हाल ही में Netflix India ने एक सीरीज़ को स्ट्रीम किया, जिसका नाम था ‘Decoupled’। आधुनिक संबंधों को लेकर एक विचित्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती Decoupled सीरीज़ को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया आई थी, और इसके कुछ सीन किन्हीं अन्य कारणों से भी वायरल हो रहे हैं। लेकिन इससे ज्यादा चर्चा इसके प्रमुख अभिनेता आर माधवन और चेतन भगत के एक ट्वीट को लेकर थी, जिसमें उन्होने पोस्ट किया, “क्या कोई ऐसी फिल्म है, जो पुस्तक से भी बेहतर हो? हाँ, 3 इडियट्स हैं न!”
YES! 3 Idiots🤩🤩🤣🤣🙏 https://t.co/gciVNcobiA
— Ranganathan Madhavan (@ActorMadhavan) December 20, 2021
शुरू में ये एक प्रकार से चेतन भगत की ओर एक स्पष्ट निशाना था, जिन्होंने 3 इडियट्स की मूल पुस्तक यानि ‘फाइव पॉइंट समवन’ को लिखा था, और प्रश्न उन्ही की ओर से पोस्ट भी किया गया था। अब जवाब में चेतन ने ट्वीट किया, “हाँ हाँ, सही है, क्या निशाना साधा है, पर मेरे लिए एक पान मसाला ब्रांड अवॉर्ड शो से बेहतर तो Pulitzer Prize होगा”
HAHAHAHAHA, what an unsubtle plug, maybe it’s just me, I prefer a Pulitzer over a pan masala branded award show. https://t.co/fdJb7RZBuF
— Chetan Bhagat (@chetan_bhagat) December 20, 2021
लेकिन जल्द ही माधवन ने इस गुत्थम गुत्थी में स्पष्ट कर दिया कि ये सब ‘Decoupled’ के प्रोमोशन हेतु था, और माधवन ने चेतन की प्रशंसा भी की। कुछ भी हो, परंतु अपने उत्पाद की ऐसी बेजोड़ प्रोमोशन कोई इनसे सीखे।
परंतु शेर के मुंह जब खून लग गए, तो केवल दो कौर पर न रुकेगी बबुआ… सोशल मीडिया की जनता ने मौके पर ऐसा चौका लगाया कि चेतन भगत के लिए तो मानो काटो तो खून नहीं जैसी स्थिति हो गई होगी।
एक यूजर ने लिखा, “आपका वार्तालाप बड़ा ही मनोरंजक था। पर क्या आप केवल उन्ही से बात करते हैं जो आपसे अधिक सफल, अधिक लोकप्रिय या अधिक धनवान हो?”
Your banter with @ActorMadhavan is just too entertaining. By the way do you reply only to people who are more successful, popular and richer than you?
— TheCancerian 🇮🇳 (@achalesh) December 21, 2021
एक व्यक्ति ने चेतन का अवॉर्ड वापसी पर ट्वीट के प्रत्युत्तर में दिए गए रिप्लाई को रेखांकित करते हुए लिखा, “बच्चे, तुझे अगर साहित्य अकादेमी अवॉर्ड मिल गया तो मैं अपना राशन कार्ड विरोध में लौटा दूंगा”
Give him award then😂🤣🤘 pic.twitter.com/D7CCi3VnFY
— Anubhav Kumar (@anubhavnarayan) December 20, 2021
परंतु आपको क्या लगता है, चेतन भगत को इससे तनिक भी फर्क पड़ता है? चेतन भगत का बेइज्जती से वही नाता है जो कुणाल कामरा, स्वरा भास्कर और मुनव्वर फारूकी का है, जितनी भी दो, कम ही पड़ेगी। महोदय ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के अतुलनीय प्रदर्शन पर अपना कटाक्ष से परिपूर्ण लेख लिखते हुए बोला था कि ‘ओलंपिक में आप राष्ट्रीय गौरव के लिए नहीं लड़ते।’
सच में, इस बार चेतन भगत का वही हाल हुआ है कि चौबे जी चले थे छब्बे जी बनने दूबे जी बनके लौटे। महोदय प्रोडक्ट प्लेसमेंट के चक्कर में ऐसी बेइज्जती करा बैठे कि न उनसे निगलते बन रहा है न उगलते। माधवन के ‘Decoupled’ को जाने-अनजाने कई दर्शक मिल गए, परंतु चेतन भगत इस पूरे प्रकरण में मज़ाक बनकर रह गए हैं।