समाजवादी इत्र से लेकर पान मसाला तक, सपा के पैसे के हर स्रोत पर चोट कर रहे हैं सीएम योगी

सपा की नींव पर कड़ा प्रहार!

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हाल ही में एक समाजवादी परफ्यूम बाजार में आया, इस परफ्यूम को स्वयं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा लॉन्च किया गया था। परफ्यूम की महक कैसी थी यह तो नहीं पता, किंतु परफ्यूम बनाने वाले व्यापारी का नाम एक बड़े विवाद में आ गया है। समाजवादी परफ्यूम बनाने वाले कन्नौज के बड़े इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर आयकर विभाग के छापे के बाद 100 करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छापे के दौरान मिला नगद इतना अधिक था कि आयकर विभाग के अधिकारी उसे गिनते-गिनते थक गए। अंततः मशीन मंगवा कर नोटों की गिनती करवानी पड़ी। टि्वटर पर वायरल हो रही फोटो में तीन अलमारी और एक कमरा भर के नोटों की गड्डियां रखी दिख रही है।

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आयकर विभाग के अधिकारियों को 100 करोड़ से अधिक नगद के अतिरिक्त 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस प्राप्त हुआ है। इनवॉइस वाणिज्यिक दस्तावेज होते हैं, जो मुख्यतः विक्रेता और क्रेता के बीच हुए लेनदेन की जानकारी प्रदान करते हैं। फर्जी इनवॉइस की प्राप्ति बताती है कि नकदी के रूप में प्राप्त हुए काले धन को सफेद दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे। आयकर विभाग की टीम पीयूष जैन के कानपुर स्थित कार्यालय के साथ ही कन्नौज स्थित घर पर छापेमारी कर रही है तथा उनसे पूछताछ भी जारी है।

सपा नेताओं के घर पर भी हुई थी छापेमारी

गौरतलब है कि कन्नौज एक लंबे समय तक समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है और यादव परिवार की बहू तथा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज से सांसद भी रही हैं। इसके पूर्व भी आयकर विभाग द्वारा समाजवादी पार्टी के नेताओं के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें अब तक 86 करोड़ रूपये की गैरकानूनी आय का पता चला है। यहां तक कि 68 करोड़ के अवैध धन को सपा नेताओं द्वारा स्वीकृत भी किया गया है। इसके अलावा 150 करोड़ रुपये की रकम के कागज नहीं मिले हैं।

आयकर विभाग की छापेमारी के बाद अखिलेश यादव बौखला गए थे और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। अखिलेश यादव का आरोप था कि चुनाव आते ही उत्तर प्रदेश सरकार आयकर विभाग का प्रयोग करके विपक्षी दल के नेताओं को भयभीत करना चाहती है। अखिलेश यादव के अनुसार भाजपा को हार का डर सता रहा है, इसलिए समाजवादी पार्टी के नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है।

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क्या वोट खरीदने के लिए होता इन पैसों का प्रयोग?

हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह भी है कि 5 वर्षों से दबाई हुई अवैध संपत्ति का प्रयोग, समाजवादी पार्टी द्वारा आगामी चुनाव में किया जाना था। चुनाव आते ही यह काला धन बाहर आया और नोटों के बंडल का प्रयोग करके वोट खरीदने का खेल शुरू होने वाला था। यही कारण है कि आयकर विभाग को समाजवादी पार्टी से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के घरों से इतनी बड़ी संख्या में नोटों के बंडल मिल रहे हैं। यदि यह छापेमारी 6 माह पूर्व होती तो भी अखिलेश यादव के आरोप समान ही होते, किंतु तब संभवतः दबा कर रखे गए काले धन का पता लगाने में आयकर अधिकारियों के पसीने छूट जाते।

मौजूदा समय में चुनाव के कारण समाजवादी पार्टी के नेताओं को अपना समस्त काला धन पिटारे से निकालकर प्रयोग में लाना पड़ रहा है। ऐसे में आयकर विभाग मौके का फायदा उठाकर जबरदस्त कार्रवाई कर रहा है और एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। यदि आयकर विभाग इसी प्रकार समाजवादी पार्टी के नेताओं की अवैध संपत्ति और नगदी जब्त करता रहा, तो अखिलेश यादव का वर्ष 2022 चुनाव जीतने का सपना, सपना ही रह जाएगा तथा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अगले 5 वर्ष भी ‛कब आओगे मेरे अखिलेश, तुम्हें यूपी बुलाती है’ वाला गाना गाते रहेंगे!

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शिखर पान मसाला पर भी हुई कार्रवाई

बताते चलें कि बीते बुधवार को शिखर पान मसाला कंपनी में GST और इनकम टैक्स की छापेमारी हुई थी। GST विभाग के मुताबिक, शिखर पान मसाला फैक्ट्री में की गई छापेमारी के दौरान ये पाया गया कि ई वे बिल न बनाना पड़े, इसके लिए फर्जी फर्म के नाम से 50 हजार रुपए से कम के फर्जी इनवॉइस बनाए जाते थे। ट्रांसपोर्टर के यहां खड़े 4 ट्रकों में 200 फर्जी इनवॉइस भी बरामद हुई हैं। फैक्ट्री में स्टॉक चेक करने पर कच्चे माल और तैयार माल में काफी अंतर पाया गया। खबरों के मुताबिक उसी दौरान IT टीम को पीयूष जैन के द्वारा टैक्स चोरी की टिप मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और इतनी बड़ी मात्रा में नकद बरामद किया गया है।

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