Ustrasana Yoga information in Hindi
Ustrasana Yoga – भारत में प्राचीन काल से योग का महत्व है। भारत ने ही दुनिया को योग के द्वारा ज्ञान और विज्ञान का तोहफा दिया है। स्वस्थ और निरोग रहने के लिए दिनचर्या में एक्सरसाइज और योग को शामिल करना बहुत जरूरी है। योग दुनिया को स्वस्थ बनाने के लिए भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। भारत के योगियों ने शरीर के हर अंग को स्वस्थ बनाने के लिए अलग-अलग आसनों की जानकारी दी है। जिसे करके हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
आज का व्यक्ति पहले से ज्यादा तनाव में है।वह तनाव में ना जाने क्या क्या कर लेता है।वहीं तनाव को दूर करने के लिए योग एक महत्वपूर्ण उपाय साबित हुआ है। योग में आज भी हमें स्वस्थ बनाने की क्षमता है। बस कहीं जरुरत है तो इसे अपने दैनिक दिनचर्या में शामिल करने की।
इसीलिए आज हम आपको उष्ट्रासन (ustrasana yoga) के बारे में बताएंगे। जिसे करने से आपकी कई हैल्थ प्रॉब्लम दूर हो जाएगी। उष्ट्रासन (ustrasana) शब्द का मतलब ‘उष्ट्र’ यानि ऊंट होता है। उष्ट्रासन में शरीर ऊंट की आकृति बनाता है। जैसे ऊंट रेगिस्तान के मुश्किल हालातों में भी आसानी से रह सकता है, अगर इस आसन का अभ्यास नियमित तौर पर किया जाए तो ये शरीर से हर शारीरिक और मानसिक परेशानी को दूर करके स्वस्थ जीवन देने में मदद करता है।
इससे आप वजन बढ़ने से लेकर डायबिटीज जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा यह आपके मन को शांत भी रखता है। डॉक्टर भी इस आसन को करने की सलाह उन लोगों को देते हैं जो मोटापे, किडनी की समस्या से परेशान हैं।
How to Do Ustrasana Yoga?
उष्ट्रासन आसन (ustrasana yoga) को शुरू करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने हाथ अपने हिप्स पर रख लें और सुनिश्चित करें कि आपके घुटने और कंधे एक ही लाइन में हों और पैरों के तलवे छत की तरफ रहें। घुटनों तथा पैरों के बीच करीब एक फुट की दूरी रखें। उसके बाद आप अपने घुटने पर खड़े हो जाए और सांस लेते हुए पीछे की तरफ झुकें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। धीरे से हथेलियों की पकड़ पैरों पर मजबूत बनाएं।
ध्यान रहे कि पीछे झुकते समय गर्दन को झटका न लगे।अपनी गर्दन को ढीला छोड़ दें। गर्दन पर बिल्कुल भी तनाव न दें। शरीर का वजन बांहों तथा पांवों पर समान रूप से होना चाहिए। अब धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े। फिर लंबी गहरी सांस छोड़ते अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं। आप इस ustrasana yoga को 5-7 बार कर सकते हैं।
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Benefits of Ustrasana Yoga in Hindi
1. ये आसन पाचन सुधारने में मदद करता है क्योंकि ये पेट के भीतर मौजूद सभी अंगों की हल्की मालिश करता है। साथ ही पेट की चर्बी को कम करने में भी मदद करता है।
2. इस आसन को करने से आप डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। यह योग आपके पैंक्रियास को उत्तेजित करके इंसुलिन के स्राव में मदद करता है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
3. ये कमर और कंधों को मजबूत बनाता है।
4. अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है तो आप इस योगाभ्यास से आपना गुस्सा शांत कर सकते हैं साथ ही आप दिमागी प्रॉब्लम से भी बचे रहेंगे
5. Ustrasana Yoga आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है। शरीर का पोश्चर सुधारने में भी ये आसन मदद करता है।
6. स्लिप डिस्क और साइटिका की प्रॉब्लम होने पर किसी एक्सपर्ट के सामने इस आसन को करें। आपकी समस्या दूर हो जाएगी। इसके अलावा यह आसन महिलाओं में पीरियड्स दर्द की प्रॉब्लम को भी दूर करता है।
7. Ustrasana yoga को नियमित रूप से करने पर फेफड़े से संबंधित परेशानियां दूर रहती है।
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उष्ट्रासन योग में इन बातों का रखें ध्यान
1. उच्च रक्तचाप या हृदय रोग होने पर इस आसन को न करें।
2. हर्निया से ग्रस्त व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
3. अधिक कमर दर्द में भी इस आसन को करना खतरनाक हो सकता है।
4.योगासन का अभ्यास हमेशा ही किसी योग्य गुरु या योग शिक्षक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।