अनुष्का शर्मा की Chakda Express रिलीज होने से पहले ही क्रैश

फिल्म होने वाली है फ्लॉप!

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कुछ लोगों या संगठनों को देखकर एक ही कहावत याद आती है, ‘चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए’ और बॉलीवुड भी उन्ही में से एक है। हाल ही में Netflix पर एक फिल्म का फर्स्ट लुक रिलीज़ हुआ ‘Chakda Express’, जिसमें मुख्य भूमिका निभा रही हैं अनुष्का शर्मा। ये फिल्म प्रसिद्ध तेज गेंदबाज़ और पूर्व गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी के जीवन पर आधारित हैं, परंतु जिस प्रकार से Chakda Express फिल्म का फर्स्ट लुक सामने आया है, उससे एक बात फिर स्पष्ट होती है –बॉलीवुड अपनी गलतियों से कोई सीख लेने को तैयार नहीं ।

 

झूलन गोस्वामी एक प्रसिद्ध बोलिंग ऑल राउंडर है, जो भारतीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण भाग रही हैं। भारत को 2015 और 2017 के महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल तक ले जाने में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। लेकिन Chakda Express में जिस प्रकार से अनुष्का शर्मा ने इनकी भूमिका को आत्मसात करने का प्रयास किया, वह न केवल अधूरा, बल्कि हास्यास्पद लगा, जिसके लिए वह सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी हुई।

अधिकतम आलोचना इस बारे में है कि Chakda Express फिल्म में अनुष्का इस रोल के लिए उपयुक्त नहीं है, और उनकी बंगाली बोली स्वाभाविक नहीं है, बल्कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह बंगाली बोली का उपहास उड़ा रही हो। कुछ लोगों ने इस बात पर भी आपत्ति उठाई कि क्या अनुष्का को छोड़कर और कोई नहीं मिली? यह बात भी काफी उचित है, क्योंकि ‘Mary Kom’ में भी पूर्वोत्तर से एक कन्या को न चुनकर प्रियंका चोपड़ा को चुना गया।

इससे स्पष्ट होता है कि अपनी गलतियों से बॉलीवुड बिल्कुल भी सीखने को तैयार नहीं है। pichhle वर्ष आकर्ष खुराना की फिल्म आई थी ‘रश्मि रॉकेट’, जो कथित तौर पर दुति चंद की कथा से प्रेरित थी। लेकिन न तो वह वास्तविकता के आसपास थी, और न ही वह मूल विषय से जनता को जोड़ पाई। ये फिल्म यूं तो OTT पर प्रदर्शित हुई, परंतु इससे यह सिद्ध हो गया कि यदि बात मौलिकता और रचनात्मकता की हो, तो Bollywood का उसके साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है।

पिछले कई वर्षों में सिनेमा का दृष्टिकोण और विचारधारा बदल चुकी है, और कुछ लोग बॉलीवुड में भी बदलने को तैयार है, जैसा ‘Shershaah’ जैसी फिल्मों में दिख रहा है। परंतु बॉलीवुड में अधिकतर लोग बदलने को तैयार नहीं है, और अब भी सोचते हैं कि वे फिल्म के नाम पर कुछ भी कचरा परोसेंगे और लोग उसे हाथों हाथ स्वीकार करेंगे। इसी सोच पर प्रकाश डालते हुए यूट्यूब चैनल ‘Tried and Refused Productions’ के अपने वीडियो में अनमोल जामवाल ने पुष्पा और 83 के परफ़ॉर्मेंस का उदाहरण देते हुए कहा कि जनता अब बदल चुकी है, और आप उन्हे निरंतर घटिया कॉन्टेन्ट नहीं दे सकते–

 

बायोपिक या कोई भी अन्य फिल्म बनाना गलत नहीं है, परंतु उसका उद्देश्य सही होना चाहिए। रीमेक भी स्वीकार्य है, यदि ढंग से बनाई गई हो, परंतु बॉलीवुड तो हर क्षेत्र में फिसड्डी है, और विडंबना की बात तो यह है कि वह सुधरना ही नहीं चाहते। यदि वे वास्तव में सुधरने के लिए इच्छुक होते, तो  83 बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह नहीं गिरती। परंतु बॉलीवुड ने मानो शपथ ले ली है – हम नहीं सुधरेंगे!

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