भारतीय क्रिकेट के सर्वनाश से पहले कोहली-गांगुली विवाद ख़त्म होना चाहिए

यह बात 'अच्छी' नहीं है!

विराट कोहली

#NationStandsWithKohli #ProudofYouKohli #KickOutShahGanguly #NationStandswithDada पिछले कई दिनों में ऐसे ट्रेंड्स आपने सोशल मीडिया पर बहुत देखे हैं, जो कभी कोहली के समर्थन में, तो कभी सौरव गांगुली के समर्थन में दिखाई देते हैं। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो एक दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में भारतीय क्रिकेट टीम को ही अपमानित करने पर तुले हुए हैं। वहीं, सौरव गांगुली और विराट कोहली एवं उनके प्रशंसकों के बीच का विवाद अब एक चिंताजनक रुख पकड़ रहा है।

विराट और गांगुली के बीच तनातनी अच्छी नहीं

हाल ही में, विराट कोहली एवं  BCCI के बीच तनातनी ने एक नाटकीय मोड़ लिया है। वनडे की कप्तानी से हटाये जाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच विराट कोहली ने अपना पक्ष रखने का प्रयास किया। विराट के अनुसार, BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने झूठ बोला कि उन्हें टी-20 की कप्तानी छोड़ने से रोका गया था। विराट ने यह आरोप लगाया कि वनडे कप्तानी से हटाए जाने की सूचना उन्हें साउथ अफ्रीका के लिए टेस्ट टीम घोषित करने से 90 मिनट पहले ही दी गई। लेकिन विराट कोहली का झूठ एक दिन भी नहीं टिक पाया। BCCI के अफसरों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कई पत्रकारों को बताया कि विराट ने खुद ही ने स्वयं यह जोखिम उठाया और इसके बाद अपने को निर्दोष सिद्ध करने के लिए उन्होंने यह पूरा षड्यंत्र भी रचा।

इसके अलावा बंगाली पत्रिका Sangbad Pratidin के रिपोर्ट के अनुसार ये भी दावा किया गया है कि विराट कोहली सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें कप्तानी से हटाने की कोई सूचना नहीं दी गई थी। गौतम भट्टाचार्य ने अपने रिपोर्ट में ये भी उजागर किया था कि कैसे विराट कोहली रोहित शर्मा को टीम से हटाने के लिए उद्यत थे?

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BCCI और भारतीय टीम के लिए ये शुभ संकेत नहीं

वहीं, इस मसले को लेकर कुछ प्रशंसक तो ऐसे भी थे, जो सौरव गांगुली को नीचा दिखाने के लिए भारत के पराजय की ख़ुशी मना रहे थे। इस व्यक्ति को देखिये, ये पोंटिंग को सिर्फ इसलिए बधाई दे रहा है क्योंकि उसने भारत को सौरव गांगुली के नेतृत्व में हराया और वह व्यक्ति उसके आराध्य यानी विराट कोहली को टीम इंडिया से बाहर निकाल दिया। ऐसे में कई पूर्व क्रिकेटर भी मानते हैं कि स्थिति को बेहतर तरह से संभाला जा सकता था।

उदाहरण के लिए 1983 विश्व कप जिताने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मदन लाल ने कहा, “मुझे लगता है कि इस स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जाना चाहिए था, क्योंकि यह विवाद नहीं बल्कि अलग-अलग विचार मुद्दा है। मुझे नहीं पता कि सौरभ ने विराट से क्या कहा था, इसलिए मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मुझे लगता है कि सौरभ को अध्यक्ष होने के नाते स्पष्टीकरण देना चाहिए। यहीं पूरे मुद्दे का अंत हो जाएगा। हमें अभी दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, क्योंकि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दौरा है।”

BCCI को स्थिति संभाल लेनी चाहिए

वहीं, कपिल देव ने विराट कोहली को स्पष्ट निशाने पर लेते हुए कहा कि “विराट ने जिस प्रकार से बयान दिए, एक महत्वपूर्ण दौरे से पूर्व ये टीम के लिए, और टीम इंडिया के लिए अच्छा सन्देश नहीं है।” ऐसे में, देश के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर का ऐसा व्यव्हार टीम में अस्थिरता पैदा कर सकता है। वास्तव में, विराट कोहली और BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच की तनातनी अच्छी नहीं है। विराट कोहली निस्संदेह दूध के धुले नहीं, परन्तु जिस प्रकार से ये लड़ाई ज़रूरत से अधिक खिंच रही है, वह भी BCCI के लिए शुभ संकेत नहीं है। अब भी समय है, BCCI को स्थिति संभाल लेनी चाहिए अन्यथा इस खींचतानी का परिणाम क्रिकेट के क्षेत्र में नकारात्मक हो सकता है।

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