कुछ ऐसे राजनेता हैं जो मीडिया का ध्यान पाने के लिए कुछ भी बयान देते रहते हैं। इसी क्रम में अपनी प्रासंगिकता समाप्त होते देख सुब्रमण्यम स्वामी बीजेपी के ही खिलाफ बयान देना आरंभ कर चुके हैं। हालांकि, कई बार उनके ही बयान ने उनकी स्वयं की भद्द पिटवाई है। इस बार स्वामी ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी अतिक्रमण पर एक ट्वीट किया और इसमें उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद का हवाला देते हुए टिप्पणी की। अब उसी सांसद ने स्वामी की बातों का खंडन करते हुए ट्विटर पर लताड़ लगाई है कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था और स्वामी ने उन्हें ‘Misquote’ किया है।
सुब्रमण्यम स्वामी देश की राजनीति का ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने चार दशकों के लम्बे राजीतिक जीवन में कई पार्टियों के साथ काम करने का अनुभव रहा है। वर्तमान में सुब्रमण्यम स्वामी संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य करते हैं। स्वामी ने भारत के योजना आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया है और चंद्रशेखर सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। स्वामी जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।
स्वामी देश के उन राजनेताओं में शामिल हैं जो हमेशा विवादों में रहते हैं। सुब्रमण्यम स्वामी फिर एक मुद्दों को लेकर सुर्खिया बटोर रहे हैं। आपको बता दें कि स्वामी ने कहा था, ‘आज मैं अरुणाचल के बीजेपी एलएस सांसद तापिर गाओ से मिला। उन्होंने मुझसे कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग चाहते हैं कि मैं भी अरुणाचल पर ध्यान केंद्रित करूं। उन्होंने मुझे बताया कि चीन पीएलए पहले ही राज्य के दक्षिण में तीन समानांतर स्तंभों में मैकमोहन रेखा को पार कर चुका है।”
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इसके बाद अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तपीर गाओ ने पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के उस दावे का खंडन किया है जिसमें चीन के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के बारे में दावा किया गया था। लोकसभा सांसद ने कहा कि मोदी के शासन के दौरान कोई घुसपैठ नहीं हुई और दावा किया कि स्वामी उन्हें ‘Misquote’ किया है।
स्वामी के ट्वीट के जवाब में तपीर गाओ ने कहा, “मैं 2 दिसंबर को सुबह 10:35 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में सुब्रमण्यम स्वामी से मिला, जब उन्होंने चीनी घुसपैठ के बारे में पूछा तो मैंने उनसे कहा कि 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने कांग्रेस के शासन के दौरान 2-3 स्थानों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन मोदी के दौरान कोई नई घुसपैठ नहीं हुई और दुर्भाग्य से उन्होंने मेरी बातों को तोड़-मोड़ कर पेश किया।”
I met @Swamy39 in Central Hall,Parliament on 2 Dec at 10:35 AM, when he asked about Chinese intrusion I told him that during 1962 war China occupied 2-3 locations during Congress regime but no fresh incursion has taken place during Modi regime; unfortunately he has misquoted me. pic.twitter.com/INzi043u7K
— Tapir Gao (Modi Ka Parivar) (@TapirGao) December 3, 2021
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तपीर गाओ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा कि उन्होंने अपने ट्वीट में कोई तारीख नहीं बताई और मोदी सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। हालांकि यह छुपा नहीं है कि स्वामी किस तरह से पिछले कुछ महीनों से मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसके लिए तो उन्होंने TMC से भी हाथ मिला लिया है। सुब्रमण्यम स्वामी आज तृणमूल कांग्रेस के करीबी हो गए हैं और जब से वह ममता बनर्जी के सानिध्य में आएं हैं, वह मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं।भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से स्वामी को पहले ही निकाल दिया है। इसी कारण से अब स्वामी बिलबिला रहे हैं।