देश में हिन्दुओं के साथ सिखों की भलाई करने वालों में अगर किसी प्रधानमंत्री का नाम पहले आता है, तो वह नाम है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। सिखों के लिए नरेंद्र मोदी ने जो कार्य किया है, वह अद्वितीय है पर फिर भी कुछ खालिस्तानी एजेंडा धारी संगठनों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भला-बूरा कहकर उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिश की है। हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार (9 जनवरी 2022) को ‘गुरु पर्व’ यानी गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती के अवसर पर एक बड़ी घोषणा की। दरअसल, पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से सिख धर्म के चार साहिबजादे (गुरु गोबिंद सिंह के सुपुत्र : अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह) की शहादत को सम्मान देते हुए अब से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की है।
PM मोदी ने ट्वीट के माध्यम से की घोषणा
प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, “आज, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर, मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष से, 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘यह साहिबजादों के साहस और न्याय लिए एक उचित श्रद्धांजलि है।”
Today, on the auspicious occasion of the Parkash Purab of Sri Guru Gobind Singh Ji, I am honoured to share that starting this year, 26th December shall be marked as ‘Veer Baal Diwas.’ This is a fitting tribute to the courage of the Sahibzades and their quest for justice.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2022
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उन्होंने अपने ट्वीट में सिख धर्म के माता गुजरी, गुरु गोबिंद सिंह जी और चार साहिबजादे पुत्रों के बहादुरी की सराहना की। बता दें कि सन् 1705 में मुगलों द्वारा चार साहिबजादों में से दो (जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह ) को चुनवा कर मार दिया गया था। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, “माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चार साहिबजादों की बहादुरी और आदर्श लाखों लोगों को ताकत देते हैं। वे अन्याय के आगे कभी नहीं झुके। उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो। अधिक से अधिक लोगों को इनके बलिदान के बारे में जानना चाहिए।”
The bravery and ideals of Mata Gujri, Sri Guru Gobind Singh Ji and the 4 Sahibzades give strength to millions of people. They never bowed to injustice. They envisioned a world that is inclusive and harmonious. It is the need of the hour for more people to know about them.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2022
आपको बता दें कि इस फैसले के तुरंत बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों (छोटे बेटों) के शहादत सम्मान में ‘बाल वीर दिवस’ मनाने पर आपत्ति जताई है। इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, “उनके शहादत दिवस को ‘बाल वीर दिवस’ नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह गुरमत (सिख सिद्धांतों) के अनुसार नहीं है। सिख धर्म में साहिबजादों का कद काफी ऊंचा है। शहीदों के लिए यह शब्द उपयुक्त नहीं है।”
PM मोदी की मोदिगिरी से ढ़ेर हुए खालिस्तानी चरमपंथी
उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री की भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन छोटे चार साहिबजादे की शहादत को ‘बाल वीर दिवस’ तक सीमित करने के लिए ‘बाल’ शब्द जोड़कर शहादत और सिख परंपराओं की भावना से मेल नहीं खाता है। उन्होंने आगे कहा “दसवें गुरु ,चार साहिबजादे का बलिदान उतना ही बड़ा है, जितना सिख इतिहास का और सिद्धांतों और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए बड़े योद्धाओं का। सिख इतिहास में चार साहिबजादे को उचित सम्मान देने के लिए उन्हें ‘बाबा’ कहा जाता है। इस बीच, कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा ने कहा कि “दूसरों को सिखों के धार्मिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।” वहीं, कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “पीएमओ का मनमाना फैसला गलत मिसाल कायम करने वाला है।”
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हालांकि, कुछ सिख संगठनों ने पीएम मोदी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री की घोषणा प्रशंसनीय है और 10वें गुरु और चार साहिबजादे की अद्वितीय शहादत से दुनिया को अवगत कराने का एक बड़ा प्रयास है।’ प्रधानमंत्री द्वारा चार साहिबजादे को उचित सम्मान देने के बाद से खालिस्तानी चकित हो गए हैं। ऐसे में, कहा जा सकता है कि पीएम मोदी की मोदीगिरी और उनकी इस घोषणा ने खालिस्तानी चरमपंथियों को ढ़ेर कर दिया है।