केरल के कन्नूर जिले के पिनाराई से शर्मनाक खबर सामने आ रही है, जहां एक स्कूल टीचर ने विद्यार्थियों के शौचालय में कैमरा छुपा दिया था, जिससे वह उनकी वीडियो बना सके। इस शिक्षक का नाम के. नौशाद है और यह अरबी भाषा का आलिम है। यह बच्चों को अरबी भाषा पढ़ाता था। दरअसल, एक बच्चे ने टॉयलेट रूम में मोबाइल फोन देख कर अपने अभिभावक से इसकी शिकायत की थी, जिसके तुरंत बाद अभिभावक ने विद्यालय के हेड मास्टर को इस संदर्भ में सूचना दी। विद्यालय प्रशासन ने इस मामले के संदर्भ में पुलिस को सूचित किया। हालांकि, पुलिस जांच के दौरान कैमरा मिलने से नौशाद को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
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केरल में शिक्षक ने की अश्लीलता की हदें पार
आपको बता दें कि घटना RC अमला बेसिक प्राथमिक विद्यालय की है। पुलिस जांच में नौशाद के मोबाइल फोन से कई विद्यार्थियों की वीडियो भी प्राप्त हुई है। वहीं, अरबी भाषा का यह शिक्षक छोटे बच्चों की वीडियो बनाकर उसका प्रयोग उन्हें ब्लैकमेल करने में करता था या नहीं, अभी यह बात सामने नहीं आई है। हालांकि, पुलिस ने इस मौलाना को पास्को एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि इस्लाम में अरबी का वही स्थान है, जो हिंदू धर्म के लिए संस्कृत का है। इस्लाम अरबी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ भाषा मानता है। उनकी सभी मजहबी किताबें अरबी में लिखी जाती हैं। इसलिए अरबी भाषा के आलिम द्वारा ऐसी नीच हरकत को अंजाम देना निश्चित रूप से स्थानीय मुसलमानों के लिए अपमानजनक बात है।
यह घटना पिनाराई में हुई है, जो स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री का पैतृक निवास है। यही कारण है कि इस घटना को मीडिया में अधिक महत्ता नहीं दी जा रही है। हालांकि, देखा जाए तो केरल में बच्चों और स्त्रियों के यौन शोषण की घटनाएं आम होती जा रही हैं। मदरसों के अतिरिक्त सिस्टर लूसी का प्रकरण भी सार्वजनिक है। उन्होंने चर्च में होने वाले यौन शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई थी। उन्होंने यहां तक बताया था कि पादरियों ने कई नन को गर्भवती भी बना दिया है और वरिष्ठ स्त्री नन भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाती हैं।
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मेनस्ट्रीम मीडिया नहीं उठाती ऐसी खबरें
बताते चलें कि कल ही पश्चिम बंगाल से भी बच्चों के यौन शोषण की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि राज्य के हावड़ा में सरकारी कर्मचारी ही सेल्टर हाउस के नाम पर बच्चों का यौन शोषण कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी घर में बच्चों के यौन शोषण के आरोप में राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग में सहायक निदेशक रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे में, सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इस प्रकार की खबरें मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा केवल इसलिए नहीं उठाई जाती क्योंकि वह उनके नरेटिव के अनुरूप नहीं होती हैं। अब उम्मीद यही की जा सकती है के. नौशाद मामले में बच्चों को जल्द न्याय मिलेगा।