Ram Raksha Stotra Mantra
गुरुवार का दिन श्रीहरि विष्णु का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है।इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री राम की भी पूजा का भी विधान है।गुरुवार के दिन कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान राम की पूजा करता है उसके सारे काम सिद्ध होते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान की पूजा पूरे विधि विधान से की जानी चाहिए। तब ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो अगर आप भी भगवान श्री राम को खुश करना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन श्री राम रक्षा स्तोत्र (Ram Raksha Stotra) का पाठ ज़रूर करें इससे मर्यादा पुरुषोत्म राम हर विपदा से आपकी रक्षा करेंगे।
बता दें कि श्री राम रक्षा स्तोत्र (Ram Raksha Stotra) की उत्पत्ति को लेकर पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है जिसके अनुसार एक दिन भगवान शंकर ने बुधकौशिक ऋषि को स्वप्न में दर्शन देकर, उन्हें रामरक्षास्त्रोत सुनाया था। प्रातःकाल उठकर ऋषि ने पर इस स्त्रोत को लिख लिया। ये स्त्रोत संस्कृत में है और इसके पाठ को काफी प्रभावी माना जाता है.
आपकों बता दें नवरात्रों के दिनों में 9 दिन तक श्री राम स्त्रोत का पाठ करने से अमोघ फल मिलता है साथ ही भक्तों का हर तरह के भय का निपटारा होता है। यह सब बाते स्वंम भगवान शिव ने अपने मुख से बोलीं हैं। राम रक्षा स्त्रोत जातक सभी तरह की विपत्तियों से रक्षा करता है।
इसका पाठ करने से मनुष्य भय रहित हो जाता है। साथ ही इसके नित्य पाठ से कष्ट दूर होते हैं।जो भी इसका रोज़ाना पाठ करता है वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी और विनयसंपन्न होता है। और उस पर मंगल का कुप्रभाव समाप्त होता है। इसके शुभ प्रभाव से व्यक्ति के चारों और सुरक्षा कवच बनता है, जिससे हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा होती है। कहा जाता है इसके पाठ से भगवान राम के साथ पवनपुत्र हनुमान भी प्रसन्न होते हैं।
कहते हैं राम रक्षा स्त्रोत (Ram Raksha Stotra) को 11 बार एक बार में पढ़ लिया जाए तो पूरे दिन तक इसका प्रभाव रहता है। अगर आप रोज 45 दिन तक श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ करते हैं तो इसके फल की अवधि बढ़ जाती है।
और पढ़े: Brahma Muhurta and Law of Attraction Benefit in Hindi
विनियोग
अस्य श्रीरामरक्षास्त्रोतमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता। अनुष्टुप छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान कीलकम। श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्त्रोतजपे विनियोगः।
ध्यायेदाजानुबाहुं धृतशरधनुषं बद्धपदमासनस्थं पीतं वासो वसानं नवकमल दल स्पर्धिनेत्रम् प्रसन्नम। वामांकारूढ़ सीता मुखकमलमिलल्लोचनम् नीरदाभम् नानालंकारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलम् रामचंद्रम ।।
और पढ़े: शिव पार्वती विवाह : शिव जी और माँ पार्वती का विवाह कैसे हुआ? पढ़िए पूरी कथा
राम रक्षा स्त्रोत : Ram Raksha Stotra Mantra
चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् । एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम् । 1।
ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् । जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ।2।
सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम्। स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम् ।।3।।
रामरक्षां पठेत प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम्। शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः ।। 4।।
भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम्।
तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम् ।।36।।
रामो राजमणिः सदा विजयते रामं रमेशं भजे रामेणाभिहता निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः।
रामान्नास्ति परायणं परतरं रामस्य दासोस्म्यहं रामे चित्तलयः सदा भवतु मे भो राम मामुद्धराः।।37।।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।38।।
ऐसा माना जाता है कि श्रीराम की भक्ति से बड़े से बड़े संकटों का नाश हो जाता है और हर तरह की बाधा का निवारण होता है। श्रीराम और उनके भक्त हनुमान के स्मरण मात्र से मानव जीवन सफल हो जाता है। व्यक्ति इस लोक में सभी सुखों की प्राप्ति के बाद परलोक में भी मोक्ष की प्राप्ति करता है। भगवान राम की कृपा को प्राप्त करने के लिए रामभक्त श्रीरामचरित मानस आदि का पाठ करते हैं। ऐसा ही श्रीराम का एक अमोघ कवच श्री राम रक्षा स्त्रोत है (Ram Raksha Stotra), जिसको पढ़ने से समस्त विपत्तियों का नाश होता है। सच्चे मन से श्री राम की पूजा अर्चना करने से सारी विपदा दूर होती है।इसलिए मनुष्य को हर गुरुवार को भगवान राम की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए ।
और पढ़े: सनातन धर्म में धार्मिक कथा (Dharmik Katha) का है विशेष महत्व