जब से भाजपा की सरकार आई है विकास की बहार आई है। जहां देखों विकास ही विकास, केंद्र की मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था, देश की आत्मनिर्भरता, भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करने, आतंकवाद पर लगाम लगाने, गरीब किसानों के हित में लगातर फैसले लेने सहित कई बड़े काम किए हैं। वहीं, दूसरी ओर यूपी की योगी सरकार भी सफलता के झंडे गाड़ रही है। प्रदेश में विकास की रफ्तार के आगे विपक्षी पार्टियों का टिकना मुश्किल हो गया है। चाहे वह 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज को क्रियाशील करना हो, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो, एयरपोर्ट का शिलान्यास हो, एक्सप्रेस-वे हो या मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षत-विक्षत किए गए हिंदू मंदिरों का पुनरुद्धार, योगी और मोदी की जोड़ी हर मामले में अव्वल है। अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
भाजपा ने एक तरफ अयोध्या की लड़ाई मात्र हिन्दू अस्मिता के लिए लड़ी थी, लेकिन अब हालात यह है कि भाजपा के लिए अयोध्या एक विशाल किले के रूप में स्थापित हो गया है और सिर्फ अयोध्या के दम पर न जाने कितने वर्षों तक भाजपा सत्ता में रह सकती है। यह किला इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि वह धार्मिक स्थल है। यह इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि अयोध्या में जो विकास कार्य हो रहा है, वह अपने आप में एक अप्रतिम उपलब्धि है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने जब रामजन्म भूमि मामले पर अपना फैसला सुनाया था, तो किसी को नहीं मालूम था कि अयोध्या में इस स्तर पर भी विकास हो सकता है। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या को पूर्ण रूप से बदलने के लिए सरकार कमर कस चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार की विस्तृत योजनाओं में रिसॉर्ट, एक पांच सितारा होटल, अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल और एक हवाई अड्डे का निर्माण शामिल है। इक्ष्वाकुपुरी विकास प्राधिकरण (आईडीए) की प्रस्तावित स्थापना के साथ अयोध्या शहर को नए दशक में एक नया विकास प्राधिकरण मिल सकता है।
होटल उद्योग में दिख रही जबरदस्त वृद्धि
वर्ष 2019 में फैसले के एक महीने बाद खबरों में यह बताया जा रहा था कि अयोध्या में पांच सितारा होटल बनाने और 10 रिसॉर्ट स्थापित करने का काम दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। अब उस संख्या को 20 से ज्यादा कर लीजिए। यूपी सरकार को अयोध्या में होटल बनाने के लिए 295 करोड़ रुपये के कम से कम 20 प्रस्ताव मिले हैं। सूची में तीन लग्जरी और 11 बजट होटल के अलावा एक रिसॉर्ट और एक थीम पार्क का प्रस्ताव शामिल है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इन प्रस्तावों की समीक्षा की है।
राज्य के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने मौके पर बताया, “अब से पांच वर्षों में अयोध्या में दैनिक लोगों की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है। हमारे अनुमान से पता चलता है कि लगभग 20% पर्यटक रात बिताते हैं, जबकि शेष आगंतुक आते-जाते रहते हैं। राम मंदिर बनने के साथ, यह समीकरण बदलना तय है और लोगों को रहने के लिए जगहों की आवश्यकता होगी। इस प्रकार, विभिन्न श्रेणियों में अधिक होटल, समय की आवश्यकता है।”
आपको बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अयोध्या में पर्यटकों की संख्या पिछले एक दशक में लगातार बढ़ी है। वर्ष 2011 में लगभग 1.2 करोड़ पर्यटकों से यह संख्या बढ़कर वर्ष 2019 में लगभग 2 करोड़ तक पहुंच गई है। यूपी पर्यटन विभाग ने गणना की है कि अयोध्या में 2025 तक फुटफॉल 3.9 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने ऐसे श्रद्धालुओं की चिंता करते हुए कहा था कि “दुनिया भर से राम के भक्त अब अयोध्या आएंगे, जिसके लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है।”
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अयोध्या में तैयार होगा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा
अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण भी होना है, जिसका जल्द ही शिलान्यास होने वाला है। शहर में अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल के निर्माण के अलावा अयोध्या रेलवे स्टेशन का विस्तार भी किया जा रहा है। इसके अलावा, फैजाबाद और अयोध्या के बीच 5 किमी लंबा फ्लाईओवर भी बनाया जा रहा है। मंडुआडीह स्टेशन का कायाकल्प बदलने वाली भाजपा ने अयोध्या रेलवे स्टेशन को भव्य बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। भगवान राम के विशाल मंदिर के पूरा होने के बाद, भक्तों की दैनिक भीड़ में वृद्धि की प्रत्याशा में, नया अयोध्या रेलवे स्टेशन भी बनाया जा रहा है।
रेलवे स्टेशन को 4,000 की मौजूदा संख्या के स्थान पर एक दिन में लगभग 15,000 यात्रियों को संभालने के लिए तैयार किया जा रहा है। स्टेशन में 1,400 वर्ग मीटर का प्रतीक्षा क्षेत्र, 14 कक्ष और 76 डोरमेट्री होगी, जिसमें पुरुषों के लिए 44 और महिलाओं के लिए 32 शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि भूतल और पहली मंजिल पर कम से कम सात दुकानों के साथ फूड प्लाजा का निर्माण किया जाएगा।
स्टेशन पर पार्किंग की सुविधा 134 कारों, 68 ऑटो-रिक्शा और 96 दोपहिया वाहनों को समायोजित करने के लिए बनाई जाएगी। स्टेशन में चार लिफ्ट और छह एस्केलेटर भी लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में 126 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है। वर्तमान में अयोध्या मार्ग से करीब 22 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती या गुजरती हैं और छह यात्री ट्रेनें भी स्टेशन पर आ रही हैं। भविष्य में यह संख्या दोगुनी होने की संभावना है।
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जमीन की कीमतों में भारी उछाल
मंदिर निर्माण के साथ ही आंचलिक क्षेत्रों तक जमीन की कीमत में ताबड़तोड़ वृद्धि देखी जा रही है। अयोध्या शहर के बाहरी इलाके में जो जमीन पिछले साल 400-500 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से उपलब्ध थी, वही जमीन अब 1,000-1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट मिल रही है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या में अचल संपत्ति की कीमतें राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ समारोह के बाद से दोगुनी हो गई है, जिसमें पवित्र भूमि में संपत्ति रखने की इच्छा रखने वाले कई लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस स्थान पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के बाद पिछले साल जिले में संपत्ति की दरें बढ़ने लगी।
संपत्ति से संबंधित विकास के बारे में जागरूक लोगों ने कहा कि कीमतों में तेजी से वृद्धि में योगदान करने के लिए अचल संपत्ति की सीमित उपलब्धता है, क्योंकि सरकार एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संपत्ति की कीमतों में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस साल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘भूमि पूजन’ समारोह के बाद से लगभग दोगुनी हो गई है।
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सरयू नदी पर क्रूज शुरु करने की योजना
विकास योजना का विवरण देते हुए अयोध्या संभाग में सूचना उप निदेशक मुरलीधर सिंह ने कहा, “अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन किया जाएगा। अयोध्या में सरयू नदी पर नदी क्रूज शुरू करने की योजना है। अयोध्या को तिरुपति जैसा बनाने में लगभग चार साल लगेंगे। पूरी परियोजना के 2040-41 तक स्थिर होने की संभावना है।” यूपी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए आउटलुक को बताया कि यह “यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह अयोध्या को वैश्विक स्तर पर पहुंचाएगा, और मंदिर शहर में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा”।
इनके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार सरयू नदी पर एक क्रूज शुरू करने की भी योजना बना रही है। मतलब साफ है कि योगी आदित्यनाथ और भाजपा अयोध्या को एकदम अव्वल दर्जे का शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कदम से एक उज्जवल उत्तर प्रदेश का होना तय हो गया है।