भारत में सभी के लिए आवास सबसे चिरस्थायी समस्याओं में से एक रहा है। गरीब तबके के लोगों को धन की कमी का सामना करना पड़ता है, जबकि जिनके पास धन है वे कई परियोजनाओं में बिल्डरों से कुप्रबंधन और उत्पीड़न का सामना करते हैं। गरीबों के लिए किफायती आवास शुरू करने के बाद, मोदी सरकार ने स्वतंत्र घर खरीदारों को घरों की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए एक मिशन शुरू किया है। जिसे SWAMIH नाम दिया गया है।
वित्त मंत्रालय ने गत शुक्रवार को कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित वैकल्पिक निवेश कोष से अटके हुए 243 आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अंतिम फंडिंग का विस्तार करते हुए 22,972 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इससे देश भर में 1,41,045 घरों का निर्माण पूरा हो सकेगा। अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग (SWAMIH) के लिए विशेष विंडो के तहत स्थापित फंड ने 99 परियोजनाओं में 9,743 करोड़ रुपये के निवेश को अंतिम मंजूरी दे दी है, जबकि 144 परियोजनाओं को प्रारंभिक मंजूरी दी गई थी, जिसमें 13,229 करोड़ रुपये के निवेश शामिल थे।
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क्या है SWAMIH?
SWAMIH रुके हुए घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए एक सामाजिक प्रभाव कोष है। रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित 250 बिलियन रुपये ($3.5 बिलियन) का यह फंड इस साल 2021 में अपना पहला तैयार अपार्टमेंट देने के लिए तैयार है।
मंत्रालय का सहयोग
वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस फंड से पिछले छह महीनों में 1,500 से अधिक आवास इकाइयों को पहले ही पूरा कर लिया गया है। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, “वर्तमान में यह अगले 3 से 4 वर्षों में हर साल कम से कम 10,000 घरों को पूरा करने की राह पर है।” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई 2021 में लगभग 640 लोगों को उपनगरीय मुंबई में रिवली पार्क के पास स्थित उनकी अटकी आवासीय परियोजना का कब्जा सौंप दिया था। यह SWAMIH फंड से समर्थन प्राप्त करने वाली पहली आवास परियोजना थी।
SBICAP वेंचर्स के प्रबंध निदेशक सुरेश कोझीकोटे ने बीते शुक्रवार को घर खरीदारों को चाबी सौंपी। जिन्हें सरकार द्वारा इस AIF का प्रबंधन करने का जिम्मा सौंपा गया है। SWAMIH फंड की घोषणा 6 नवंबर, 2019 को की गई थी, तब LIC, HDFC और SBI सहित 14 निवेशकों से 10,530 करोड़ रुपये जुटाए थे। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए कुल 10,000 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। घरों की डिलीवरी के बाद यह निजी खपत को बढ़ावा देने वाला था। वित्त मंत्रालय ने पहले कहा था कि SWAMIH फंड के माध्यम से समर्थित परियोजनाएं विजाग और चंडीगढ़ जैसी महानगरों के साथ साथ करनाल, पानीपत, लखनऊ, सूरत, देहरादून, कोटा, नागपुर, जयपुर, नासिक जैसे टियर-2 स्थानों एवं बाजारों में फैली हुई हैं।
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सरकार ने जारी किए 23 हजार करोड़ रुपये
2019 के अंत में एक उद्योग के अनुमान के अनुसार, 1,509 रुकी हुई परियोजनाओं में 4.58 लाख आवास इकाइयों को देरी से वितरण का सामना करना पड़ रहा था। परन्तु, अब सरकार ने इसके लिए करीब 23 हज़ार करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं, जिससे शीघ्रातिशीघ्र लोगों को आवास मिलना सुनिश्चित किया गया है। लोगों को छत देना कल्याणकारी राज्य के स्थापना की प्रथम नींव है। छत मिलेगा तो आबादी बसेगी, शहरीकरण होगा, व्यवसाय और व्यापार सृजित होगा। ‘सबका साथ और सबका विकास’ की संकल्पना साकार होगी । मोदी सरकार की सबको घर देने की प्रतिबद्धता देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी।