मुख्य बिंदु
- अडानी ग्रुप अब हरित परियोजनाओं के रूप में EV सेक्टर में करेगा एंट्री
- विद्युत गतिशीलता परियोजनाओं के लिए गुजरात के मुंद्रा में शोध एवं विकास केंद्र की होगी स्थापना
- कम कार्बन परियोजनाओं के साथ टाटा और रिलायंस के बाद अब अडानी ग्रुप की EV सेक्टर में होगी एंट्री
भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) हासिल करने का लक्ष्य रखा है। यह एक बड़ा लक्ष्य है लेकिन देश के प्रमुख उद्योग घराने इस लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वहीं, हाल ही में एक खबर सामने आ रही है कि अडानी ग्रुप के सर्वेसर्वा गौतम अडानी की लॉजिस्टिक्स-टू-एनर्जी ग्रुप की इकाई एस.बी.अडानी फैमिली ट्रस्ट अब हरित परियोजनाओं में एंट्री करने के लिए तैयार है। अडाणी ग्रुप अब EV सेक्टर में उतरने वाला है। अपने योजनाओं के हिस्से के रूप में, ग्रुप ने अपनी विद्युत गतिशीलता परियोजनाओं के लिए गुजरात के मुंद्रा स्थित SEZ (Special Economic Zone) में शोध एवं विकास केंद्र (Research &Development Centre) की स्थापना करने का फैसला किया है।
EV सेक्टर में होगी अडानी ग्रुप की एंट्री
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप सबसे पहले कॉमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ बस और ट्रक जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च करेगी। जिनका उपयोग अडानी के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2020-21 के दौरान भारत में बिकने वाले कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बमुश्किल 1.3 प्रतिशत है। कंसल्टिंग फर्म RBSA एडवाइजर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह अनुमान है कि देश में EV बाजार वर्ष 2030 तक 90 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 150 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
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शायद इसी अवसर को देखते हुए अडानी ग्रुप ने हाल ही में अरबों डॉलर का निवेश करते हुए नवीन ऊर्जा क्षेत्र में पूर्ण स्वामित्व वाली एक नई सहायक कम्पनी अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) की स्थापना की है। ग्रीन हाइड्रोजन और पवन टरबाइन, सौर मॉड्यूल और बैटरी जैसे अन्य उत्पादों के साथ, फर्म का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनना है।
नवीन ऊर्जा क्षेत्र में अडानी ग्रुप है सक्रिय
गौतम अडानी ने 11 नवंबर, 2021 को एक कार्यक्रम में कहा था, “2030 तक, हम दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा कंपनी बनने की उम्मीद करते हैं और हमने अगले दशक में 70 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है।” आपको बताते चलें कि अडानी ग्रुप पहले से ही दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा का उतपादनकर्ता है। अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक है, जिसका वर्तमान परियोजना पोर्टफोलियो 13,990 मेगावाट है और निर्माणाधीन संपत्तियों से 20,284 मेगावाट की लॉक-इन ग्रोथ है।
वहीं, वेंचुरा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, “2030 तक अक्षय ऊर्जा से 450 GW हासिल करने के भारत के घोषित इरादे के साथ, अडानी ग्रीन एनर्जी इस मेगाट्रेंड से प्राप्त होने वाले लाभ के लिए अच्छी तरह से तैयार है। वर्तमान में, कंपनी की भारत की अक्षय ऊर्जा में 5.3% हिस्सेदारी है, जो 2030 तक 10% तक बढ़ने के लिए तैयार है।” एक ब्रोकर ने भी तर्क दिया कि भारत को 2070 तक नेट जीरो एमिशन हासिल करने के लिए अक्षय ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर रहना होगा और अपनी कुल क्षमता को 14.5 गुना बढ़ाकर 5,630 गीगावॉट करना होगा।
टाटा ग्रुप और रिलायंस के साथ होगा मुकाबला
गौरतलब है कि भारत को ग्रीन एनर्जी की ओर ले जाने के लिए कार्यरत Adani Green Energy Limited में फ्रांस की oil and gas-fossil fuel की बड़ी कंपनी Total SE ने 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके बदले फ्रांस की कंपनी को कुल 20 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। यह Total SE का अडानी ग्रुप में दूसरा बड़ा निवेश है। 2018 में भी इस कंपनी ने अडानी गैस में निवेश किया था, जो Residential और Commercial क्षेत्र में गैस सप्लाई करने वाली गुजरात की मुख्य कंपनी है।
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वहीं, अडानी ग्रुप की योजनाएं बाजार के अनुकूल दिख रही हैं। EV के क्षेत्र में उठाया गया यह कदम अडानी को टाटा ग्रुप और रिलायंस के खिलाफ खड़ा करेगा, जिन्होंने कम कार्बन परियोजनाओं में महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। अडानी ग्रीन एनर्जी ओएनजीसी, टाइटन और टाटा मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियों में से भारत की 21वीं सबसे मूल्यवान कंपनी है।