Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning and significance in Hindi

ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi

Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning in Hindi

नवरात्रों में माता रानी के मंत्रो के जाप करने का विशेष महत्व हैं।कहा जाता है कि मां दुर्गा के मंत्रो का जाप करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की इच्छा को पूर्ण करती हैं। शक्ति अथवा ऊर्जा प्रकृति के रूप में, उल्लास के रूप में, क्रियाशीलता के रूप में, प्रसन्नता आदि के रूप में अभिव्यक्त होती है। देखा जाए तो नवरात्रि का पदार्पण भी ऐसे समय में होता है, जब प्रकृति नई ऊर्जा से भरी होती है। शक्ति के प्रवाह को सकारात्मकता की ओर लाने के लिए नौ दिन शक्ति की आराधना का प्रावधान किया गया होगा। प्रस्तुत लेख में या देवी सर्वभूतेषु श्लोक का हिंदी अर्थ एवं महत्व (Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning in Hindi) संकलित है जिसे आप  पढ़ सकते है।

Sanskrit Shloka 

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi

उस देवी के लिए जो सभी प्राणियों में शक्ति के रूप में निवास करती है,
उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार।

Sanskrit Shloka

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi

उस देवी को जो सभी प्राणियों में विष्णुमाया कहलाती हैं,
उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार।

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Sanskrit Shloka

या देवी सर्वभूतेषु चेतनत्य अभिधीयते।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi

उस देवी के लिए जो सभी प्राणियों में चेतना के रूप में परिलक्षित होती है,
उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार।

Sanskrit Shloka

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ya devi sarva bhuteshu meaning in hindi

उस देवी के लिए जो सभी प्राणियों में बुद्धि के रूप में निवास करती है,
उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार।

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Ya Devi Sarva Bhuteshu meaning and benefits in Hindi

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजन होता है।नवरात्रि में माता के विभिन्न 9 स्वरूप मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा देवी, मां स्कंदमाता, मां कत्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है।वहीं नवरात्रि में मां दुर्गा के दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। देवी भागवत् पुराण के अनुसार, दुर्गा सप्तशती का हर मंत्र नियमति जप करने से जातक की सभी बाधाएं दूर होती है और मां का आशीर्वाद उसके परिवार पर हमेशा बना रहता है।

जो भी भक्त नवरात्रि के नौ दिन अर्गला स्तोत्र, कीलका स्तोत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, मां दुर्गा उनके सभी दुख और संकट दूर करती हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं। इनसे रोगों और महामारी से मुक्ति मिलती है और उन्नति प्राप्ति के लिए मंत्रों का उल्लेख किया गया है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार, मां दुर्गा समस्त प्राणियों में चेतना, बुद्धि, स्मृति, धृति, शक्ति, शांति श्रद्धा, कांति, तुष्टि, दया आदि अनेक रूपों में स्थित हैं।

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अन्य मंत्र

1 – आरोग्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मंत्र

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

2- धन और लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए

या देवी सर्वभूतेषू लक्ष्मीरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:

3- रोजगार के लिए मंत्र

शरणागत दीनार्त परित्राणपरायणे
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोस्तु

4- कल्याण प्राप्ति के लिए मंत्र

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।

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5- रक्षा के लिए मंत्र

शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।
घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।

6- रोग नाश के लिए मंत्र

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

7- विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र

करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।

8- शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र

सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।

9- विश्व कल्याण के लिए मंत्र

विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं, विश्वात्मिका धारयसी विश्वम्।
विश्वेशवन्द्या भवती भवन, विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥

इस तरह करें मंत्रों का जाप

माता दुर्गा के मंत्रो का जाप करने के लिए सबसे पहले सुबह उठ अपने घर की अच्छे से सफाई करें। उसके बाद खुद स्नान करके अपने घर में बने पूजा स्थान पर बैठे। मां की तस्वीर के सामने दीपक जलाएं उनको फूल अर्पित करके माता का ध्यान करते हुए किसी भी एक मंत्र का जाप 108 बार करें। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है और दिमाग में नई ऊर्जा का संचार होता है। मां दुर्गा के इन मंत्रों का जाप नवरात्रि के अलावा अन्य दिनों में करने से मनुष्य के जीवन से कष्ट मिट जाते हैं।माता के इन मंत्रो का जाप करने से मां भक्तों पर प्रसन्न होकर इच्छा पूर्ण करती हैं।

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