास में तकनीकी शिक्षा के लिए एक विश्वविद्यालय चलाती है, जिसका नाम Texas Institute of Technology & Science है। एलन मस्क का यह व्यवहार स्वतः बताता है कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय के नाम का प्रयोग महिलाओं के स्तन की ओर व्यंग्यात्मक टिप्पणी के रूप में किया था। कुछ समय पूर्व Tesla पर एक कर्मचारी द्वारा रंगभेद का आरोप भी लगाया गया था, जिसके बाद कंपनी ने उसे कानूनी आदेश पर 137 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया था।
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Tesla और Space X का कहीं बंटाधार ना हो जाए
एक ओर, कहा जा सकता है कि Tesla कंपनी के मालिक एलन मस्क का समय खराब चल रहा है। उनकी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए भारत जैसे बड़े बाजार का प्रयोग करना चाहती है, लेकिन भारत सरकार की योजना अलग है। भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के स्थान पर हाइड्रोजन संचालित गाड़ियों के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहती है। साथ ही Tesla पर भारत में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाजार अर्थात चीन Tesla की आवश्यकताओं को पूरा करने में अक्षम साबित हो रहा है। हाल ही में, चीन में ऊर्जा संकट इतना बढ़ गया कि Tesla को अपनी विनिर्माण इकाइयों को चीन से स्थानांतरित करने पर विचार शुरू करना पड़ा।
इसके अतिरिक्त एलन मस्क द्वारा अपने Space X कंपनी के माध्यम से लोगों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना भी बहुत सफल होती नहीं दिख रही है। देखा जाए तो लोगों को चांद और मंगल पर बसाने का सपना फिलहाल सपना ही लगता है। Space X की दूसरी समस्या बड़ी मात्रा में सैटेलाइट लॉन्च के लिए इंजन उत्पादन को बढ़ाने की है।
कुछ दिनों पहले ही एलन मस्क का एक मेल वायरल हो गया था, जिसमें वह कंपनी के कर्मचारियों को यह समझा रहे थे कि यदि कंपनी अगले साल तक हर 2 सप्ताह में 1 स्पेस शिप उड़ान की दर प्राप्त नहीं करेगी तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी। लेकिन Space X की वर्तमान स्थिति को देखकर तथा अंतरिक्ष में लगातार उड़ान के सपने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि एलन मस्क ने अपनी कंपनी के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह असंभव प्रतीत होता है।
मस्क अपनी छवि और कारोबार दोनों को डूबा देंगे!
बताते चलें कि एलन मस्क का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट स्टारलिंक इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाने का भी है, जिसके अंतर्गत सैटेलाइट माध्यम से लोगों को तेज इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। हालांकि, यह योजना भी बहुत मुश्किल से लागू की जा सकेगी क्योंकि पूरी दुनिया को तेज इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए पृथ्वी की कक्षा में हजारों सैटेलाइट भेजने पड़ेंगे। यह अत्यधिक खर्चीली प्रक्रिया होगी और इससे अंतरिक्ष मलबा बढ़ने की भी संभावना है। ऐसे में, यह भी हो सकता है कि कोई NGO अमेरिका की कोर्ट में ही मस्क के प्रोजेक्ट पर रोक लगाने पहुंच जाए। वहीं, भारत सरकार ने पहले ही स्टारलिंक प्रोजेक्ट से दूरी बना रखी है।
ऐसे में, यह स्पष्ट होता है कि एलन मस्क की अधिकांश योजनाएं भविष्य की कल्पनाओं पर आधारित होती हैं। वहीं, Tesla कंपनी में घटित हो रही यौन उत्पीड़न की घटनाओं ने कंपनी की छवि को ख़राब कर दिया है, जिसके बाद एलन मस्क के इस तरह के विवादों में उलझने से उनकी छवि और कारोबार दोनों ध्वस्त हो सकते हैं।
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