UN ने पाखंडी बाबा नित्यानंद को सनातन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति कैसे दी?

अपने द्वीप पर भगोड़ा भी सिंह होवे!

Nityanand नित्यानन्द

Source- TFIPOST

फ्रॉड और भगोड़ा तथा अपने आप को भगवान कहने वाला नित्यानन्द हिंदुओं का ब्रांड अंबेसडर बन गया है और संयुक्त राष्ट्र में हिंदुओं की आवाज बन रहा है। खास बात यह है कि भारत में रेप के आरोपी और ऐसे खतरनाक फ्रॉड को संयुक्त राष्ट्र अपना मंच दे रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 2 दिसंबर को इस भगोड़े नित्यानन्द को अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र मंच के पर बोलने के लिए कैलासा के स्थाई प्रतिनिधि को बुलाया गया था। रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में कैलासा राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए नित्यानन्द 2 अरब वैश्विक हिंदुओं की एकमात्र आवाज बना। हास्यास्पद बात यह है कि मीटिंग में स्थायी प्रतिनिधि के सामने स्पष्ट शब्दों में कैलासा का एक देश के रूप में बोर्ड भी लगा था।

कैलासा में भारत से ज्यादा जनसंख्या का दावा

गौरतलब है कि इस धोखेबाज नित्यानन्द को उसके ‘विश्वासियों’ द्वारा स्वामी के रूप में संदर्भित किया जाता है, जो एक भगोड़े के रूप में भारत से भाग गया और एक द्वीप खरीद कर उसे ‘कैलासा’ नामक ‘हिंदू राष्ट्र’ से संबोधित कर रहा है। इस पर न सिर्फ बलात्कारी होने का आरोप है, बल्कि इस पर ठगी के भी कई आरोप लगे हैं। अब यह फ्रॉड 2 अरब वैश्विक हिंदुओं के लिए आवाज बनने का प्रयास कर रहा है।

TFI की रिपोर्ट के अनुसार नित्यानन्द ने एक द्वीप को दक्षिण अमेरिका में स्थित इक्वाडोर के पश्चिमी तट के समीप खरीदा है, जिसे कैलासा नाम दिया गया है। इस द्वीपीय राष्ट्र के बारे में अगर बात करें, तो यहां बहुत विशेषताएं हैं। नित्यानन्द के नए देश ‘कैलासा’ की न केवल अपनी खुद की वेबसाइट है, अपितु खुद का विकिपीडिया पेज भी है, जिसका नाम है ‘नित्यानन्दपीडिया’

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kailaasa.org वेबसाइट के अनुसार कैलासा सभी हिंदुओं को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करती है, जहां वो बिना अपमान और हिंसा की परवाह किए अपना जीवन एक हिन्दू के तौर पर आराम से व्यतीत कर सकते हैं। इस वेबसाइट ने दावा किया है कि कैलासा का अपना कैबिनेट भी है, जिसमें स्वास्थ्य, प्रौद्यौगिकी, सभ्यता, मानव सेवा, आवास मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय इत्यादि शामिल हैं।

कैलासा का अर्थ है, विश्व में मुफ्त स्वास्थ्य, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन और मंदिर आधारित जीवनशैली का पुनरुत्थान आदि। इसका अपना पासपोर्ट और अपना ध्वज भी है और इसका दावा है कि इस देश की जनसंख्या 2 अरब हिंदुओं से भरी पड़ी है। भारत की कुल जनसंख्या 1.3 अरब है। अब नित्यानन्द अपने उस छोटे द्वीप के लिए कहां से 2 अरब हिन्दू जुटाकर लाए हैं, ये हमारे समझ से परे है।

बलात्कार और अपहरण जैसे कई मामलों में आरोपी है नित्यानन्द

बता दें कि भारत में नित्यानन्द कई अपराधों के लिए वांछित है। नित्यानन्द अपहरण, बलात्कार और बच्चों के जबरन कारावास के विभिन्न मामलों में आरोपित हैं। नित्यानन्द को आश्रम के लिए कुछ एकड़ ज़मीन आवंटित की गयी थी, जिस पर सीबीएसई का एक विद्यालय निर्मित होना था। जब यह खबर मीडिया में उछली, तो CBSE ने उस विद्यालय की मान्यता ही रद्द कर दी। इस ढोंगी का दावा है कि इसने 400 से अधिक सिद्धियों को प्राप्त किया है।

कहा जाता है कि इसने अपने शिष्यों को 60 ऐसी शक्तियों में दीक्षित किया है, जिसमें कुंडलिनी और तीसरी आंख को जागृत करना शामिल है। इसका दावा है कि वो 2021 के अंत तक किसी के लिए भी तीसरी आंख मुफ्त में खोल सकता है, जिससे व्यक्ति धुंध और दीवारों के माध्यम से देखने में सक्षम होगा। नित्यानन्द के शिष्यों का दावा है कि उन्होंने ‘तीसरी आंख’ के माध्यम से 82 नेत्रहीन बच्चों के एक वर्ग को दीक्षा दी और अंधेपन का इलाज किया।

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TFI के फाउंडर को भेजा था धमकी भरा ईमेल

यह फ्रॉड अपने देश कैलासा में बैठ कर उसके खिलाफ लिखने वाले लोगों को कानूनी कार्रवाई की धमकी भी देता है। ऐसा ही एक ईमेल TFI के फाउंडर अतुल मिश्रा को भी आया था। बता दें कि जब इस ढोंगी द्वारा कैलासा के निर्माण की खबरें सामने आई थी, तब TFI ने एक लेख प्रकाशित किया था जिसका शीर्षक था, “पाखंडी नित्यानन्द का कथित हिन्दू राष्ट्र ‘कैलासा’, रजनीशपुरम 2.0 साबित होगा! इसी लेख पर कैलासा की ओर एक ईमेल भेजा गया था, जिसमें अतुल मिश्रा को न सिर्फ भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय, अमेरिकी कानून, कनेडियन कानून, अमेरिकी साइबर क्राइम कानून, यूरोपियन कानून के तहत दोषी बनाया गया था। हास्यास्पद बात यह है इस ईमेल का जवाब अतुल मिश्रा ने LOL में दिया। अगर नित्यानन्द को अपनी छवि की इतनी ही चिंता है, तो एक बार भारत आ कर अपने खिलाफ बोलने वालों से भारतीय कानून के तहत निपट ले।

हालांकि, यहां सवाल यह है कि संयुक्त राष्ट्र ने कैसे एक फ्रॉड को हिंदुओं की बात रखने के लिए स्वीकार किया? कैलासा राष्ट्र क्यों? क्या एक कथित बलात्कारी द्वारा बनाए गए तथाकथित पंथ को ऐसे अवसर से सम्मानित किया जाना चाहिए? जो लोग भारत और हिंदुओं को बदनाम करते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने के लायक ही नही हैं।

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