यूपी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में कई तरह की गतिविधियां चल रही हैं। इसी बीच के जब प्रधानमंत्री मोदी काशी विश्वनाथधाम का उद्घाटन कर रहे थे, तब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री को अपशब्द बोलते हुए उनकी मृत्यु की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद भाजपा ने सपा नेता अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनके ताने को ‘सबसे असभ्य’ और ‘क्रूर’ करार दिया था।
अखिलेश यादव ने PM मोदी पर की असभ्य टिप्पणी
दरअसल, पीएम मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन और पवित्र शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भाजपा की महीने भर की योजना पर अपनी प्रतिक्रिया में अखिलेश यादव ने कहा था कि “लोग वाराणसी में तब रहते हैं, जब उनका अंत निकट होता है।” वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लोगों के लिए अपने जीवन के अंतिम दिन बनारस शहर में बिताना शुभ माना जाता है।
उनके इस बयान पर निशाना साधते और जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि “उनकी पार्टी की सरकार ने अयोध्या में ‘कारसेवकों’ पर गोलियां चलाई थीं और ऐसी क्रूर और असभ्य टिप्पणियां उनकी मानसिकता को दर्शाती हैं।” प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि “अगर उन्हें हिंदू मान्यताओं के बारे में कोई सहानुभूति होती, तो वे काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन का स्वागत करते। लेकिन उन्हें केवल अपने वोट बैंक की चिंता है। राजनीतिक मतभेद एक बात है, लेकिन किसी के अंत की कामना करना निंदनीय है। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।”
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वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “अखिलेश यादव ने उसी मानसिकता से बात की जिसने कारसेवकों पर गोलियां चलाई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि औरंगजेब ने विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करने की कोशिश की थी और यादव अब उनके साथ खड़े हैं।’
सपा नेताओं पर आयकर विभाग की छापेमारी
बताते चलें कि हाल ही में, आयकर विभाग ने समाजवादी पार्टी के नेता राजीव राय का दरवाजा खटखटाया है, जो अखिलेश यादव के करीबी सहयोगी भी हैं। आयकर विभाग की टीम ने बीते शनिवार को उनके परिसरों की तलाशी की है। विभाग के सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है। मऊ में राजीव राय के अलावा मैनपुरी में RCL ग्रुप के प्रमोटर मनोज यादव के परिसरों पर भी छापेमारी की गई है।
अखिलेश के एक अन्य सहयोगी मनोज यादव भी टैक्स के रडार पर आ गए हैं। मनोज यादव के ठिकानों पर तलाशी सुबह करीब सात बजे शुरू हुई। ये छापे ऐसे समय में आए हैं, जब राज्य चुनाव के लिए तैयार है और समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव अपनी कई परियोजनाओं को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए राजीव राय ने ANI से कहा कि “सरकार किसी भी चीज का मामला बना लेती है। मेरी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि या काला धन नहीं है। मैं लोगों की मदद करता हूं और सरकार को यह पसंद नहीं आया। यह उसी का परिणाम है। यदि आप कुछ भी करते हैं, तो वे एक वीडियो बनाएंगे, एक प्राथमिकी दर्ज करेंगे और आप अनावश्यक रूप से मुकदमा लड़ेंगे।”
यूपी की तरक्की देख बौखला गया है विपक्ष
आपको बता दें कि यह प्रशासनिक प्रतिशोध का मामला नहीं है। यह भ्रष्टाचार का मामला है। यह वो मामला है, जिसमें करोड़ो का भ्रष्टाचार दबा हुआ है। राजीव राय शिक्षा जगत के जाने माने माफिया हैं, जो बेंगलुरु समेत कई जगहों पर अपना शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं। यह कार्रवाई सिर्फ उनके भ्रष्टाचार का प्रमाण है।
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ऐसे में, उत्तर प्रदेश में सपा नेता अखिलेश यादव एक ओर आगामी चुनाव में भाजपा को मात देने का सपना देख रहे हैं और जनता के बीच जाकर भाजपा की नाकामियों को गिनाने का काम कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर वो ऐसे बयानों की वजह से अपनी छवि को धूमिल करने पर स्वयं तुले हुए हैं। अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि बीते पांच सालों में उत्तर प्रदेश की तरक्की देखकर विपक्ष बौखला गया है।