एशेज शृंखला से पूर्व Pat Cummins ऑस्ट्रेलिया के 47 वें टेस्ट कप्तान नियुक्त किए गए। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के 144 साल के लंबे इतिहास में किसी भी तेज गेंदबाज ने राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व नहीं किया है, कम से कम पूर्णकालिक रूप से तो नहीं। Pat Cummins ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम के पूर्णकालिक कप्तान बनने वाले पहले तेज गेंदबाज हैं और वो साल 1964 में रिची बेनाउड के बाद से टीम की कप्तानी करने वाले किसी भी तरह के पहले गेंदबाज बन चुके हैं। हालांकि, आस्ट्रेलियाई तेज़ गेंदबाज रे लिंडवाल ने 1956 में मुंबई में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया था क्योंकि उस श्रंखला के दौरान नियमित कप्तान इयान जॉनसन के चोटिल थे।
यह आखिर इतनी महत्वपूर्ण बात क्यों है? अगर देखा जाए तो एशियाई देशों में, विराट कोहली (भारत), बाबर आजम (पाकिस्तान), मोमिनुल हक (बांग्लादेश) और दिमुथ करुणारत्ने (श्रीलंका) कप्तानी की कमान संभाल रहे हैं। ये सभी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं। वहीं, जो रूट (इंग्लैंड), केन विलियमसन (न्यूजीलैंड), डीन एल्गर (दक्षिण अफ्रीका) और क्रेग ब्रेथवेट (वेस्टइंडीज) अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं किन्तु ये सभी नेतृत्वकर्ताओं ने क्रिकेट में बल्लेबाजी के वर्चस्व को दिखाने का काम किया है।
Pat Cummins अब गेंदबाज़ी के साथ कप्तानी भी संभालेंगे
Cummins की नियुक्ति इस बहस को और खोल सकती है कि इतने कम गेंदबाजों ने अपने देशों का नेतृत्व क्यों किया है? अनिल कुंबले और बिशन सिंह बेदी को छोड़कर भारत के पास लंबे समय तक कप्तान के रूप में को गेंदबाज नहीं था। नब्बे के दशक तक वेस्ट इंडीज द्वारा निर्मित कई तेज गेंदबाजों में से केवल कोर्टनी वॉल्श ही कप्तान बने। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के लिए शॉन पोलॉक थे, तो जिम्बाब्वे के पास हीथ स्ट्रीक। न्यूजीलैंड के पास डेनियल विटोरी थे, तो पाकिस्तान के पास वसीम अकरम, वकार यूनिस और यहां तक कि इंतिखाब आलम भी थे। हालांकि, इमरान खान को इस श्रेणी में नहीं रखा जा सकता क्योंकि वह एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में भी टीम में जगह बना सकते थे।
Pat Cummins संभावित रूप से एक सर्वकालिक महान तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने केवल 34 टेस्ट मैचों में 47.1 के स्ट्राइक रेट से 164 विकेट लिए हैं। उनका 21.59 का गेंदबाजी औसत उन्हें सर्वकालिक शीर्ष -10 तेज गेंदबाजों में शामिल करता है। Cummins वर्तमान में दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज हैं। उनके पास एक चतुर क्रिकेटिंग दिमाग भी है, जो दबाव में भी शांत रहता है और Cummins ऑस्ट्रेलिया के ड्रेसिंग रूम के एक लोकप्रिय सदस्य भी हैं। उनकी गेंदबाजी की साख उन्हें अपने देश का नेतृत्व करने के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाती है। पिछले कुछ सालों में पेट Cummins का क्रिकेट करियर शानदार रहा है, यह उसी शानदार प्रदर्शन का प्रमाण है कि उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी का जिम्मा दिया गया है।
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तेज गेंदबाजों के लिए टेस्ट इतिहास में एक नए युग की शुरुआत
यह धारणा कि तेज गेंदबाज अच्छे कप्तान नहीं हो सकते, यह झूठ है और तथ्यों पर आधारित नहीं है। उदारहरण के लिए, शॉन पोलक के पास अपने टेस्ट इतिहास में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान के लिए सबसे अधिक जीत-हार का अनुपात है, जबकि इमरान खान के प्रेरक नेतृत्व में पाकिस्तान 1980 के दशक में वेस्टइंडीज के बाद दूसरी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम थी और 1992 के विश्व कप विजेता बनी। वहीं, वसीम अकरम ने 1993 और 1999 के बीच पाकिस्तान की अगुवाई की और 25 में से 12 टेस्ट मैच जीते। इसमें दिसंबर 1995 से 1999 में एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप के लिए नाबाद पारी भी शामिल थी।
कपिल देव ने लॉर्ड्स में 1983 विश्व कप के फाइनल में शक्तिशाली वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम का नेतृत्व किया था। Cummins को भी इस पद के लिए तैयार किया गया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अचानक उन पर कोई जिम्मेदारी का बोझ नहीं डाला है। उन्हें 2020 में इंग्लैंड के सीमित ओवरों के दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया का उप-कप्तान नामित किया गया था और इसके तुरंत बाद उन्हें टेस्ट टीम के लिए भी यह भूमिका दी गयी थी। Cummins ने मार्श वन-डे कप में न्यू साउथ वेल्स टीम की कप्तानी भी की और कोच फिल जैक्स ने उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की। Pat Cummins की नियुक्ति ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट इतिहास में एक शानदार नए युग की शुरुआत करेगी और तेज़ गेंबाज़ों को गर्व से भर देगी।
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