आर अश्विन पिछले कुछ समय से भारत के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली गेंदबाजों में से एक रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को झकझोर कर अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भारतीय क्रिकेट की लोककथाओं में अपने लिए एक खास जगह बनाई है। शॉन पोलक (Shaun Pollock) को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अश्विन 12वें सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन चुके हैं। उन्होंने 24.27 के औसत और 52.3 के स्ट्राइक रेट से इस बेहतरीन उपलब्धि को हासिल किया है।
क्या आप अपने ऐसे किसी भी गेंदबाज को बेंच पर बिठाना चाहेंगे। ऊपर से तब, जब उसके नाम से शतक भी दर्ज हो। संभवत: जवाब होगा- बिल्कुल नहीं! रविचंद्रन अश्विन यकीनन इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और यह तथ्य उनके आंकड़े स्थापित करते हैं। टीम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक होने के बावजूद इस अनुभवी ऑफ स्पिनर को किसी ना किसी कारण से टीम प्रबंधन द्वारा उपेक्षित कर बाहर बैठा दिया जाता था।
वर्ष 2018 और वर्ष 2020 के बीच एक समय ऐसा भी आया, जब चेन्नई में जन्मा यह उंगली का जादूगर बार-बार नजरअंदाज किए जाने से इतना तंग आ गया कि उन्होंने क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास लेने पर विचार करना भी शुरू कर दिया था। यह वह दौर भी था, जब वो चोट से जूझ रहे थे और उनके मन में अपने भविष्य को लेकर संदेह होने लगा था। अब शायद शानदार वापसी के बाद उनका दर्द छलक पड़ा है।
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अश्विन को नहीं मिला टीम प्रबंधन से समर्थन
अश्विन ने ESPN Cricinfo को बताया कि “2018 और 2020 के बीच मैंने विभिन्न बिंदुओं को लेकर खेल छोड़ने पर विचार किया। मैंने सोचा कि बहुत प्रयास कर लिया, लेकिन नहीं हो रहा है। मैंने जितना कठिन प्रयास किया, टीम से उतना ही दूर महसूस किया। विशेष रूप से एथलेटिक प्यूबल्जिया और पेटेलर टेंडोनाइटिस के साथ। मैं छह गेंद फेंकता था और मेरी सांसे फूलने लगती थी, हर जगह दर्द होता था।”
इस बेहतरीन स्पिनर ने हाल ही में भारत के तीसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज हरभजन सिंह को पछाड़ दिया है। आर अश्विन ने कहा कि जब वो चोट के बाद ठीक होने और वापसी करने की कोशिश कर रहे थे, तो लोग उनकी चोटों के प्रति संवेदनशील नहीं थे और लोगों ने उनकी प्रतिबद्धता पर संदेह भी किया। सीधे तौर पर उनका इशारा कप्तान विराट कोहली और तत्कालीन कोच रवि शास्त्री की ओर था। 35 वर्षीय स्पिन जादूगर ने टीम प्रबंधन पर अन्य खिलाड़ियों का समर्थन करने और इतने वर्षों तक उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन कर देश के लिए अनगिनत मैच जीतने के बावजूद उन्हें अकेला छोड़ने का आरोप लगाया।
इंग्लैंड दौरे पर नहीं मिली थी प्लेइंग इलेवन में जगह
अश्विन ने किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वो टेस्ट कप्तान कोहली और पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के बारे में बात कर रहे थे, जो पिछले चार-पांच वर्षों में सभी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार थे। ऑफ स्पिनर ने महसूस किया कि उन्हें हमेशा परेशान किया गया। प्रबंधन ने बहुत सारे खिलाड़ियों का समर्थन किया, लेकिन उनका नहीं। विश्व क्रिकेट में अग्रणी स्पिनरों में से एक होने के बावजूद, चयनकर्ताओं ने उनकी पर्याप्त सराहना नहीं की और उन्हें कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वो हकदार थे।
जब भारतीय टीम ने इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड का दौरा किया, तो अश्विन को एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि रवींद्र जडेजा अपने सीनियर से आगे शुरुआती एकादश में जगह बना रहे थे। अश्विन को बेंच पर बैठे देख दुनिया भर के प्रशंसक और विशेषज्ञ हैरान थे, लेकिन कोहली और शास्त्री ने उन सभी को नजरअंदाज कर दिया।
टेस्ट क्रिकेट में 427 विकेट चटका चुके हैं अश्विन
टीम प्रबंधन, कप्तान और कोच द्वारा ऐसा व्यवहार किए जाने के बावजूद अश्विन ने अपनी लड़ाई खुद लड़ी और चार साल में पहली बार भारत के सीमित ओवरों के सेट-अप में वापसी करने में सफल रहे। नए सफेद गेंद के कप्तान रोहित शर्मा ने इस स्पिनर को आगे की योजनाओं का एक अभिन्न अंग बताया है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले महीनों में अश्विन नई ऊंचाइयों तक पहुंचें और अपने आलोचकों को गलत साबित करें।
बताते चलें कि वर्ष 2021 में अश्विन लगभग अतुलनीय रहे हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में चार विकेट लेने के बाद, वो इस वर्ष में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। उन्होंने 16.87 की औसत और 42.8 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 51 विकेट हासिल किया है। खेल के इतिहास में एक कैलेंडर वर्ष में केवल सात गेंदबाजों ने अश्विन से कम औसत से अधिक विकेट लिए हैं। स्पिनर अश्विन ने वर्ष 2020 में भी 61 विकेट चटकाए थे। वर्ष 2015 में तो उन्होंने 17.2 के औसत और 36.4 के स्ट्राइक रेट से 62 विकेट लिए थे। एक टेस्ट मैच में 6 बार 10 विकेट लेने के कारनामे और लगातार 5 वर्षों तक 50 से ऊपर विकेट लेने का कारनामा भी अश्विन कर चुके हैं। वो टेस्ट क्रिकेट में अभी तक 427 विकेट चटका चुके हैं।
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