मुख्य बिंदु
- भाजपा में पदोन्नति ना मिलने पर ट्विटर पर छलका बाबुल सुप्रियो का दर्द
- ट्विटर पर कही, बॉस के प्रति अपना सम्मान खोने की बात
- एक यूजर ने TMC नेता के ट्वीट पर की थी केंद्र सरकार की प्रशंसा
दरअसल, बीते बुधवार को एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने ट्विटर पर केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास और लोगों को उनके जीवन में सुविधा प्रदान करने हेतु की सराहना की तब पूर्व केंद्रीय मंत्री और अब तृणमूल कांग्रेस के सदस्य बाबुल सुप्रियो ने उस पर कटाक्ष किया। फिर उस टिप्पणी का जवाब देते हुए, सुप्रियो ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला पोस्ट की, जिसमें बाबुल सुप्रियो ने यह दावा करते हुए भाजपा का दामन छोड़ने को उचित ठहराया कि वह पदोन्नति के योग्य थे लेकिन उन्हें पदोन्नति नहीं मिली।
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ट्विटर पर छलका बाबुल सुप्रियो का दर्द
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा “मैं एक MoS के रूप में लगन और सफलतापूर्वक काम करने के बाद और 7 साल तक बेदाग काम करने के बाद पदोन्नति का हकदार था, लेकिन अगर मुझे मेरी कड़ी मेहनत के लिए स्वीकार नहीं किया जाता है, तो मैं अपने बॉस के लिए सम्मान खो दूंगा।” बता दें कि सुप्रियो ने एक ट्विटर थ्रेड अपना में खेद तब व्यक्त किया जब एक उपयोगकर्ता ने TMC नेता के ट्वीट पर केंद्र सरकार की प्रशंसा की, जिसमें रेल मंत्रालय द्वारा बालीघाट में लिफ्ट की स्थापना के बारे में बताया गया था।
बाबुल सुप्रियो ने आगे लिखा, “उन्हें इतने स्नेह और प्यार से पार्टी में बुलाने, उनके काम को स्वीकार करने और उन्हें बंगाल के लोगों के लिए काम करने हेतु प्रेरित करने के लिए TMC प्रमुख ममता बनर्जी और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की प्रशंसा की।” बाबुल सुप्रियो द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट का जवाब देते हुए यूजर ने कहा, “तो आप अभी भी सहमत होंगे कि केंद्र में भाजपा वास्तव में बुनियादी ढांचे को बदल रही है और लोगों को उनके जीवन को सुविधाजनक बनाने में सहायता कर रही है।”
I deserved a promotion after diligently & successfully working as a MoS & spotlessly too for 7 years but If I do t get acknowledged for my hard work, I lose respect for my Bosses & if there no respect, there no point in handing on cuz I won't be able to give my best when dejected
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) January 19, 2022
ज्ञात हो कि बहुत पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने केंद्र के विकासात्मक प्रयासों को कम करके और पश्चिम बंगाल में परियोजनाओं को पूरा करने में अपने स्वयं के योगदान का एक विस्तृत सूत्र पोस्ट किया था। उन्होंने खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश किया, जिन्होंने पश्चिम बंगाल में परियोजनाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाबुल ने याद किया कि कैसे उन्होंने 2015 में व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि वह उन्हें (केंद्र सरकार) रुकी हुई ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना की जिम्मेदारी सौंप दें।
बंगाल हिंसा में बाबुल सुप्रियो ने मूंद ली थीं आंखें
वहीं, TMC में जाने का बचाव करते हुए, बाबुल सुप्रियो ने बाद में कहा कि वह ऐसे नेताओं के साथ काम नहीं करते हैं, जो अपने सैनिकों का सम्मान नहीं करते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं अपने जीवन और निर्णयों का राजा हूं बॉस, मैं गुलामी नहीं करता और इसलिए मैंने आसनसोल के सांसद के रूप में इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कृपया मेरे फेसबुक की जांच करें, मैं अभी भी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा हूं और ऐसा करना जारी रखूंगा।”
बताते चलें कि बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा से ज्यादा बाबुल सुप्रियो को अपनी कार की चिंता थी। यह उल्लेखनीय है कि बाबुल सुप्रियो खुद को एक ईमानदार राजनेता के रूप में दिखाने में लगे हुए थे किन्तु जब बंगाल में भीषण राजनीतिक दंगा भड़क गया था तब बाबुल सुप्रियो ने भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के समय अपनी आंखें मूंद ली थीं।
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ऐसे में, संभवतः TMC के कुछ दंगाइयों द्वारा जब पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं और हिंदुओं पर व्यवस्थित रूप से हमला किया गया था तब सुप्रियो ने पीड़ितों की मदद के समय यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वह कहीं नहीं जाएंगे क्योंकि उनकी कार पर भी हमला किया हो सकता है। वहीं, सितंबर 2021 में बाबुल सुप्रियो भाजपा का दामन छोड़कर TMC में शामिल हो गए थे और इसके कुछ महीने बाद ही उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।