तमिल YouTuber Maridhas ने DMK और कट्टरपंथी मुसलमानों को अदालत में किया पराजित

बेबुनियाद मामले के लिए मद्रास हाईकोर्ट ने दिखाया आईना!

YouTuber Maridhas

बीते गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तमिल YouTuber Maridhas के खिलाफ एक पुराने वीडियो को लेकर दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द कर दिया है, जिसमें उन्हें तबलीग़ी जमात की आलोचना करते हुए देखा गया था। YouTuber Maridhas के खिलाफ प्राथमिकी तमिल नाडु राज्य के मेट्टुपालयम पुलिस द्वारा Tamil Nadu Muslim Munnetra Kazhagam  के एक पदाधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें तबलीग़ी जमात के सदस्यों को कोरोनोवायरस फैलाने वाले उनके YouTube पोस्ट में दिखाया गया था। प्राथमिकी 4 अगस्त 2020 को दर्ज की गई थी।

DMK और तबलीग़ी जमात की थी आलोचना

दरअसल, सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति जी.आर. स्वामीनाथन ने कहा कि “YouTuber ने COVID-19 महामारी के शुरुआती दिनों में वीडियो प्रस्तुति दी थी और उनके भाषण के किसी भी हिस्से ने मुसलमानों की मान्यताओं पर सवाल नहीं उठाया था।” न्यायाधीश ने आगे कहा कि “YouTuber Maridhas ने तबलीग़ी जमात के ‘गैर-जिम्मेदार व्यवहार’ के बारे में चिंता जताई थी।” न्यायाधीश का मानना ​​​​था कि प्रस्तुति की बारीकी से जांच से पता चला कि वह इस घटना से परेशान था। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता Maridhas के खिलाफ दायर प्राथमिकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि किसी संगठन की कठोर आलोचना प्रावधानों को लागू नहीं करती है।

आपको बता दें कि 17 दिसंबर को, YouTuber Maridhas पर धारा 292(A) (ब्लैकमेल के लिए घोर अशोभनीय या आपत्तिजनक बात या मामला प्रकाशित करना), 295(A) (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, अपने धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

वहीं, दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु राज्य ने YouTuber Maridhas को तबलीग़ी जमात के खिलाफ बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जबकि इस समूह (तबलीग़ी जमात) पर इस्लाम की राजधानी सऊदी अरब में पहले से ही प्रतिबंध है। इसे एक खतरनाक संगठन और ‘आतंकवाद का द्वार’ बताते हुए, सऊदी अरब ने हाल ही में मौलवियों, इमामों और मुसलमानों को इस समूह से संबद्ध होने के खिलाफ चेतावनी दी थी। हालांकि, यह तीसरी बार है जब Maridhas को गिरफ्तार किया गया है। एक लोकप्रिय YouTuber Maridhas ने अपने पोस्ट में DMK की आलोचना की थी।

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बेबुनियाद मामले के लिए मद्रास हाईकोर्ट ने दिखाया आईना 

गौरतलब है कि इससे पहले 14 दिसंबर को, मद्रास उच्च न्यायालय ने मदुरै शहर साइबर क्राइम पुलिस द्वारा YouTuber Maridhas के खिलाफ IAF हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद एक ट्वीट पर दर्ज की गई एक अन्य प्राथमिकी को रद्द कर दिया था, जिसमें पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की जान चली गई थी।

आपको बतादें कि Maridhas के खिलाफ मामले पर एक YouTube वीडियो को आधार बनाया गया था, जिसमें ‘मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच दुर्भावना और कलह पैदा करने के इरादे से’ इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया था, जिसको कोर्ट ने अब नकारते हुए ख़ारिज कर दिया है। वहीं, इस मामले के बाद तमिलनाडु की स्टालिन सरकार को मद्रास हाईकोर्ट ने कटाक्ष करते हुए इस तरह के बेबुनियाद मामले के लिए आईना दिखाया है।

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