सिखों के धार्मिक स्थलों पर आए दिन बेअदबी के मामले सामने आ रहे हैं और जो ऐसा कर रहा है, उसे सीधे मार दिया जा रहा है। खैर, तार्किकता के किसी भी पैमाने पर आप हिंसा को जायज नहीं ठहरा सकते हैं। सवाल यह है ही नहीं कि छेड़छाड़ हुई थी या नहीँ। सवाल उससे बड़ा यह है कि हत्या जायज ठहराई जा सकती है क्या?
पंजाब के कपूरथला में फिर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई है। आरोप लगाया गया है कि उसने गुरु ग्रन्थ साहिब से छेड़छाड़ की। बेअदबी मामले ने तूल पकड़ा तो धार्मिक छेड़छाड़ को भावनात्मक रूप देकर मामले को बड़ा किया गया और स्पष्टीकरण देने की कोशिश की गई।
अब इस मामलें में एक नया तथ्य सामने आया है। पंजाब के कपूरथला ‘बेअदबी और हत्या’ मामले में निजामपुर गुरुद्वारा के ग्रंथी द्वारा किया गया दावा गलत साबित हो गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया है कि मृतक को एक सेवादार ने भूतल पर किचन में खाना खाते हुए देखा था। इस गुरुद्वारे के भूतल पर केवल सेवादार और ग्रंथी रहते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब जी ऊपरी मंजिल पर स्थित हैं। रिपोर्टों से यह भी पता चला कि जब सेवादारों ने आदमी को देखा, तो उसने भागने की कोशिश की और अंततः सेवादारों द्वारा पकड़ लिया गया।
आपको मालूम होगा कि 20-30 वर्ष की आयु के इस व्यक्ति को गुरुद्वारा परिसर के एक कमरे में रखा गया था। भीड़ ने पुलिस को उसे हिरासत में लेने तक नहीं दिया और गुस्साई भीड़ ने उसे पीट-पीटकर मार डाला।
पुलिस ने यह भी बताया कि मृतक के शरीर पर आठ गहरे घाव के निशान थे, जो तलवार की तरह धारदार हथियार की तरह लग रहे थे। पुलिस गंभीर रूप से घायल युवक को जब अस्पताल ले गई तो उसे मृत घोषित कर दिया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस ने बताया था कि कुछ पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को बचाने की कोशिश की लेकिन भीड़ ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और हिंसक माहौल होने के कारण पुलिस ने भी ‘संयम’ दिखाया और माहौल को और खराब नहीं होने दिया।
TW // Mentally challenged man lynched in Punjab over alleged sacrilege#Kapurthala pic.twitter.com/1udtR8sET9
— NEETIN (@iMNeetin) December 21, 2021
वहीं रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई हैं। आपको बताते चलें कि पंजाब पुलिस को गुरुद्वारे में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस ने साफ कह दिया है कि निशान साहिब और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी समेत सब कुछ ठीक है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरकमलप्रीत सिंह खाख ने बताया कि मृतक चोरी की नीयत से गुरुद्वारा गया था और उसपर 295A के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इसके अलावा पुलिस का कहना है कि वह हर एंगल से जांच कर रही है। गौरतलब है कि पहले पुलिस ने कहा था कि उन्होंने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया है, लेकिन बाद में पुलिस ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि जिन लोगों ने उसे मारा है उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
पुलिस महानिरीक्षक गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि वे ग्रंथी अमरजीत सिंह से पूछताछ कर रहे हैं और सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
मानसिक रूप से अस्वस्थ युवक को मारा गया-
बेअदबी मामलें के बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें साफ दिख रहा है कि मृतक युवक मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है। उसकी हरकतों से ऐसा लग रहा है कि वह पागल है।
ऐसा ही एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गुरुद्वारा इंचार्ज लोगों से कह रहा है कि पीड़ित को किचन से रोटियां लेते हुए पकड़ा गया और पकड़कर पीटा गया है। फिर उसने कहा कि उस शख्स ने निशान साहब को छूने की भी कोशिश की थी। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब को ऊपरी मंजिल पर रखा गया है और इसे किसी के छूने या नुकसान पहुंचाने का कोई निशान नहीं था।
इस खबर से जुड़ी एक बात और सामने आ रही है। बिहार की एक महिला का दावा है कि पंजाब के कपूरथला के एक गुरुद्वारे में जिस शख्स की हत्या की गई, वह उसका भाई था।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने शख्स की पहचान अंकित कुमार के रूप में की है और उसकी मां का नाम गीता देवी बतया है। महिला ने पुलिस को फोन पर बताया है कि वह अपनी मां के साथ कपूरथला आएगी। रिपोर्ट्स की मानें तो महिला ने कुछ दस्तावेज और तस्वीरें पुलिस को वेरिफिकेशन के लिए भी भेजी हैं। जिसकी पुष्टि करते हुए SSP खाख ने कहा कि उन्हें कागजात मिल गए हैं और उनकी जांच की जा रही है।
मतलब क्या हो रहा है? क्या अपने भीतर के हत्यारे की भूख मिटाने के लिए किसी को भी मार दिया जाएगा? यह क्या हो रहा है? यह घटना किसी भी धार्मिक महत्व वाले राज्य में सही हो सकती है लेकिन तार्किकता और कारण को आधार बनाकर चलने वाले लोगों के लिए यह सही संदेश नहीं है।