पंजाब में बढ़ते आतंकी गतिविधियों को लेकर केंद्र सरकार और खुफिया विभाग चौकन्ना हो गया है। लुधियाना में हुए बम धमाके के बाद जांच में पाया गया कि लुधियाना सत्र न्यायालय विस्फोट में पाकिस्तानी ISI, विशेष रूप से गैंगस्टर सह खालिस्तानी कट्टरपंथी और प्रो-खलिस्तान आतंकवादी जसविंदर सिंह मुल्तानी ने 23 दिसंबर को हुए लुधियाना सत्र न्यायालय विस्फोट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। माना जाता है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में ISI द्वारा इन आतंकवादी समूहों का संचालन किया जाता है।
बम विस्फोट का कट्टरपंथी खालिस्तानी और ISI कनेक्शन
दरअसल, हरविंदर सिंह संधू जो एक गैंगस्टर और कट्टरपंथी खालिस्तानी है, उसे Rinda Sandhu नाम से भी जाना जाता है और जर्मनी में स्थित एक खालिस्तान समर्थित आतंकवादी जसविंदर सिंह मुल्तानी को पाकिस्तानी जासूस एजेंसी ISI द्वारा पंजाब में आगामी विधान सभा चुनाव को अस्थिर करने के लिए आतंकवादी हमले को अंजाम देने का कार्य सौंपा गया था। खुफिया सेवाओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी से पता चलता है कि संधू, जो 35 वर्ष के आसपास है, वह अपनी झूठी पहचान के साथ भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के बाद पाकिस्तान में रह रहा था। वह लाहौर में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख वाधवा सिंह से जुड़ा हुआ है।
वहीं, पंजाब के तरनतारन जिले के सरहाली गांव से महाराष्ट्र के नांदेड़ में माइग्रेट हुआ संधू, बड़े पैमाने पर सीमापार दवाओं और हथियारों की तस्करी में भी शामिल है। आपको बता दें कि वह पंजाब में सबसे वांछित A+ श्रेणी गैंगस्टर है। हरविंदर सिंह संधू को पहली बार 2008 में तरनतारन में निजी दुश्मनी के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या के बाद गिरफ्तार किया गया था। उसे हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और उसे पंजाब की विभिन्न जेलों में रखा गया था। अक्टूबर 2014 में, उसे नाभा जेल से जमानत पर रिहा किया गया था।
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केंद्र सरकार कर रही है पूरी निगरानी
बताते चलें कि हरविंदर सिंह संधू नें अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए 2016 में पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक गुरुद्वारे के एक ग्रंथी को भी मार डाला और उसके शव को एक नहर में फेंक दिया। उसने अपने भाई का बदला लेने के लिए महाराष्ट्र के नांदेड़ और वजीराबाद में दो अन्य लोगों को भी मार डाला था। संधू पर लगभग 30 से अधिक आपराधिक मामलें हैं, जिनमें 10 हत्याएं,हत्या के प्रयास के 6 मामले और हथियार अधिनियम और NDPS अधिनियम के तहत अपहरण के मामले दर्ज़ हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री चरंजीत सिंह चन्नी ने कहा कि “हमारी सरकार ने लुधियाना अदालत परिसर में बम विस्फोट मामले को लेकर केंद्र सरकार से समर्थन की मांग की है।”उन्होंने आगे कहा कि “विस्फोट के बाद गृह मंत्री अमित शाह से घंटों बात की थी और केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए पंजाब में जांच टीम भेज दी है।” ऐसे में, पंजाब में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस तरह से आतंकी गतिविधियों को लेकर केंद्र सरकार पूरी निगरानी में लगी हुई है।