महामारी के अंत की शुरुआत हो सकता है Omicron

भारत पर नहीं पड़ेगा इसका कोई असर!

ओमिकॉर्न

Source- ET

विश्व में कोरोना के तीसरे वेरिएंट ‛Omicron’ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ओमिकॉर्न के फैलाव के साथ ही दुनिया को पुनः यह डर सताने लगा है कि कोरोना के मामले बढ़ेंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियां पुनः ठप पड़ जाएंगी। हालांकि, इस नकारात्मक माहौल में भी इन्वेस्टमेंट जगत की सबसे दिग्गज कंपनियों में एक जेफरीज़ को सकारात्मक परिणाम का विश्वास है।

जेफरीज़ की ओर से बयान देते हुए सिमोन पावेल ने कहा, “यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि COVID-19 का ओमिकॉर्न संस्करण अधिक संक्रामक लेकिन कम विषैला हो सकता है।” CNBC TV18 को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि “यह महामारी के अंत की शुरुआत हो सकती है।” साथ ही उन्होंने निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने की सलाह दी। उन्होंने प्रॉपर्टी मार्केट को लेकर सकारात्मक टिप्पणी करते हुए भारत को चीन की तुलना में अधिक तेजी से उभरता हुआ बाजार कहा है।

सिमोन पावेल ने कहा कि “भारत जैसे बाजार को लेकर हम सकारात्मक हैं, हम भारतीय बाजार को लेकर रचनात्मक (आशान्वित) हैं। निश्चय ही भारतीय नजरिए से देखें तो हम उभरते हुए बाजार के मामले में, भारत को लेकर चीन की तुलना में अधिक आशान्वित है।” उन्होंने यह भी कहा कि निवेशक चीन की रेगुलेटरी पॉलिसी को लेकर सशंकित हैं।

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देश में 70 फीसदी लोगों को लग चुकी है कोरोना वैक्सीन

देखा जाए तो ओमिकॉर्न के बारे में जेफरीज़ की भविष्यवाणी सही प्रतीत होती है। हाल में हुए कई शोध यह बताते हैं कि ओमिकॉर्न के फैलने की दर भले ही अधिक है, किंतु यह उतना घातक नहीं है जितना डेल्टा वेरिएंट खतरनाक साबित हो रहा था। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियों ने भी यही संभावना व्यक्त की है कि ओमिकॉर्न उनके स्वास्थ्य ढाचें को अधिक क्षति नहीं पहुंचाएगा, क्योंकि ओमिकॉर्न इतना घातक नहीं है

वहीं, भारत की बात करें तो भारत में लगभग 70% आबादी को कोविड-19 की वैक्सीन लग चुकी है। भारत ने दूसरी लहर के बाद ही संभावित तीसरी लहर से दूसरे के लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी थी। भारतीय स्वास्थ्य एजेंसियां कोरोना के तृतीय संस्करण के आने पर आश्चर्यचकित नहीं हुई, क्योंकि भारतीय वैज्ञानिकों ने पहले ही इसका अनुमान लगा लिया था। ऐसे में तृतीय वेरिएंट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के जाल में फंसेगी इसकी संभावना कम ही है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल हैं अगले 10 वर्ष

ज्ञात हो कि कोरोना के दूसरे प्रवाह में भी निवेशकों का विश्वास भारतीय अर्थव्यवस्था से नहीं डगमगाया था। जेफरीज़ ने भी पूर्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक टिप्पणियां की हैं। हाल ही में जब अमेरिकी अर्थशास्त्री भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर नकारात्मक टिप्पणी कर रहे थे, तो जेफरीज के प्रमुख क्रिस्टोफर वुड ने कहा था कि अगले दस वर्षों तक अगर किसी बाजार से उन्हें उम्मीद है तो वह भारत है। जेफरीज़ ने भारतीय बैंकों के कम होते NPA को रेखांकित करते हुए कहा था कि भारतीय बाजार में अप साइकिल-डाउन साइकिल 8-10 वर्षों का होता है और अब भारत का डाउन साइकिल 2020 में समाप्ति की ओर है, अतः 2021 से अगले 10 वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अनुकूल हैं।

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